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कोरोनो वायरस की कितनी बड़ी कीमत चुकाएगी दुनिया?

अगर दक्षिण कोरिया, इटली, जापान, फ्रांस और जर्मनी को अधिक गंभीर नुकसान पहुंचता है और अमेरिका, भारत, ब्रिटेन, कनाडा और ब्राजील को हल्का झटका लगता है तो इसका अर्थ है कि दुनिया की सभी 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी आ सकती है।
coronavirus
Image courtesy: The Week

चीन के हुबेई प्रांत में शुरू हुई कोरोनो वायरस महामारी तेजी से करीब 120 देशों में फैल चुकी है। दक्षिण कोरिया से लेकर इटली और ईरान तक कई देशों में इसका बड़ा प्रकोप फैल चुका है। ट्रम्प ने तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के कारण अमेरिका में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की है। दुनिया भर में कोरोनावायरस से 1,38,000 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और 5,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। रोजमर्रा की जिंदगी पर कोरोनो वायरस का प्रभाव दुनिया भर में गहरा हो गया है। कई देशों में पहली बार कोरोना वायरस के मामले पाये गये हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने यूरोप को महामारी का नया केंद्र बताया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 26 यूरोपीय देशों के लोगों को एक महीने के लिए अमेरिका की यात्रा से रोकने के लिए व्यापक प्रतिबंधों की घोषणा की है। अमेरिकी शेयर बाजार में पिछले एक महीने में 20% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। इससे आने वाले दिनों में शेयरों में और गिरावट होने की आशंका है। सऊदी अरब ने भी कोरोनो वायरस के खतरे को देखते हुए यूरोपीय संघ और 12 अन्य देशों पर उड़ान और यात्रा प्रतिबंध लगाया है। प्रभावित राज्यों के नागरिकों और निवासियों को वापस लौटने के लिए 72 घंटे का समय दिया गया है।

सऊदी अरब ने पहले ही पड़ोसी अरब राज्यों सहित कुल 19 देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया था। जिन लोगों ने देश में प्रवेश करते समय सही स्वास्थ्य जानकारी और यात्रा विवरण का खुलासा नहीं किया है उन लोगों पर 500,000 रियाल (1,33,000 डॉलर) का जुर्माना लगाया जाएगा। सऊदी अरब ने अन्य निवारक उपायों के तहत कातिफ के तेल उत्पादन क्षेत्र में पूरी तरह बंदी का फैसला किया है।

एयरलाइन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वैश्विक उद्योग समूह इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) ने पिछले हफ्ते अनुमान लगाया था कि कोरोना वायरस संकट के कारण हवाई यातायात उद्योग को 113 अरब डॉलर के राजस्व का नुकसान हो सकता है। यह पूर्वानुमान अमेरिकी के यूरोपीय देशों से यात्रा प्रतिबंध लागू करने से पहले आया था। आईएटीए का मानना है कि यदि कोरोना वायरस लंबे समय तक कायम रहा तो 2020 में कई एयरलाइन कंपनियों के दिवालिया होने का खतरा पैदा हो जाएगा।

ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने अर्थव्यवस्था में 17.6 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (11.4 अरब डॉलर) खर्च करने की घोषणा की है। जिससे कोरोनो वायरस प्रकोप के आर्थिक असर से फैलने वाली मंदी को रोकने की कोशिश की जा सके। ऑस्ट्रेलिया ने अपने यात्रा प्रतिबंधों को और ज्यादा बढ़ा दिया है। 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से ऑस्ट्रेलिया का यह पहला प्रोत्साहन पैकेज है।

