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बुनियादी ढांचे में कमी के कारण कश्मीर में बढ़ रही भूकंप की चुनौतियां

21 मार्च को, जम्मू-कश्मीर में रिक्टर पैमाने पर 6.5 की तीव्रता वाला एक बड़ा भूकंप आया, जिससे क्षेत्र के निवासियों में काफ़ी दहशत फैल गई।

21 मार्च को, जम्मू-कश्मीर में रिक्टर पैमाने पर 6.5 की तीव्रता वाला एक बड़ा भूकंप आया, जिससे क्षेत्र के निवासियों में काफ़ी दहशत फैल गई। भूकंप ने रिहायशी ढांचों को नुकसान पहुंचाया, जिसमें पुलवामा ज़िला अस्पताल के Inpatient Department (भर्ती रोगी विभाग) की इमारत भी शामिल है, जिसका निर्माण बिना किसी उचित भूकंप-रोधी इंजीनियरिंग उपायों के किया गया था। दुर्भाग्य से, यह कश्मीर में एक आवर्ती समस्या है - कश्मीर का इलाक़ा 'भूकंपीय क्षेत्र-V’ में स्थित है, जो एक बहुत ही उच्च जोखिम वाला क्षेत्र है। विशेषज्ञों का कहना है कि घाटी ने पिछले एक साल में लगभग 100 भूकंप के झटकों का सामना किया है, जिस वजह से क्षेत्र में भूकंप के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उचित बुनियादी ढांचे के निर्माण की आवश्यकता पर प्रकाश डालना ज़रूरी हो गया है।

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