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गन्ना किसानों के घाटे को लेकर मोदी सरकार पर बरसे जयंत चौधरी, राकेश टिकैत

"रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि शामली में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा का पत्ता साफ हो गया था। 3-0 से भाजपा को हार मिली थी। शामली के किसानों को इसी की सजा भुगतनी पड़ रही है। जो 80 दिन से धरना देकर बैठे किसानों को गन्ने के बकाया मूल्य का भुगतान नहीं किया जा रहा है।"
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गुरुवार को शामली चीनी मिल गेट पर आयोजित किसान महापंचायत को रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह और भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने संबोधित किया। अमर उजाला आदि स्थानीय खबरों के अनुसार, जयंत चौधरी ने कहा कि किसान अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकार को सभी बातें मालूम है और हल भी सरकार को करना है। मोदी जी भाषण देते हैं कि तीसरे कार्यकाल में किसानों के सब मसले हल कर देंगे, लेकिन उन्हें कौन बताए कि तीसरा कार्यकाल तो आना ही नही है। 

राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि योगी सरकार में बुलडोजर चलता है। लेकिन किसानों के भुगतान का समाधान नहीं होता है। यहां के किसानों का गन्ना ही सूखा निकल रहा है। आखिर क्यों? कहा- 14 दिन में भुगतान नहीं तो कानून के अनुसार ब्याज दे सरकार, यह सरकार की बड़ी जिम्मेदारी बनती है। किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि कल्पना करो, ये ही घाटा जो आपके साथ हो रहा है अगर यही अडानी के साथ होता तो क्या होता। कब का पूरा कर दिया गया होता। 

जयंत ने आगे कहा कि यदि यही घाटा अडाणी के साथ होता तो अभी तक पूरा कर दिया गया होता। मोदी जी अमेरिका गए और अदाणी के घाटे को पूरा कर आए। 

मंच से गरजते हुए जयंत बोले कि ये वही सरकार है जो गेंहू, आलू, धान बेचने पर प्रतिबंध एक घंटे में लगा देती है। यहां अधिकारी बैठे हैं, लखनऊ क्यों नहीं बात करते है। रोज लोग शिकायत करते हैं अब किसान भी तो अपनी शिकायत कर रहे हैं, क्यों नही होता समाधान, क्यों नहीं कराया जा रहा समाधान? उन्होंने चेतावनी दी कि हल्के में ना लें। 

उन्होंने कहा, योगी जी चाहें तो हो जाएगा भुगतान। पड़ोसी हरियाणा सरकार की मैं आलोचना करता हूं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा में छोटी राजनीति के लिए लोगों को लड़वाया मगर वह योगी जी से बेहतर निकले, इस बार गन्ना मूल्य 386 रुपये घोषित कर दिया। यहीं नहीं, अगले साल का 400 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य भी घोषित कर दिया गया, पर योगी सरकार कहां है?

महापंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि शुगर फैक्टरी को बेचकर किसानों का भुगतान किया जाए। किसानों को चक्रव्यूह में फंसाकर, आपस में लड़ाने की जो साजिश की जा रही है उसे सफल नहीं होने दिया जाएगा। साथ ही किसानों के साथ भी अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

*छह घंटे चली महापंचायत, मिल अफसरों के साथ वार्ता हुई विफल* 

रालोद सुप्रीमो चौधरी जयंत सिंह, भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत की मौजूदगी में खाप चौधरियों और किसानों की छह घंटे चली महापंचायत में कोई निर्णय नहीं हो पाया। शामली चीनी मिल के अधिकारी एडीएम संतोष कुमार सिंह, एएसपी ओपी सिंह की मौजूदगी में किसानों की वार्ता विफल रही। आखिर में रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी, भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आदि तमाम नेताओं ने शामली धरना समिति पर निर्णय छोड़ दिया। धरना संयोजक संजीव चौधरी ने अगली महापंचायत की 16 नवंबर को होने घोषणा की।

