हमास और फ़तह ने समझौते के साथ फ़िलिस्तीनी चुनावों की घोषणा की
दो मुख्य फिलिस्तीनी समूहों हमास और फतह ने घोषणा की कि उन्होंने लगभग 15 वर्षों में पहली बार फिलिस्तीनी चुनाव कराने के लिए 24 सितंबर गुरुवार को एक समझौता किया है। फतह मूवमेंट के महासचिव जिब्रील रजौब ने रामल्ला में इस समझौते की घोषणा की और कहा कि चुनाव अगले 6 महीनों के भीतर होंगे।
फिलिस्तीनी गुट इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए तुर्की की राजधानी अंकारा में पिछले कुछ दिनों से बैठक कर रहे थे जो इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति महमूद अब्बास और हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानिया के बीच पहली बार हुआ था।
फिलिस्तीनी गुटों के बीच विभाजन के कारण कमजोर हुए आंदोलन पर सहमति व्यक्त करते हुए रजौब ने घोषणा की कि, "राष्ट्रीय एकता का निर्माण इस समझौते का एक रणनीतिक लक्ष्य है और चुनावों के लिए हमारा रास्ता है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया ही हमारी राजनीतिक व्यवस्था के निर्माण का एकमात्र तरीका है।" इसे फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफए ने रिपोर्ट किया है।
पूर्वी येरुशलम सहित सभी क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में मतदान होगा। सोमवार से अंकारा में मिले प्रतिनिधिमंडल में फतह के जिब्रील रजौब और हमास के सालेह अउरी शामिल थें। बुधवार को जो समझौता हुआ वह अनुमोदन के लिए 1 अक्टूबर को आयोजित होने वाले फिलिस्तीनी गुटों के प्रमुखों की अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
दो मुख्य गुटों के बीच असहमति फिलिस्तीनी चुनावों में हमास की 2006 की आश्चर्यजनक जीत के बाद उभरी थी। साल 2007 से हमास गाजा पर स्वतंत्र रूप से शासन कर रहा है, जबकि फिलिस्तीनी प्राधिकरण फतह के नियंत्रण में था। सुलह के पहले के कई प्रयास विफल हो गए थे। क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों के औपचारिक एनेक्सेशन की हाल में इज़रायल की घोषणा और यूएई और बहरीन की इजरायल के साथ रिश्तों को "सामान्य" करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की हालिया इजरायल घोषणा ने इन गुटों को अपनी असहमति समाप्त करने और क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने के लिए एकजुट होने के लिए प्रेरित किया।
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