Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

दिल्ली के जंतर मंतर पर किसान महापंचायत, कई राज्यों से सैकड़ों किसान दिल्ली पहुंचे

एसकेएम नेताओं ने दावा किया कि कुछ स्थानों पर किसानों को जंतर मंतर पहुंचने से रोका जा रहा है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस दावे को खारिज किया है।
protest

नयी दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा सोमवार को जंतर मंतर पर बुलायी गई ‘महापंचायत’ में भाग लेने के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विभिन्न राज्यों से सैकड़ों किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं।
     
एसकेएम नेताओं ने दावा किया कि कुछ स्थानों पर किसानों को जंतर मंतर पहुंचने से रोका जा रहा है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस दावे को खारिज किया है।
     
एसकेएम के सदस्य और ‘महापंचायत’ के आयोजक अभिमन्यु सिंह कोहर ने कहा, ‘‘महापंचायत एक दिवसीय शांतिपूर्ण कार्यक्रम है, जहां हम एमएसपी पर कानूनी गारंटी और बिजली संशोधन विधेयक 2022 रद्द करने समेत अपनी मांगों को दोहराएंगे।’’
     
बहरहाल, उन्होंने कहा कि पुलिस ने जंतर मंतर पर ‘महापंचायत’ के लिए अभी तक अनुमति नहीं दी है।
     
कोहर ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आ रहे किसानों को गत रात रोका गया और जंतर मंतर पहुंचने नहीं दिया गया। उन्हें गुरुद्वारा बंगला साहिब, रकाबगंज और मोती बाग ले जाया गया तथा बाद में छोड़ दिया गया।
     
उन्होंने बताया कि पंजाब, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के कुछ हिस्सों से किसान दिल्ली पहुंच गए हैं तथा ‘महापंचायत’ में भाग लेने के लिए और लोग आ रहे हैं। उन्होंने कहा ‘‘ पहले किसानों के आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार ने हमारी सभी मांगों पर विचार करने का वादा किया था लेकिन उन्होंने ‘‘कुछ नहीं’’ किया।’’
     
कोहर ने कहा, ‘‘इसलिए हम फिर से अपनी मांगें उठाएंगे और उन पर चर्चा करेंगे तथा आंदोलन की भावी रणनीति बनाएंगे।’’
     
गौरतलब है कि नवंबर 2020 में पंजाब, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल लिया था। इन कानूनों को एक साल बाद निरस्त कर दिया गया। 
     
केंद्र ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी सुरक्षा, किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने समेत उनकी अन्य मांगों पर विचार करने का वादा किया था, जिसके बाद गत वर्ष दिसंबर में किसानों ने अपना आंदोलन निलंबित कर दिया था।

संयुक्त किसान मोर्चा की प्रमुख मांगों में से लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों के पीड़ित परिवार को इंसाफ और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी भी है।

महापंचायत के चलते, दिल्ली की सीमाओं और बाकी स्थानों पर पुलिस ने बैरीकेडिंग की है। किसानों का आरोप है कि इन्हीं  बैरीकेडिंग के चलते कई जगह जाम देखने को मिल रहा है और किसानों को बदनाम करने की साजिश है।

इससे पहले 19 अगस्त को लखीमपुर में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 75 घंटे का धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया था जिसमें देशभर के किसान इकट्ठा हुए।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest