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इज़रायल ने गाज़ा में कोरोना वायरस टीके के हस्तानांतरण पर रोक लगाई

फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण का कहना है कि इज़रायल ने गाज़ा में कोविड-19 से संबंधित आपात स्थितियों के लिए तैनात स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए 2,000 वैक्सीन की खुराक देने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
इज़रायल

कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों के प्रति अपनी दमनकारी और भेदभावपूर्ण नीतियों को जारी रखते हुए इजरायल के अधिकारियों ने अब गाजा को कोरोनावायरस वैक्सीन हस्तांतरण करने से रोक लगा दी है। फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफए के अनुसार सोमवार 15 फरवरी को जारी एक प्रेस बयान में फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्री माई अल्कैला ने कहा कि "इजरायल के अधिकारी इस मनमानी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार है जो सभी विधियों, कानूनों और अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के विपरीत है।"

इस निर्णय के लिए जिम्मेदार इजरायली अधिकारियों ने कहा कि गाजा को वैक्सीन की खुराक देने की अनुमति को इजरायल के उच्च अधिकारियों से "राजनीतिक निर्णय" के चलते देर की जा रही है। ये रिपोर्ट मिड्ल ईस्ट आई ने प्रकाशित किया।

इस महीने की शुरुआत में किए गए फैसले के अनुसार पैलिस्टिनियन अथॉरिटी ने प्राप्त होने पर गाजा में रूस की स्पुतनिक-वी टीके की 2,000 खुराक को स्थानांतरित करने का फैसला किया था। फिलीस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार COVID-19 रोगियों के लिए तैयार आईसीयू में काम करने वाले मे़डिकल स्टाफ और स्वास्थ्यकर्मियों को ये खुराक देना था।

स्वास्थ्य मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से इजरायल पर दबाव बनाने का आग्रह करते हुए कहा है कि वे गाजा को वैक्सीन की खुराक की अनुमति दे। घनी आबादी वाले क्षेत्र गाजा पर साल 2006 के बाद से इजरायल की जमीनी, समुद्र और हवाई नाकाबंदी लागू है। इसे एक्टिविस्टों ने "दुनिया की सबसे बड़ी खुली हवा वाला जेल" करार दिया है।

फिलिस्तीन में अब तक COVID-19 संक्रमण से 1,900 से अधिक मौतों के साथ 168,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। 1.9 मिलियन फिलिस्तीनियों के आबादी वाले गाजा में अब तक COVID-19 संक्रमण के 53,000 से अधिक मामले और 530 से अधिक मौतें दर्ज की गई हैं।

इजरायल द्वारा टीका देने से इनकार करने के कारण काफी देरी से फिलिस्तीन ने 2 फरवरी को टीकाकरण अभियान को शुरु किया। कब्जा करने वाले इज़रायल ने फिलिस्तीनियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी से इनकार करते हुए कहा कि ओस्लो समझौते के अनुसार फिलिस्तीनियों के सेहत की जिम्मेदारी पीए पर है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र और डब्ल्यूएचओ सहित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा इजरायल के दावों को खारिज किया है। उनका कहना है कि कब्जे वाले क्षेत्रों को लेकर जेनेवा कन्वेंशन के अनुसार इजरायल पर कब्जे वाले लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करने की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

फिलिस्तीनियों को छोड़कर कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में अवैध रूप से बसने वाले अपने नागरिकों को टीका लगाने की इजरायल की नीति को अलग-अलग मानवाधिकार समूहों द्वारा "वैक्सीन या चिकित्सा भेदभाव" करार दिया गया है।

आलोचना के बाद इजरायल ने वेस्ट बैंक को 5,000 खुराक दी जहां करीब 3 मिलियन फिलिस्तीनी रहते हैं।

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