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ईरान का दावाः वियना वार्ता को नाकाम करने के लिए इज़रायल ने पिछले महीने परमाणु स्थल पर हमला किया

साल 2018 में 2015 के ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका की वापसी में इज़रायल का दबाव अहम था और इसकी सरकारों ने इस समझौते के पूर्वरूप में लाने के लिए जो बाइडेन के आह्वान का विरोध किया है।
ईरान का दावा

मंगलवार 6 जुलाई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ईरानी सरकार के प्रवक्ता अली रबी ने आरोप लगाया कि पिछले महीने देश के अल्बोर्ज़ प्रांत में करज में स्थित एटोमिक ईनर्जी ऑर्गनाइजेशन ऑफ ईरान (एईओआई) की एक इमारत पर हमले के पीछे इज़रायल का हाथ था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हमले का उद्देश्य वियना में ज्वाइंट कम्प्रीहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) या ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए जारी बातचीत को नाकाम करना था।

हालांकि, रबी ने हाल ही में इजरायली मीडिया में किए गए उन दावों का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि 23 जून को हुए हमले ने इस साइट को भारी नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा कि इस हमले में मामूली रुप से सामग्री की क्षति हुई और कोई हताहत नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि, "ज़ियोनिस्ट शासन" द्वारा ये हमले और उसके बाद का प्रोपगैंडा "ईरान को रोकने और यह कहने के लिए किया गया था कि दुनिया को इसके साथ बातचीत करने की कोई आवश्यकता नहीं है"। उन्होंने कहा कि "अब तक नुकसान के किसी भी कार्य ने केवल हमारी क्षमताओं को मजबूत किया है।" ईरानी प्रेस टीवी ने इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया।

करज पर हमला इस साल ईरानी परमाणु स्थलों पर इस तरह का दूसरा हमला था। अप्रैल में नतांज परमाणु परिसर की विद्युत वितरण प्रणाली पर हमला किया गया था जिससे ब्लैकआउट हो गया था। ईरान के इस्फहान प्रांत के नतांज परिसर में पहले भी इस तरह के हमले हुए है। पिछले साल जुलाई में इस पर हमला किया गया था जिससे इसकी एक इमारत को नुकसान पहुंचा था।

ईरान ने पिछले साल नवंबर में अपने परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या के लिए भी इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था। ईरान के सर्वोच्च परमाणु वैज्ञानिक फख़रीज़ादेह की पिछले साल अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी।

हालांकि इजरायल ने इस तरह के हमलों में शामिल होने से न तो इनकार किया है और न ही स्वीकार किया है लेकिन इज़रायल के पूर्व और वर्तमान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और नेफ्ताली बेनेट दोनों ने 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए बातचीत को फिर से शुरू करने का खुलकर विरोध किया है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से ईरानी परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने का भी संकल्प लिया है।

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