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IIT-BHU गैंगरेप केसः राजभवन का घेराव करने जा रहे कांग्रेस नेताओं की पुलिस से झड़प

सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करते हुए नाराज़गी ज़ाहिर की और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की।
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उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने वाराणसी के IIT-BHU में बीटेक द्वितीय वर्ष की एक छात्रा से हुए गैंगरेप की घटना में शामिल आरोपियों को बचाने के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए प्रदेश भर में जबर्दस्त प्रदर्शन किया। बनारस, मऊ, बदायूं समेत राज्य भर में कांग्रेस ने जिला मुख्यालयों पर पहुंचकर नारेबाजी की। इस दौरान अभियुक्तों के घरों पर बुल्डोजर चलाने और छात्रा के साथ गैंगरेप करने वाले बीजेपी आईटी सेल से जुड़े अभियुक्तों को पनाह देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई।

राजधानी लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय के पास भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल ने आईआईटी-बीएचयू सामूहिक बलात्कार मामले में शामिल आरोपियों को बचाने की कोशिश की थी। लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ता पूर्वाह्न में पार्टी कार्यालय पर जुटे। पूर्व मंत्री नकुल दुबे और जिला अध्यक्ष वेद प्रकाश त्रिपाठी के नेतृत्व में राजभवन कूच किया। उन्होंने हाथों में पोस्टर और बैनर ले रखे थे जिन पर सरकार विरोधी नारे लिखे हुए थे। महिलाएं लगातार नारेबाजी कर रही थी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ जैसे ही राजभवन की तरफ बढ़ी। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर वहीं पर रोक लिया। महिलाएं बैरिकेडिंग पर चढ़ गईं। इसपर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से तीखी झड़प हुई। इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का मुक्की भी हुई। महिला कार्यकर्ताओं ने बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

कांग्रेसी नेताओं ने कहा, "आज पूरा प्रदेश अपराध की आग में जल रहा है। अपराधी बेखौफ होकर रोज अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। 2023 की NCRBरिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश महिलाओं के प्रति अपराधों के मामलों में पहले स्थान पर है। हालात कितने खराब हो गए हैं। कांग्रेसी नेताओं ने पूछा- आरोपियों की पहचान होने के बाद भी उनको गिरफ्तार करने में 2 महीने क्यों लग गए। इस पर प्रश्नचिन्ह लगना स्वाभाविक है कि क्या 5राज्यों में चुनाव के कारण भाजपा आरोपियों को बचा रही थी?"

"अगर छात्रों और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का इस मामले पर दबाव नहीं होता तो शायद ही आरोपी पकड़े जाते। यह स्पष्ट रूप से संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है और दुर्भाग्य तो यह है कि यह घटना भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की है। इस घटना को अंजाम देने वाले भाजपा के ही पदाधिकारी रहे हैं।"

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मनीष हिंदवी ने कहा,"पिछले साल नवंबर में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आईआईटी की एक छात्रा ने सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान की मगर उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रचार के लिए भेज दिया गया। काफी दबाव पड़ने पर दो महीने बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। यह निश्चित रूप से सत्ता का दुरुपयोग है।" उन्होंने आईआईटी-बीएचयू मामले में वाराणसी में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने की भी मांग की।

कांग्रेस महिला कार्यकर्ताओं ने कहा कि बीजेपी सरकार औरतों की इज्जत नहीं करती। IIT-BHU की छात्रा के साथ गैंगरेप करने वाले आरोपियों को संरक्षण देने वाले अभी तक नहीं पकड़े जा सके हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में औरतें महफूज नहीं हैं। महिलाओं को बलात्कारियों से बचाया जाए। कांग्रेस महिलाओं की सुरक्षा और उनके सम्मान को लेकर आंदोलन करती रहेगी। कांग्रेस की ओर से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपकर उनसे मांग की गई है कि उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए। वाराणसी की बेटियों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस घटना के लिए देश की बेटियों से माफी मांगनी चाहिए।

बनारस में जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल और महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे के साथ सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता बुधवार दोपहर जिला मुख्यालय पर पहुंचे। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुएIIT-BHUकेस के आरोपियों के पोस्टर लहराए। सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की।

महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा, "IIT-BHUकी एक छात्रा के साथ कैंपस के अंदर गैंगरेप की घटना करने वाले भाजपा के नेता आरोपियों ने घटना की वीडियो भी बनाई। मुख्य आरोपी कुणाल पांडे संयोजक बीजेपी आईटी सेल बनारस, सक्षम पटेल सह संयोजक बीजेपी आईटी सेल बनारस और तीसरा आरोपी आनंद उर्फ अभिषेक चौहान कार्यसमिति सदस्य बीजेपी आईटी सेल के हैं और दो माह तक सत्ता संरक्षण के दबाव और इनकी राजनीतिक हनक के कारण पुलिस ने कार्रवाई में रुचि नहीं दिखाई। इस घटना से पूरे सूबे की लड़कियों में आक्रोश है। लड़कियां घरों से निकलने में डर रही हैं। सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कैंपस में हुई घटना से सभी विश्वविद्यालयों में भी डर और भय का माहौल है।"

उल्लेखनीय है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में एक नवंबर की रात को आईआईटी की एक छात्रा अपने एक दोस्त के साथ अपने छात्रावास से बाहर गई थी। वह करमन बाबा मंदिर के पास थी तभी मोटरसाइकिल पर तीन लोग वहां आए और उसे जबरन एक कोने में ले गए और उसे निर्वस्त्र कर उसका वीडियो बनाया और तस्वीरें खींची। बाद में छात्रा ने उससे सामूहिक बलात्कार किये जाने का भी आरोप लगाया था। इस मामले में तीन आरोपियों कुणाल पांडे, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल को गत 31 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था।इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने घटना में भाजपा से संबंधित लोग शामिल हैं, कहने पर उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कराया गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की यह बात बाद में सच साबित हुई। इसलिए उनके ऊपर दर्ज मुकदमे को तत्काल वापस लिया जाए।

बाद में राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन भेजा गया जिसमें पीड़ित छात्रा को सुरक्षा देने, यूपी में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर दर्ज केस वापस लेने और बहनों-बेटियों से भाजपा नेताओं को माफी मांगने की मांग उठाई। कांग्रेसी नेताओं ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। उसके बाद शांतिपूर्वक वापस लौट आए।

(लेखक बनारस के वरिष्‍ठ पत्रकार हैं।) 

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