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झारखंड-बिहार: भाजपा नेताओं की 'नफ़रत की राजनीति' के ख़िलाफ़ INDIA ने मोर्चा खोला

INDIA गठबंधन के दलों व वामपंथी पार्टियां कई बार ये आरोप लगाती रहीं हैं कि गैर भाजपा शासित राज्यों में धार्मिक त्योहारों की आड़ में सुनियोजित सांप्रदायिक हिंसा-उन्माद किये जाने का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है।
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भाजपा सरकार के केंद्रीय मंत्री और बिहार के बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह आए दिन अपने भड़काऊ बयानों को लेकर सियासी विवादों के केंद्र में आते रहते हैं। लेकिन हालिया उनका भड़काऊ बयान न सिर्फ विवादों में ही आया बल्कि उसका भयावह असर सड़कों पर “हिन्दू-मुसलमान राजनीति” के उन्मादी कृत्य के रूप में दिखा भी। जिसके ख़िलाफ़ बिहार INDIA गठबंधन दलों ने तीखा विरोध करते हुए “हेट स्पीच मामला” के तहत उक्त भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज़ करने की मांग उठाई है।

सनद रहे कि INDIA गठबंधन दलों व वामपंथी पार्टियां कई बार ये आरोप लगाती रहीं हैं कि गैर भाजपा शासित राज्यों में धार्मिक त्योहारों की आड़ में सुनियोजित सांप्रदायिक हिंसा-उन्माद किये जाने का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसमें बिहार के साथ साथ झारखंड को सबसे अधिक टारगेट किया जा रहा है। पिछले रामनवमी पूजा के दौरान बिहार के सासाराम व बिहारशरीफ समेत कई स्थानों पर उन्मादी धार्मिक जुलूस निकालकर धर्म विशेष के लोगों को संगठित हिंसा-लूटपाट का निशाना बनाया गया था।

इस बार दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन जुलूस निकालने के नाम पर उन्मादी सांप्रदायिक हिंसा का कुचक्र रचकर बेगूसराय-औरंगाबाद समेत कई स्थानों पर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया गया।

भाजपा के केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह पर आरोप लगाया गया है कि उनके द्वारा जारी भड़काऊ बयान ने बलिया में हुई सांप्रदायिक हिंसा की “आग में घी” डालने और माहौल ख़राब करने का काम किया है।

बीते 26 अक्टूबर को एक ओर भाजपा केन्द्रीय मंत्री का एक नया विवादित बयान सोशल मिडिया में तेज़ी से वायरल किया जाता है जिसमें वे सार्वजनिक रूप से मुस्लिम समाज को निशाना बनाते हुए कहते हैं कि- “ देश बंटवारा के समय यदि सारे ‘मुसलमान’ पाकिस्तान चले गए होते तो भारत की ऐसी दुर्दशा नहीं होती।” दूसरी ओर, शाम में ही बेगूसराय जिला के बलिया थाना क्षेत्र मिरिसिकार टोले में दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान उपद्रवियों द्वारा जमकर बवाल किया गया। रोड़ेबाज़ी किये जाने के साथ साथ कई दुकानें लूटकर उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। उपद्रव पर नियंत्रण कर रहे पुलिसवालों पर भी पथराव किया गया। 

अफ़वाह फैलाई गयी कि मूर्ति जुलूस पर पत्थर चलाने के साथ साथ धार्मिक झंडे के साथ छेड़छाड़ किया गया। शुरू में प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए माहौल को शांत बना दिया लेकिन उसके तुरत बाद ही फिर उपद्रव शुरू कर बवाल कर दिया गया। पुलिस ने 10 संदिग्ध उपद्रवियों को जब हिरासत में लिया तो मूर्ति विसर्जन में शामिल कार्यकर्त्ता उनकी रिहाई की मांग को लेकर सड़क पर टायर जलाकर धरना देने लगे। काफी बहस के बाद तीन घंटे बाद प्रशासन को हिरासत में लिए गए उपद्रवियों को छोड़ना पड़ा। पूरे क्षेत्र में अघोषित कर्फ्यू की स्थिति बन गयी।

उक्त प्रकरण पर त्वरित संज्ञान लेते हुए घटना के दूसरे ही दिन INDIA गठबंधन दलों ने स्थानीय स्तर पर आपात बैठक की। जिसके माध्यम से क्षेत्र के सभी अमनपसंद लोगों से शांति और सद्भाव बनाये रखने का आह्वान किया गया कि - चुनाव का समय करीब आ रहा है इसलिए सांप्रदायिक राजनीतिक ताक़तें हमारी अनेकता में एकता की भावना को तोड़ना चाहतीं हैं। जिससे हमें सचेत रहने की ज़रूरत है।

भाकपा माले बेगूसराय जिला सचिव दिवाकर प्रसाद ने कांड के लिए भाजपा केन्द्रीय मंत्री के कथित भड़काऊ बयान को जिम्मेवार ठहराते हुए उनके खिलाफ “हेट स्पीच मामला” के तहत मुकदमा दर्ज़ कर गिरफ़्तारी की मांग की।

