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ट्यूनीशियाई राज्य समाचार एजेंसी टीएपी के विवादास्पद प्रमुख ने विरोध के बाद इस्तीफा दिया

देश के पत्रकार संघ ने बाद में घोषणा की कि वह 22 अप्रैल को अपनी पहली हड़ताल की योजना को वापस लेगा और इसके साथ ही सरकार के बारे में समाचारों के बहिष्कार को भी बंद करेगा।

Tunisia

विवादास्पद नियुक्ति के खिलाफ कुछ दिनों तक चले तीव्र विरोध प्रदर्शनों के बाद, राज्य के स्वामित्व वाली ट्यूनीशियाई ट्यूनिस अफ्रिक प्रेस (टीएपी) समाचार एजेंसी, के बाद उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी कामेल बेन यून्स, ने सोमवार 19 अप्रैल, 2021 को अपना इस्तीफा दे दिया। टीएपी के पत्रकारों के बीच उनकी नियुक्ति के खिलाफ काफी रोष था। प्रदर्शनकारियों का आरोप था  कि यून्स की नियुक्ति राजनीतिक थी और यह संपादकीय स्वतंत्रता को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर्ता जो समाचार एजेंसी ने 2011 की ट्यूनीशियाई क्रांति के बाद से पिछले 10 वर्षों में बनाई है ।

रॉयटर्स समाचार एजेंसी को भेजे गए एक पत्र में, बेन यून्स ने इस्तीफा देने के अपने कारणों को समझाया। उन्होंने तर्क दिया कि, "मैंने राजनीतिक तनाव या राज्य मीडिया संगठन के उत्कृष्ट  प्रबंधन, जिसमें व्यापक सुधार योजना की आवश्यकता है, इसमें प्रशासक और पत्रकार शामिल हैं, मैंने इन सब में शामिल होने से बचने के लिए इस्तीफा दिया है।"

यूनुस पर विरोध करने वाले पत्रकारों ने आरोप लगाया था कि को इस्लामवादी एन्नाहदा पार्टी के कारीबी हैं, जिसकी ट्यूनीशियाई संसद में सबसे अधिक सीटें हैं। और इसके परिणामस्वरूप, कई लोग उनकी नियुक्ति को प्रधान मंत्री की राजनीतिक मजबूरी के रूप में देख रहे थे। ऐसा फैसला जो उन्होंने अपनी गठबंधन सरकार के लिए भविष्य में एननाहदा पार्टी के समर्थन को सुनिश्चित करने के लिए लिया था।

बेन यून्स ने पहले अपने खिलाफ सभी आरोपों से लगातार इनकार किया था और कहा था कि वह राजनीतिक रूप से स्वतंत्र पत्रकार हैं।

वह पूर्व ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति ज़ीन एल अबिदीन बेन अली के तानाशाही शासनकाल के दौरान अपनी पिछली भूमिका के कारण भी उन्हें जबरदस्त  विरोध झेलना पड़ा था। पत्रकारों ने उन पर शासन के लिए एक प्रचारक के रूप में कार्य करने का आरोप लगाया। उन पर कथित तौर पर भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रोकने और सीमित करने के साथ-साथ प्रेस की आजादी और देश में संघ की गतिविधि के खिलाफ बोलने का भी आरोप है।

इस्तीफे की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए, द नैशनल सिंडिकेट फॉर ट्यूनीशियन जर्नलिस्ट्स (एसएनजेटी) ने घोषणा की कि वह 22 अप्रैल को होने वाली अपनी नियोजित पहली हड़ताल को रद्द करेगा। एसएनजेटी ने यह भी घोषणा की कि वह सरकारी खबरों के बहिष्कार को भी समाप्त कर देगा और फिर से सरकार से संबंधित समाचारों की रिपोर्टिंग और कवर करना शुरू कर देगा।

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