गुरुवार को शामली चीनी मिल गेट के बाहर मिल रोड पर सर्व खाप समन्वय किसान मंच के नेतृत्व में महापंचायत में सुबह दस बजे से किसानों के ट्रैक्टरों का आना शुरू हो गया था। दोपहर 12 बजे महापंचायत शुरू हुई। हाजी मतलूब गाेगवान, सुरेंद्र सिंह गुर्जर की अध्यक्षता में हुई महापंचायत में आयोजकों की ओर से कहा गया कि शामली मिल के अफसर महापंचायत में किसान के बीच आ जाए अन्यथा महापंचायत में शामिल किसान मिल की ओर कूच कर देंगे।

शामली चीनी मिल के वाइस प्रेसीडेंट सुशील चौधरी, गन्ना महाप्रबंधक बलधारी सिंह, अतिरिक्त गन्ना महाप्रबंधक दीपक राणा, नरेश कुमार सिंह और एडीएम वित्त एवं राजस्व संतोष कुमार सिंह, शामली गन्ना समिति के सचिव मुकेश राठी पहुंच गए। महापंचायत में दोपहर 12 बजे भाकियू के राकेश टिकैत और रालोद सुप्रीमो जयंत सिंह चौधरी ढाई बजे महापंचायत में पहुंच गए। चीनी मिल के अफसरों, किसानों, खाप चौधरियों की वार्ता में कोई निर्णय नही निकला। वक्ताओं ने शामली चीनी मिल का वर्ष 2022-23 का संपूर्ण गन्ना भुगतान करने के बाद शामली चीनी मिल चालू करने की मांग की।

ब्याज समेत करें भुगतान : हरेंद्र मलिक

सपा के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि चीनी मिल के अफसर किसानों को ब्याज सहित भुगतान करें। नए सत्र में 14 दिन में भुगतान किया जाता है तो चीनी मिल चालू हो सकती है।

विस में उठाएंगे मामला : अशरफ अली

थानाभवन विधायक अशरफ अली ने कहा कि बकाया गन्ना भुगतान न करने का मामला विधानसभा और गन्ना मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक मिल कर उठाया गया है। फिर से विस में उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री को डिफाल्टर चीनी मिलों के किसानों के गन्ना भुगतान के लिए एक फंड की व्यवस्था करनी चाहिए

किसानों की दुर्दशा के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार : प्रसन्न चौधरी

रालोद सदर विधायक प्रसन्न चौधरी ने कहा कि वह किसानों की समस्याओं के समाधान करने और उनके हक की लड़ाई के लिए हमेशा सघर्ष करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की दुर्दशा के लिए यूपी की भाजपा सरकार जिम्मेदार है।

नहीं चलने दी जाएगी मिल : गुलाम मोहम्मद

सिवालखास के विधायक गुलाम मोहम्मद ने कहा कि किसानों का बकाया गन्ना भुगतान नहीं होने से वह बिजली के बिल का भुगतान कैसे कर पाएगा। शामली मिल की ओर से किसानों को संपूर्ण भुगतान होने पर मिल को चलने दिया जाएगा।

किसानों में है ताकत, उसे पहचानें : राव वारिश

पूर्व विधायक राव वारिश ने कहा कि पिछले 2022 के चुनाव के दौरान सरकार ने बकाया गन्ना भुगतान किया था। किसानों को एकजुट होना होगा और अपनी ताकत को समझना होगा। किसान रुपये लेकर ही उठें।

महंगाई पर भी भाजपा सरकार को घेरा

बुढ़ाना के पूर्व विधायक नवाजिश आलम ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे चौधरी अजित सिंह का मुजफ्फरनगर और शामली जिले में चीनी मिलें स्थापित कराने का योगदान रहा है।
महंगाई की चर्चा करते हुए पुरकाजी विधायक अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा सरकार में महंगाई बढ़ी है।डीजल, पेट्रोल के साथ मंहगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है। जीएसटी लगाकर व्यापारियों को बर्बाद किया जा रहा है।

