क्या नया संसद भवन ऐतिहासिक है?
पिछ्ले 9 सालों में राजनीतिक गलियारों में ‘इतिहास’ का इस्तेमाल जितना हुआ है उतना आज़ाद भारत में इससे पहले शायद ही हुआ हो। इतिहास को एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है ख़ासतौर से चुनावों के आस पास।
पिछ्ले 9 सालों में राजनीतिक गलियारों में ‘इतिहास’ का इस्तेमाल जितना हुआ है उतना आज़ाद भारत में इससे पहले शायद ही हुआ हो। इतिहास को एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है ख़ासतौर से चुनावों के आस पास। इतिहास के पन्ने (Itihas ke Panne) के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय चर्चा कर रहे हैं नए संसद भवन की जिसे आनेवाले समय में हमारे दौर के इतिहास का एक बड़ा अध्याय माना जाएगा।
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