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उप्र के कई ज़िलों में ‘अग्निपथ’ के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़, ट्रेन के डिब्बे में आग लगाई

अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ युवाओं के प्रदर्शन ने पूरे उत्तर प्रदेश को अपनी चपेट में ले लिया है। बलिया, फिरोजाबाद, अमेठी, वाराणसी, गाज़ियाबाद और कई अन्य शहरों में प्रदर्शन हिंसक हो गए। 
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'भारत माता की जय' और 'अग्निपथ वापस लो' के नारे लगाते हुए सैनिकों की भर्ती से जुड़ी केंद्र की नई योजना ‘अग्निपथ’ का विरोध कर रहे युवाओं ने शुक्रवार को एक ट्रेन के खाली डिब्बे में आग लगा दी और कुछ बसों में तोड़फोड़ की। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
     
पुलिस सूत्रों ने बताया कि बलिया में प्रदर्शनकारी वीरी लोर्क स्टेडियम में एकत्र हुए और फिर रेलवे स्टेशन तक जुलूस निकाला।
     
बलिया-वाराणसी मेमू और बलिया-शाहगंज ट्रेन में नारेबाजी और तोड़फोड़ करने वाले युवकों का एक वीडियो इंटरनेट पर प्रसारित हो रहा है। उन्होंने कथित तौर पर रेलवे गोदाम के पास पथराव भी किया और रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर निजी दुकानों को निशाना बनाया।
     
बलिया के पुलिस अधीक्षक आर के नैय्यर ने बताया कि रेलवे स्टेशन से वापस लौटते समय छात्रों ने यार्ड में खड़ी एक खाली ट्रेन के डिब्बे की खिड़की को तोड़ने का प्रयास किया तथा एक बोगी में आग लगाने की कोशिश की। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आग बुझाने में सहयोग किया।
     
पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) के जनसंपर्क अधिकारी पंकज सिंह ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि,''बलिया रेलवे स्टेशन के बाहर यार्ड में खड़ी एक ट्रेन के खाली डिब्बे में कुछ लोगो ने आग लगा दी, लेकिन आग पर तुरंत काबू पा लिया गया और ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।''
     
सूत्रों ने कहा कि बाहर से आने वाली बसों को भी निशाना बनाया गया है। जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने कहा, ''युवाओं के विरोध की आशंका को देखते हुए सुबह से ही पुलिस तैनात कर दी गई। कुछ अनियंत्रित युवकों ने आकर पथराव करने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन ने उन्हें कामयाब नहीं होने दिया। बलिया रेलवे स्टेशन के एक हिस्से में तोड़फोड़ की गयी। उपद्रवी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।’’
     
पुलिस अधीक्षक राज करण नैयर ने कहा कि युवकों को धरना खत्म करने के लिए राजी किया जा रहा है।
     
उन्होंने कहा, "घटना की वीडियोग्राफी कर ली गई है। अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।"
     
फिरोजाबाद से मिली रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बसों में तोड़फोड़ की । प्रदर्शनकारियों ने बसों को रोकने के लिए बैरियर लगाकर उनमें तोड़फोड़ की। 
     
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अखिलेश नारायण ने बताया,''सुबह करीब सात बजे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के थाना मटसेना इलाके में कुछ उपद्रवी राजमार्ग पर आ गए और उन्होंने बैरियर लगाकर चार बसों में तोड़फोड़ की। इस दौरान बस में बैठे यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। बाद में सभी यात्रियों को दूसरी बसों से रवाना किया गया।''
     
उन्होंने बताया कि जिन बसों में तोड़फोड़ की गई है उनमें गोरखपुर से दिल्ली, बस्ती से गाजियाबाद, गोरखपुर से दिल्ली और दिल्ली से गोरखपुर जा रही बस शामिल हैं। 
     
तोड़फोड़ करने वाले लोग आसपास के ही गांव के बताए गए हैं जिन्हें चिह्नित करने की कार्रवाई की जा रही है।
 
अमेठी से मिली खबर के अनुसार केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर शुक्रवार को यहां युवाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया
  
जानकारी के मुताबिक युवाओं ने योजना का विरोध करते हुए विकासखंड भादर मुख्यालय पर दुर्गापुर-अमेठी मार्ग को जाम कर दिया जिसे खाली कराने के लिए पुलिस प्रशासन को भारी मशक्कत करनी पड़ी।
 
वाराणसी से मिली खबर के अनुसार केंद्र सरकार की इस योजना के विरोध में वाराणसी में युवाओं ने प्रदर्शन करने के साथ ही कई जगहों पर तोड़फोड़ की। कैंट स्टेशन पर सैकड़ों युवाओं ने सरकार विरोधी नारे लगाए और स्टेशन के सामने कई रोडवेज की बसों और ठेलों को क्षतिग्रस्त कर दिया। 
     
पुलिस बल के खदेड़ने पर उपद्रवी युवाओं की टोली महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की तरफ भागी और फिर पथराव करने लगी। युवाओं ने लहरतारा स्थित डीआरएम कार्यालय के सामने भी बसों में तोड़फोड़ की।
     
मौके पर पहुंचे पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने कहा कि कानून व्यवस्था को हाथ में लेने वालों से हमने शांति की अपील की है। जो लोग नहीं मानेंगे उनके साथ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
 
उल्लेखनीय है कि सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन करते हुए तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी। इसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी। 
     
योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा।
देश के प्रमुख वामपंथी दलों ने एकसुर में ‘अग्निपथ’ योजना को निरस्त करने का आह्वान किया, क्योंकि उनका मानना है कि इससे भारत के राष्ट्रीय हितों का नुकसान होगा।
      
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘माकपा पोलित ब्यूरो ‘अग्निपथ’ योजना को सिरे से खारिज करता है। यह योजना भारत के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने वाली है। पेशेवर सशस्त्र बल को ‘चार साल की संविदा पर सैनिकों की भर्ती करके’ तैयार नहीं किया जा सकता।’’
     
उन्होंने दावा किया, ‘‘इससे हमारे सशस्त्र बलों की गुणवत्ता और कुशलता के साथ समझौता होगा।’’
     
माकपा महासचिव ने कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए।
     
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद विनय विश्वम ने भी इस योजना का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की।
     
उन्होंने दावा किया, ‘‘यह भारतीय सेना में अनुबंध की व्यवस्था लागू करना है, कम वेतन देकर युवाओं का शोषण करना है तथा यह आरएसएस के लिए पिछले दरवाजे से प्रवेश का तरीका है। यह हमारे बेरोजगार नौजवानों के साथ विश्वासघात है। सेना की भर्ती भाजपा की रसोई का कोई पकवान नहीं है।’’
     
विश्वम ने कहा कि इस विषय पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।
     
भाकपा महासचिव डी राजा ने आरोप लगाया कि यह नयी योजना युवाओं के भविष्य को खतरे में डालने वाली है।
     
उन्होंने कहा, ‘‘इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। हमारे युवा उचित, सुरक्षित नौकरी के हकदार हैं।’’

(भाषा इनपुट के साथ)

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