पूर्व मंत्री योगराज सिंह, मुजफ्फरनगर जिले के पूर्व जिला पंचायत तरसपाल सिंह मलिक आदि ने विचार व्यक्त किए। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधीर पंवार ने कहा कि सपा किसानों के साथ है। हर परिस्थिति में किसानों का समर्थन किया जाएगा। आखिर में धरना संयोजक संजीव चौधरी ने कहा कि संपूर्ण गन्ना भुगतान होने के बाद शामली चीनी मिल के पेराई सत्र चालू होने दिया जाएगा। मिल को चेतावनी दी है यदि चीनी मिल जल्द संपूर्ण गन्ना भुगतान नही करती है तो आगामी 16 नवंबर में फिर महापंचायत होगी। महापंचायत का संचालन राजबहादुर की ओर से किया गया।

पूर्व मंत्री डॉ. कुलदीप उज्ज्वल, मुजफ्फरनगर के विधायक अनिल कुमार, बाबा संजय कालखंडे, संजीव चौधरी, श्याम सिंह आदि ने भी विचार रखे। यशपाल सिंह, देवा प्रधान, बाबूराम, रालोद जिलाध्यक्ष चौधरी वाजिद अली, पूर्व विधायक राव वारिश, तरसपाल मलिक आदि के साथ महापंचायत में शामली के अलावा बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर के किसानों ने भी भाग लिया।

*किसानों ने शामली को ट्रैक्टरों से किया जाम, जिले में 338 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया* 

उत्तर प्रदेश के शामली जिले के गन्ना किसान भुगतान में देरी के संकट का सामना कर रहे हैं। इसी बकाए के भुगतान की मांग को लेकर शामली में पिछले 80 दिन से किसानों का धरना-प्रदर्शन चल रहा है। मांग नहीं माने जाने पर गुरुवार को हजारों प्रदर्शनकारी किसानों ने शामली शहर को ट्रैक्टरों से जाम कर दिया। मुख्य शहर की हर सड़क पर ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर दिख रहे थे। करीब पांच हजार किसानों की मौजूदगी और ट्रैक्टरों से पूरा शहर जाम हो गया था। आलम यह था कि शहर की हर सड़क पर ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर दिख रहे थे।

रूरल वाइस की रिपोर्ट के अनुसार, जिले की तीन चीनी मिलों पर 8 नवंबर तक पिछले पेराई सीजन (2022-23) का 338.82 करोड़ रुपये का बकाया है। इस बकाया भुगतान को लेकर शामली स्थित चीनी मिल पर गन्ना किसान 80 दिन से धरना दे रहे हैं, लेकिन सबसे अधिक 221.62 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान वाली इस चीनी मिल से भुगतान को लेकर अभी तक कोई आश्वासन किसानों नहीं मिल सका है। बकाया गन्ना भुगतान को लेकर शामली चीनी मिल पर चल रहे धरना को गुरुवार को राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी समर्थन देने पहुंचे थे।

खास है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले पेराई सीजन में गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी और अगैती किस्म के लिए एसएपी 350 रुपये प्रति क्विंवटल पर ही स्थिर रखा था। वहीं इस जिले के साथ सीमा लगने वाले राज्य हरियाणा की सरकार ने चालू पेराई सीजन (2023-24) के लिए गन्ना के एसएपी को बढ़ाकर 386 रुपया प्रति क्विंटल कर दिया है, जो पिछले साल 372 रुपये प्रति क्विंटल था। इस सीजन में अभी हरियाणा में देश में सबसे ज्यादा एसएपी है। वहीं दूसरी ओर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को अपने बकाये का भुगतान पाने के लिए प्रदर्शन करना पड़ रहा है। जबकि दोनों राज्यों में भाजपा की ही सरकार है।

शामली के जिला पंचायत सदस्य और रालोद नेता उमेश पंवार ने रूरल वॉयस को बताया कि किसानों की भारी संख्या आज के धरने में मौजूद थी, लेकिन चीनी मिल की ओर से कोई समाधान सामने नहीं आया है। चीनी मिल किसानों के भुगतान को लेकर पिछले कई साल से देरी कर रही है। जिले में सबसे अधिक हालत शामली चीनी मिल को गन्ना आपूर्ति करने वाले किसानों की है। किसान लगातार आर्थिक मुश्किलों से जूझ रहे हैं और अभी चीनी मिल में पेराई शुरू कब होगी इसको लेकर भी स्थिति साफ नहीं है।

