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जम्मू-कश्मीर : सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में पांच सैनिक शहीद, दो अन्य घायल

आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में ‘‘पुख़्ता ख़ुफिया जानकारी’’ के आधार पर पुंछ ज़िले के ढेरा की गली इलाक़े में बुधवार रात एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया और वहां मुठभेड़ शुरू हो गई थी।
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फ़ोटो :PTI

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हथियारों से लैस आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर बृहस्पतिवार को घात लगाकर हमला कर दिया, जिसमें कम से कम पांच सैनिक शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने ट्वीट के जरिए ये जानकारी दी है।

अधिकारियों ने बताया कि सैन्यकर्मियों को एक घेराबंदी और तलाशी अभियान स्थल पर ले जा रहे वाहनों पर सुरनकोट थाना के अंतर्गत आने वाले ढेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर अपराह्न करीब पौने चार बजे हमला किया गया।

एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में ‘‘पुख्ता खुफिया जानकारी’’ के आधार पर पुंछ जिले के ढेरा की गली इलाके में बुधवार रात एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया और वहां मुठभेड़ शुरू हो गई थी।

अधिकारियों ने बताया कि अतिरिक्त जवान घटनास्थल की ओर बढ़ रहे थे, तभी आतंकवादियों ने दो वाहनों - एक ट्रक और एक जिप्सी - पर गोलीबारी की, जिसमें तीन सैनिक शहीद हो गए और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

घात लगाकर जिस स्थल पर हमला हुआ, वहां अतिरिक्त सैन्यबल भेजे गए हैं और आतंकवाद विरोधी अभियान बड़े पैमाने पर शुरू किया गया है।

घटनास्थल की व्यथित करने वाली तस्वीरों और वीडियो में सड़क पर पड़ा खून, सैनिकों के टूटे हुए हेलमेट और सेना के दो वाहनों के टूटे हुए शीशे दिखाई दे रहे हैं।

अधिकारियों ने कहा कि ऐसी संभावना है कि जिन सैनिकों पर हमला किया गया, आतंकवादी उनके हथियार लेकर चले गए हैं।

राजौरी और पुंछ जिलों की सीमा पर स्थित ढेरा की गली और बुफलियाज के बीच का इलाका घने जंगलों वाला है और यह चमरेर जंगल और फिर भाटा धुरियन जंगल की ओर जाता है, जहां इस साल 20 अप्रैल को सेना के एक वाहन पर घात लगाकर किए गए हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए थे।

इसके बाद मई में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान चमरेर जंगल में सेना के पांच और जवान शहीद हो गए थे और मेजर रैंक का एक अधिकारी घायल हो गया था। इस अभियान में एक विदेशी आतंकवादी भी मारा गया था।

इससे पहले अक्टूबर 2021 में वन क्षेत्र में आतंकवादियों के दो अलग-अलग हमलों में नौ सैनिक शहीद हो गए थे। चमरेर में 11 अक्टूबर को एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हुए थे, जबकि 14 अक्टूबर को एक निकटवर्ती जंगल में एक जेसीओ और तीन सैनिकों ने जान गंवाई थी।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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