कोरोना वायरस से केवल चीन की जीडीपी में हुई गिरावट से ही दुनिया की अर्थव्यवस्था को 2.7 खरब डॉलर का नुकसान हो सकता है, जो ब्रिटेन की संपूर्ण जीडीपी के बराबर है। चीन में मौजूदा आर्थिक हालात, अन्य देशों में कोरोना वायरस के मामलों के प्रसार, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए पैदा जोखिम और वैश्विक अर्थव्यवस्था के वर्तमान मॉडल का अध्ययन करके यह भविष्यवाणी की गई है। विश्व बैंक के 2006 के एक अध्ययन में तो एक गंभीर फ्लू महामारी के कारण वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 4.8% की संभावित गिरावट आने का अनुमान लगाया गया था।

महामारी की शुरुआत के बाद से चीन में ऑटोमोबाइल की बिक्री 80% गिर गई है, यात्री यातायात सामान्य स्तर से 85% नीचे है। इससे फैलने वाली आर्थिक गिरावट से अमेरिकी, यूरोपीय क्षेत्र और जापान में मंदी भी आ सकती है। ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स का अनुमान है कि 2020 की पहली तिमाही में विश्व की जीडीपी की वृद्धि दर धीमी होकर 1.2% रह गई है, जो सबसे कम है।

यदि चीन में मार्च में जल्दी सुधार नहीं आता है, तो और भी नुकसान हो सकता है। दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए चीन मांग के स्रोत, आपूर्ति के स्रोत को तौर लगातार चिंता का विषय है। चीन में पहली तिमाही की जीडीपी वृद्धि का हालिया अनुमान केवल 3.5% है, जो कि 1980 के दशक में देंग शियाओपिंग के सुधारों के शुरू होने के बाद से सबसे धीमा है।

2019 में चीन का आयात 2.1 ट्रिलियन डॉलर रहा था। चीन विभिन्न पुर्जों का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है। जब चीनी फैक्ट्रियां बंद हो जाती हैं, तो ऐप्पल के आईफ़ोन से लेकर निर्माण मशीनरी तक हर चीज़ में जाने वाले पुर्जे मिलने मुश्किल हो जाते हैं। यदि चीन जल्दी से महामारी पर नियंत्रण कर लेता है, और दुनिया का कारखाना दूसरी तिमाही में काम पर वापसी कर लेता है, तो बाकी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

चीनी आपूर्तिकर्ताओं और वैश्विक खरीदारों को जोड़ने वाले मुख्य प्लेटफार्मों में से एक मेड-इन-चाइना डॉटकॉम द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह पाया गया कि फरवरी के अंत तक 80% विनिर्माण फर्मों ने कार्य संचालन फिर से शुरू कर दिया था। इससे अप्रैल के अंत तक उत्पादन क्षमता वापस सामान्य हो जानी चाहिए। अगर ऐसा होता है, तो पहली छमाही में एक जोरदार झटका लगेगा और दूसरी छमाही में हालात सुधर जाएंगे। चीन के झिंजियांग प्रांत में स्थित एक कंपनी के हिसाब से तो सभी श्रमिक अब कारखाने में वापस आ गए हैं। लेकिन अब वे विदेशों से कम ऑर्डर की मिलने की समस्या का सामना करने की तैयारी कर रहे हैं।

चीन के अलावा अगर दक्षिण कोरिया, इटली, जापान, फ्रांस, जर्मनी और अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं भी कोरोनावायरस की चपेट में आती हैं, तो कोरोनावायरस फैलने से पहले का 2020 का वार्षिक वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर का 3.1 % का पूर्वानुमान घटकर 2.3% हो सकता है।

अगर दक्षिण कोरिया, इटली, जापान, फ्रांस और जर्मनी को अधिक गंभीर नुकसान पहुंचता है और अमेरिका, भारत, ब्रिटेन, कनाडा और ब्राजील को हल्का झटका लगता है तो इसका अर्थ है कि दुनिया की सभी 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी आ सकती है। क्योंकि वे वायरस के घरेलू प्रसार को रोकने के लिए लड़ने मे लग जाएंगी। इस परिदृश्य में 2020 के लिए वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 1.2% तक गिर सकती है। इसके कारण यूरोपीय क्षेत्र और जापान मंदी में चले जाएंगे और अमेरिकी विकास दर गिरकर 0.5% तक हो जाएगी।