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महामंत्री कपिल खाटियान ने रूरल वॉयस को बताया कि गुरुवार के धरने में पांच  हजार से अधिक किसान शामिल थे। राकेश टिकैत ने कहा कि स्थानीय स्तर पर धरना दे रहे किसानों की समिति जो भी फैसला लेगी हम उसके साथ हैं।

शामली जिले की तीन चीनी मिलों पर 8 नवंबर तक 338.82 करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान बकाया है। इनमें  सबसे ज्यादा शामली शहर स्थित सर शादीलाल द अपर दोआब शुगर मिल्स पर करीब 221.62 करोड़ रुपये का बकाया है और इस मिल ने अभी 12 जनवरी, 2023 तक के आपूर्ति के गन्ना का ही भुगतान किया है जबकि इस चीनी मिल ने 20 मई तक पेराई की थी। यह देश की सबसे पुरानी चीनी मिलों में से एक है। चालू पेराई सत्र (2023-24) में अभी इस मिल में गन्ना पेराई की शुरुआत नहीं हुई है। इसी तरह, जिले के ऊन स्थित चीनी मिजल पर करीब 73 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है। शामली जिले के थाना भवन स्थित बजाज हिंदुस्थान शुगर मिल पर किसानों का 44.11 करोड़ रुपये का बकाया है। इस मिल ने 24 मार्च, 2023 तक का भुगतान किया है, जबकि मिल 13 अप्रैल तक चली थी।

पूरे उत्तर प्रदेश में गन्ना बकाये की बात करें, तो राज्य सरकार की वेबसाइट पर 5 अक्तूबर तक के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक पांच अक्तूबर, 2023 तक पेराई सत्र 2022-23 में राज्य की चीनी मिलों ने गन्ना किसानों को 33,943.81 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। यह कुल भुगतान का 89.21 फीसदी था। पिछले सत्र में प्रदेश में 1098.82 लाख टन गन्ने की पेराई हुई और 104.82 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ।

राज्य के गन्ना किसानों की हालत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि एक तरफ उन्हें अपने बकाये का भुगतान पाने के लिए महीनों प्रदर्शन करना पड़ता है, दूसरी तरफ खेती की लागत बढ़ने के बावजूद राज्य सरकार गन्ने का राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) नहीं बढ़ा रही है। पिछले पेराई सत्र में भी गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाया गया था और यह 350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर है। नया पेराई सत्र (सितंबर-अक्टूबर) शुरू होने के बावजूद राज्य सरकार ने अभी तक चालू पेराई सत्र (2023-24) के लिए एसएपी की घोषणा नहीं की है।

दूसरी ओर, हरियाणा सरकार ने पिछले पेराई सत्र में भी 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की थी। मनोहर लाल खट्टर सरकार ने चालू सत्र के लिए 14 रुपये प्रति क्विंटल और अगले सत्र (2024-25) के लिए भी अभी ही 14 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की घोषणा कर दी है। 2023-24 के लिए गन्ने का मूल्य 386 रुपये और 2024-25 के लिए 400 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

डीएम-मंडलायुक्त शामली मिल की रिकवरी की कर चुके संस्तुति

डीएम रविंद्र सिंह ने बताया कि संपूर्ण गन्ना भुगतान अदा नहीं करने पर शामली चीनी मिल की आरसी जारी करने की संस्तुति गन्ना आयुक्त लखनऊ को की जा चुकी है। सहारनपुर के मंडलायुक्त भी शामली मिल की रिकवरी की संस्तुति शासन को भेज चुके हैं। फिलहाल गन्ना आयुक्त की ओर से शामली मिल की रिकवरी की मंजूरी नहीं की गई है।

साभार : सबरंग 

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