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जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने नये सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला

जनरल नरवाने इससे पहले उप सेना प्रमुख रह चुके हैं। उन्होंने जनरल बिपिन रावत का स्थान लिया है।
General Manoj Mukund Naravane
फोटो साभार : एनडीटीवी ख़बर

दिल्ली: जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने मंगलवार को थल सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला। उन्होंने जनरल बिपिन रावत का स्थान लिया है।
जनरल नरवाने इससे पहले उप सेना प्रमुख रह चुके हैं।

अपनी 37 वर्षों की सेवा में जनरल नरवाने जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में पीस, फील्ड और उग्रवाद विरोधी अभियानों और कई कमानों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

वह जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन तथा पूर्वी मोर्चे पर इंफेंट्री ब्रिगेड में भी सेवा दे चुके हैं।

उप सेना प्रमुख नियुक्त होने से पहले जनरल नरवाने सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे जो चीन के साथ लगती भारत की लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी सीमा की रक्षा करती है।

नये सेना प्रमुख के नेतृत्व में सेना के नयी ऊंचाइयों को छूने की उम्मीद : जनरल बिपिन रावत

निवर्तमान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने विदाई सलामी गारद के बाद उम्मीद जताई कि नये सैन्य प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने के नेतृत्व में सेना नयी ऊंचाइयों को छुएगी।

उनसे जब यह पूछा गया कि क्या सेना देश के सामने खड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए अब ज्यादा अच्छे से तैयार है, उन्होंने कहा, “हां हम ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार हैं।”

जनरल रावत ने साउथ ब्लॉक के प्रांगण में सलामी गारद लेने के बाद मीडिया से बातचीत की। उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि भी दी।

उन्होंने कहा, “मैं सभी सैनिकों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहता हूं जो हमारे सशस्त्र बलों की परंपराओं के अनुरूप, चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अटल रहते हैं और अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हैं। ’’

जनरल रावत को भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ भी नियुक्त किया गया है जो सैन्य मामलों के नवगठित विभाग का कार्य देखेंगे। सीडीएस के तहत तीनों सेनाओं की एजेंसियां, संगठन एवं साइबर एवं स्पेस से जुड़े कमान आएंगे और वह परमाणु कमान प्राधिकरण के सैन्य सलाहकार के तौर पर भी कार्य करेंगे।

सीडीएस के तौर पर उनकी प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मैं फिलहाल सेना प्रमुख के तौर पर अपने कार्य पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। मैं अपनी अगली नौकरी के बारे में तब विचार करुंगा जब मैं अगला पद संभालूंगा।”

जनरल रावत ने 31 दिसंबर, 2016 को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का पदभार संभाला था और उत्कृष्ट सेवा के बाद वह इस पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने पाकिस्तान के साथ लगने वाली नियंत्रण रेखा (एलओसी), चीन के साथ लगने वाली नियंत्रण रेखा (एलएसी) और पूर्वोत्तर समेत कई इलाकों में अभियान संबंधी जिम्मेदारियां निभाई हैं।

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