दुनिया की 36 सबसे उन्नत अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले पेरिस स्थित प्रभावशाली समूह ओईसीडी ने वैश्विक विकास दर के 2.9% अनुमान को घटाकर 2.4% रहने की उम्मीद जताई है। ओईसीडी ने चेतावनी दी कि यह गिरकर 1.5% तक रह सकती है। गोल्डमैन सैक्स को भी वर्ष की पहली छमाही में वैश्विक स्तर पर एक बड़ी गिरावट की उम्मीद है। ओईसीडी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यूरोपीय संघ के साथ ब्रेक्सिट व्यापार वार्ता में विफलता के बाद यूरोपीय संघ पहले भी एक बड़े जोखिम का सामना कर रहे हैं। ओईसीडी ने दुनिया भर की सरकारों से एक साथ काम करने के लिए अधिक से अधिक कदम उठाने का आग्रह किया है।

विश्व व्यापार संगठन के प्रमुख रॉबर्टो अज़ेवेदो ने भी कहा कि उन्हें महामारी के वैश्विक अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के एक कर्मचारी को नोवल कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि के बाद डब्ल्यूटीओ ने सभी बैठकों को 20 मार्च तक स्थगित करने की घोषणा की है। यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्था के प्रवक्ता पाओलो जेंटिलोनी का मानना है कि व्यावसायिक गतिविधियों पर वायरस का भारी असर यूरोपीय संघ और यूरोपीय देशों को अपने खर्च बढ़ाने के लिए मजबूर करेगा।

कोरोना वायरस प्रकोप के कारण 2020 में उत्तरी गोलार्ध में विकसित अर्थव्यवस्थाओं को गंभीर रूप से क्षति पहुंचने की आशंका है। एक अनुमान के हिसाब से दुनिया भर के वित्तीय बाजारों में कोरोना वायरस के कारण लगभग 20% तक की गिरावट आएगी। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 37 अरब डॉलर के ट्रेजरी बांड खरीदने घोषणा की है जिससे बाजार में नकदी तरलता को बढ़ाया जा सके।

जापान के केंद्रीय बैंक ने जापानी सरकार के 5 से 10 वर्ष के 200 बिलियन येन (1.90 बिलियन डॉलर) कीमत के बांडों को खरीदने का वादा किया है और दो सप्ताह में 1.5 ट्रिलियन येन का अतिरिक्त ऋण देने का वादा किया है। यूरोपीय संघ ने कोरोनो वायरस प्रभाव से मंद अर्थव्यवस्थाओं को गति देने के लिए एक पैकेज के हिस्से के रूप में 37 बिलियन यूरो (41 बिलियन डॉलर) की निवेश की पहल का प्रस्ताव रखा है।

इसके बावजूद देशों के केंद्रीय बैंक केवल अपने बल पर अर्थव्यवस्थाओं को कोरोना वायरस के असर से बचाने में असमर्थ साबित होंगे। यह एक ऐसा झटका है जिसे अकेले केंद्रीय बैंकों द्वारा संभाला नहीं जा सकता है। संकट से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है। दुनिया की दो बड़ी आर्थिक ताकतों वाशिंगटन और बीजिंग को ज्यादा सहयोगी रुख दिखाना होगा।

ओईसीडी का मानना है कि विश्व के नेताओं को कोरोना वायरस के आर्थिक असर से निपटने के लिये तेजी से कार्य करने की जरूरत है। सभी देशों के लिए अपने सबसे कमजोर सामाजिक समूहों की स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों और श्रमिकों और व्यवसायों की सुरक्षा के लिए अधिक आर्थिक समर्थन देना चाहिये। जिससे कोरोना वायरस के आर्थिक असर को कम से कम रखा जा सके।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

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