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इज़रायल : नेतन्याहू के ख़िलाफ़ लोगों का प्रदर्शन, कोविड-19 को लेकर लोकतंत्र-विरोधी उपायों की निंदा

कोरोना वायरस को लेकर नेतन्याहू की सरकार द्वारा उठाए गए क़दमों और प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर ब्लैक फ्लैग आंदोलन में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी शामिल हुए।
इज़रायल
रविवार को तेल अवीव में ब्लैक फ्लैग प्रदर्शन के दौरान इज़रायल के लोगों ने एक दूसरे से दूरी बनाकर विरोध किया।(एएफपी) 

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनज़र प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार द्वारा लागू किए गए लोकतंत्र विरोधी, गोपनीयता नीति और नियम विरोधी उपायों के ख़िलाफ़ बड़ी संख्या में इज़रायल के लोग राजधानी तेल अवीव के रबिन स्क्वायर पर रविवार 19 अप्रैल को 'ब्लैक फ्लैग' विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने नेतन्याहू के प्रधानमंत्री के तौर पर सत्तासीन रहने और उनके अगले संभावित कार्यकाल के ख़िलाफ़ भी प्रदर्शन किया।

यूनिटी गवर्नमेंट बनाने के लिए नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और उनके मुख्य विपक्षी प्रतिद्वंद्वी बेनी गैंट्ज़ की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के बीच बातचीत अटकी हुई है और अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

ज़्यादातर प्रदर्शनकारी काले कपड़े और मास्क पहने हुए थे और इज़रायल के झंडे के साथ काले झंडे लिए हुए थे। कई प्रदर्शनाकारियों के हाथों में बैनर और तख्तियां थी जिन पर लिखा था "लेट डेमोक्रेसी विन", "सेव द डेमोक्रेसी" और "क्राइम मिनिस्टर"। ये नेतन्याहू के दूसरे कार्यकाल को लोकतंत्र के ख़तरे की ओर इशारा कर रहा था और साथ ही कई भ्रष्टाचार के मामले की ओर संकेत दे रहा था जिसके लिए प्रधानमंत्री जल्द ही ट्रायल का सामना कर सकते हैं।

कोरोना वायरस महामारी को लेकर सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए प्रदर्शनकारी एक-दूसरे से दो मीटर की दूरी पर खड़े थे और साथ ही 10 प्रदर्शनकारियों के प्रत्येक समूह के बीच 10 मीटर की दूरी बना रखी थी। विरोध प्रदर्शन के आयोजकों को उन स्थानों को चिह्नित करना भी ज़रुरी था जहां प्रदर्शनकारी खड़ा होना था, और इस विरोध प्रदर्शन में वक्ताओं को प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा पर ध्यान देने और एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने के लिए याद दिलाने के लिए घोषणाएं करनी होती थी।

आयोजकों के अनुसार, क़रीब 5000 से अधिक इजरायली नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। फेसबुक लाइव और ज़ूम ऑनलाइन मंचों पर हज़ारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। प्रदर्शनकारियों पर नज़र रखने के लिए प्रदर्शन स्थल पर इजरायली पुलिस की बड़ी टुकड़ी भी मौजूद थी।

ब्लैक फ्लैग आंदोलन मार्च महीने में कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ सरकार की नीतियों को लेकर शुरू हुआ था। इन नीतियों में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को इजरायली नागरिकों के मोबाइल फोन को ट्रैक करने का अधिकार दिया गया था।

इज़़रायल सरकार की कोरोनावायरस को लेकर नियंत्रण करने वाले उपायों में लोगों को घरों में रहने, सभी दुकानों और और वाणिज्यिक व्यवसाय को बंद करना शामिल है। इसके कारण बड़े पैमाने पर वित्तीय नुकसान हुआ है जिसके परिणामस्वरुप देश में बेरोज़गारी दर 26 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

कार्यवाहक इज़रायली कैबिनेट ने कुछ दुकानों को खोलने, विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए कुछ स्कूलों को खोलने और रविवार को छोटी प्रार्थना सभाओं के आयोजन की अनुमति देने वाले निर्णय को मंज़ूरी दी थी। इज़़रायल में COVID-19 से अब तक 172 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि लगभग 13,000 संक्रमण के मामले सामने आए हैं।

साभार :पीपल्स डिस्पैच

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