महागठबंधन के मटिहानी विधायक राज कुमार सिंह ने कहा कि क्षेत्र में व्याप्त गरीबी-अशिक्षा और बेकारी से बढ़ रही सामाजिक विकृतियों का फायदा उठाने में सक्रिय अवसरवादी शक्तियों से सबको सावधान रहने की बेहद ज़रूरत है।

जदयू के पूर्व एमएलसी रुदल राय ने कहा की कल हुई घटना के सभी पीड़ितों कि राज्य सरकार अविलंब क्षतिपूर्ति करे। बैठक को सीपीआई व कांग्रेस समेत अन्य सभी दलों के स्थानीय नेताओं ने भी संबोधित किया।

बाद में बैठक स्थल से INDIA गठबंधन दलों ने घटनास्थल तक शांति मार्च निकालकर पीड़ितों से जाकर मुलाकात की और घटना की विस्तृत जानकारी भी ली।

भाकपा माले बेगूसराय जिला कमिटी ने इस कांड की जांच कर - दंगे के सभी मुख्य आरोपियों की अविलंब गिरफ्तारी और लूटपाट व आगज़नी के शिकार हुए सभी पीड़ितों को तत्काल मुआवज़ा देने की मांग की है। मीडिया में जारी बयान के माध्यम से आरोप लगाया है कि बलिया में दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन की आड़ में आरएसएस-भाजपा और बजरंग दल ने सुनियोजित साजिश के तहत दंगा-फसाद और लूटपाट को अंजाम दिया है। जिसके लिए क्षेत्र के भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री का उसी दिन जारी किया गया मुस्लिम विरोधी भड़काऊ-नफरती बयान ने आग को और भी भड़काने का काम किया है। जिसके लिए उन पर कोई भी कारवाई नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस कांड में 38 मुस्लिम दुकानों को निशाना बनाते हुए सड़क पर खोमचा-ठेला लगानेवालों तक को लूट लिया गया। जिससे सभी पीड़ित गरीबों के सामने भुखमरी कि स्थिति पैदा हो गयी है।

बिल्‍कुल ऐसा ही कांड राज्य के औरंगाबाद जिला स्थित ओबरा के कारा में अंजाम दिया गया। जिसकी मौके पर जाकर जांच करने पहुंची भाकपा माले की टीम ने जांच में पाया कि यहां भी दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन जुलुस निकलने की आड़ में मुस्लिम समुदाय के धार्मिक झंडे को तोड़ दिया गया। दुर्गा जी की मूर्ति को अपवित्र किया गया है की अफ़वाह फैलाकर सुनियोजित बवाल किया गया।

झारखंड प्रदेश में भी दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान कई स्थानों पर सांप्रदायिक बलवा करने की कोशिश की गयी। राज्य के पलामू जिला स्थित पांकी में दुर्गा पूजन समारोह के दौरान स्थानीय भजापा विधायक शशि भूषण मेहता ने तो सबके सामने संप्रदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ बयान देते हुए ये ऐलान कर दिया कि - पूजा स्थलों के आस पास यदि कोई दाढ़ीवाला दिख जाए तो पकड़कर उसे पीट डालो।

इसके ख़िलाफ़ माले समेत कई सामाजिक संगठनों ने सड़क पर उतरकर तीखा विरोध प्रदर्शित किया।

28 अक्टूबर को पांकी विधानसभा मुख्यालय क्षेत्र व भाजपा विधायक के गृह क्षेत्र लेस्लीगंज में गांधी चौक पर विरोध सभा कर सांप्रदायिक भड़काऊ भाषण देनेवाले भाजपा विधायक का पुतला जलाया। इस विरोध कार्यक्रम के भाजपा और उसके विधायक पर आरोप लगाया कि - बीते 15 फ़रवरी को भी पांकी बाज़ार में सुनियोजित ढंग से दंगा करने की कोशिश की गयी थी। जिसे प्रशासन के सहयोग से क्षेत्र के मनपसंद लोगों ने विफल कर दिया था। लेकिन फिर उसी साजिश को इस बार के दुर्गा पूजा के दौरान भी भाजपा विधायक के नेतृत्व में अंजाम देने की कोशिश की गयी है। यदि भाजपा और उसके विधायक इस जन विरोधी कृत्य के लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी नहीं मांगेगे तो ज़ोरदार आंदोलन किया जाएगा।

गौरतलब है कि उक्त घटनाओं से एक बात जो आम चर्चा में है कि - चूंकि चुनाव सर पर है और भाजपा ने ऐसा कोई अच्छा काम नहीं किया है कि जिसे लेकर वह लोगों से जाकर वोट मांग सके सो एक बार फिर से वह “हिन्दू-मुस्लिम राजनीति” का खेल खेलने पर आमादा है। बिहार और झारखंड जैसे राज्यों की जागरूक जनता जिसने बीते विधान सभा चुनाव में भाजपा को राज्य की गद्दी से उतारने का काम किया है आनेवाले समय में भी भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति को कभी भी सफल नहीं होने देगी। इस बात में काफी दम नज़र आता है। क्योंकि अनुभव भी बताते हैं कि इन प्रदेशों की बहुसंख्य जनता सांप्रदायिकता की राजनीति को हमेशा से मुखरता के साथ नकारती रही है।

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