रसोई गैस सब्सिडी के नाम पर सरकार ने लोगों के खाते में 1, 2 और 4 रुपये तक भेजे
आम आदमी चारों तरफ से महंगाई की मार झेल रहा है | आटा, दाल, चावल, साग-सब्जी, रसोई गैस, डीजल-पेट्रोल सभी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं | ऐसे में जिन चीजों पर सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती थी, उसको भी धीरे-धीरे बंद कर दिया गया है | रसोई गैस सिलेंडरों पर हमेशा से सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती थी, लेकिन पिछले 2 सालों से रसोई गैस पर कोई सब्सिडी नहीं दी गयी है |
इस मुद्दे पर हमने कुछ लोगों से बातचित की। लोगों का कहना है कि 2014 में सब्सिडी वाला 14.2 किलो का सिलेंडर 420 रुपए में मिलता था, जबकि पांच किलो का 155 रुपए में आता था | लेकिन पिछले कुछ सालों में रसोई गैस के दाम करीब ढाई गुना बढ़ चुके हैं| ऐसे में गैस सिलेंडरों को भराना आर्थिक क्षमता से बाहर होता जा रहा है। कई लोगों ने तो सिलेंडर लेना ही बंद दिया है | गांव में अब ज्यादातर लोग इमरजेंसी में ही गैस का इस्तेमाल करते हैं बाकी समय में कच्चे चूल्हे से ही खाना बनाते हैं।
जबकि शहरों में कुछ लोगों ने मोदी जी की अपील पर सब्सिडी छोड़ने का फैसला लिया था लेकिन पिछले कुछ सालों में गैस के दाम जितनी तेजी से बढ़े हैं,उसको देखते हुए दोबारा से सब्सिडी लेने के लिए अर्जिया देनी शुरू कर दी | साथ ही लोगों का कहना है कि मोदी सरकार सब्सिडी के नाम पर हमारे साथ मजाक कर रही है | सरकार सब्सिडी के नाम पर एक रूपया, दो रूपया या चार रूपया लोगों के खाते में भेज रही है |
सरकार ने सब्सिडी में कितनी कटौती की ?
मोदी सरकार ने रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी को धीरे-धीरे बंद कर दिया गया है | पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2017-18 में रसोई गैस सिलेंडर पर 23,464 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गयी थी | सब्सिडी की जरूरत को देखते हुए वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़ाकर 37,209 करोड़ रुपये कर दिया गया था | लेकिन वर्ष 2019-20 में सरकार ने गैस सब्सिडी को दौबारा घटकर 24,172 करोड़ कर दिया गया |
जून 2020 से सिर्फ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को ही गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देने का फैसला लिया गया और बाकी सभी लोगों के लिए रसोई गैस सिलिंडर पर सब्सिडी बंद कर दी गई | जिसके कारण वर्ष 2020-21 में रसोई गैस सब्सिडी घटकर आधी से कम यानी 11,896 करोड़ रुपये रह गया | जबकि वर्ष 2021-22 में मात्र 242 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गयी है, जैसा की निचे चित्र में दिखाया गया है |
रसोई गैस के दामों की बात करे तो, 2014 में सब्सिडी के बाद 14.2 किलो का सिलेंडर 419.13 रुपए में मिलता था लेकिन पिछले कुछ सालों में रसोई गैस के दाम करीब ढाई गुना बढ़ चुके है | 1 मई 2020 को गैस सिलेंडर की कीमत 582 रुपये थी जोकि मौजूदा समय में बढ़कर 1,053 रुपए हो गई है | हालांकि आज सोमवार को ऑयल कंपनियों ने रसोई गैस के दाम घटाए गए हैं, कमर्शियल सिलेंडर अब 36 रुपये सस्ता हो गया है लेकिन घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है |
अब सवाल यह है कि क्या मोदी सरकार लोगों को रसोई गैस के बढ़ते दामों से राहत देने के लिए सब्सिडी को दौबारा से शुरू करेगी या फिर सारा बोझ लोगों के कंधों पर लाधेगी ? सरकार के रवैये को देखकर कर तो यही लगता है कि आम लोगों को रसोई गैस के दामों पर कोई राहत नहीं मिलने वाली है जबकि सरकार ने साफ कर दिया है कि उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को ही गैस सब्सिडी दी जाएगी।
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