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जौनपुर: कालेज प्रबंधक पर प्रोफ़ेसर को जूते से पीटने का आरोप, लीपापोती में जुटी पुलिस

स्टूडेंट्स से प्रयोगात्मक परीक्षा में अवैध वसूली करने का कोई आदेश नहीं है। यह सुनते ही वह बिफर पड़े। नाराज होकर प्रबंधक ने पहले गाली-गलौच किया और बाद में जूते निकालकर मेरी पिटाई शुरू कर दी। उन्होंने हमें चेहरे, हाथ, पीठ और सिर पर घूसे भी मारे। इस दौरान हमारे शर्ट की जेब भी फट गई।
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फ़ोटो साभार: ट्विटर

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के प्रतापपुर स्थित गोविंद बल्लभ पंत पीजी कॉलेज में एक असिस्टेंट प्रोफेसर की जूते से पिटाई के मामले ने योगी सरकार की हुकूमत को शर्मसार कर दिया है। आरोप है कि कालेज के प्रबंधक सुधीर कुमार उपाध्याय प्रायोगिक परीक्षा के लिए स्टूडेंट से अतिरिक्त धन वसूलने के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर सुभाष वर्मा पर दबाव बना रहे थे। ऐसा करने से मना करने पर प्रबंधक ने असिस्टेंट प्रोफेसर को जूतों से पीटा, मारपीट और गाली-गलौच भी किया। प्रोफेसर को इतना मारा कि उसके शरीर पर कई चोटें आई और कपड़े भी फट गए। तहरीर देने के बावजूद इलाकाई थाना पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। जांच के नाम पर इस सनसनीखेज मामले में पुलिस लीपापोती करने में जुटी है।

जौनपुर जिले के प्रतापगंज स्थित गोविंद बल्लभ पंत पीजी कॉलेज में सुभाष वर्मा असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। कालेज में इनकी नियुक्ति शासन ने की है। यह कालेज वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध है। इस समय विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों में परीक्षा चल रही है। सुभाष वर्मा यहां सहायक केंद्र अध्यक्ष के रूप में भी दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर सुभाष वर्मा बताते हैं, "विगत 26 मई को विद्यालय में परीक्षा खत्म हो गई थी। वह उत्तर पुस्तिकाओं को पैक कराने के बाद घर लौटने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान महाविद्यालय के प्रबंधक सुधीर कुमार उपाध्याय पहुंचे और उन पर प्रयोगात्मक परीक्षा में अतिरिक्त शुल्क वसूली के लिए दबाव बनाने लगे। हमने उन्हें अवगत कराया कि प्रायोगिक परीक्षा के बाबत सूचना बोर्ड पर प्राचार्य ने चस्पा करा दी है। प्राचार्य ने स्पष्ट कर दिया है कि स्टूडेंट्स से प्रयोगात्मक परीक्षा में अवैध वसूली करने का कोई आदेश नहीं है। यह सुनते ही वह बिफर पड़े। नाराज होकर प्रबंधक ने पहले गाली-गलौच किया और बाद में जूते निकालकर मेरी पिटाई शुरू कर दी। उन्होंने हमें चेहरे, हाथ, पीठ और सिर पर घूसे भी मारे। इस दौरान हमारे जेब की शर्ट भी फट गई।"

जान से मारने की धमकी

असिस्टेंट प्रोफेसर सुभाष वर्मा ने घटना की लिखित सूचना सिकरारा थाना पुलिस को दी। तहरीर देने के बावजूद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। मामले को रफा-दफा करने के लिए वह वर्मा पर दबाव बनाने में जुट गई। आरोप है कि सिकरारा थानाध्यक्ष ने प्रबंधक पक्ष से क्रास तहरीर मंगवा ली। 26 मई को हुई इस घटना की रिपोर्ट अभी तक नहीं की जा सकी है। यह स्थिति तब है जब योगी सरकार ने अप्रिय वारदातों को अंजाम देने वालों पर सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं। पुलिस का कहना है कि अभी मामले की जांच की जा रही है। यह नहीं बता सकते कि जांच कब तक चलेगी।   

सुभाष वर्मा मूलतः लखनऊ के रहने वाले हैं। वह कहते हैं कि वह पिछड़ी जाति से आते हैं। उनकी नियुक्ति संघ लोक सेवा आयोग से बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुई है। कालेज के प्रबंधक हमें लंबे समय से परेशान कर रहे हैं। झूठे आरोप लगाकर एक दफा निलंबित भी कर चुके हैं। खुद तमाम वित्तीय अनियमितताओं में फंसे हैं और उनके खिलाफ कई जांचे भी चल रही हैं। वर्मा कहते हैं, "मैं पिछड़ी जाति से आता हूं, यही मेरा कुसूर है। प्रबंधक द्वारा की गई दबंगई के बाद से मैं असहज महसूस कर रहा हूं। ऐसी स्थिति में परीक्षा जैसी आवश्यक सेवा भी संपन्न कराना बहुत कठिन लग रहा है। प्रबंधक ने हमें मारने और उठवा लेने की धमकी दी है। परीक्षा अवधि में स्टूडेंट्स और टीचर्स के अलावा किसी व्यक्ति का कालेज में प्रवेश वर्जित है। इसके बावजूद परीक्षा के समय प्रबंधक सुधीर कुमार उपाध्याय कालेज में घुस आए। इसका वीडियो रिकॉर्डिंग भी मेरे पास मौजूद है। हमारे पास ऐसे तामाम साक्ष्य मौजूद हैं जिससे हम साबित कर सकते हैं कि इस कालेज में अनियमितताओं और घोटालों का बोलबाला है।"

गोविंद बल्लभ पंत पीजी कॉलेज के प्रबंधक सुधीर कुमार उपाध्याय पेशे से अधिवक्ता हैं। इनका कहना है कि असिस्टेंट प्रोफेसर लापरवाह और लड़ाकू है। खुद नेतागिरी करता है। जूता मारने की बात गलत है। 

सिकरारा थाने के इंस्पेक्टर विवेक तिवारी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज मिलते ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। गोविंद बल्लभ पंत पीजी कॉलेज की स्थिति काफी खराब है। इस कालेज में स्टूडेंट्स के लिए शौचालय, शुद्ध पेयजल आदि की व्यवस्था भी ठीक नहीं है।

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