Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

राजस्थान की तरह यूपी में भी शिक्षक की पिटाई से दलित छात्र की मौत!, लोगों में गुस्सा

राजस्थान के जालौर में दलित छात्र इंद्र मेघवाल जिस तरह भेदभाव और शिक्षक की पिटाई का शिकार हुआ, उसी तरह यूपी के औरैया से मामला सामने आया है। मायावती, अखिलेश यादव, भीम आर्मी सहित अन्य लोगोें और संगठनों ने इस घटना की निंदा करते हुए इंसाफ़ की मांग की है।
student

उत्तर प्रदेश में भी राजस्थान जैसी घटना दोहराई गई है। आरोप है कि उत्तर प्रदेश के औरैया में 15 वर्षीय दलित छात्र निखित कुमार को उसके शिक्षक अश्विनी सिंह ने इतनी बुरी तरह पीटा कि उसकी मौत हो गई। इसी तरह राजस्थान के जालौर में इंद्र मेघवाल नाम के दलित बच्चे को कथित तौर पर कुलीन जाति के शिक्षक ने शिक्षकों के लिए रखे गए मटके से पानी पीने को लेकर बेरहमी से पीटा था,जिससे उसकी मौत हो गयी थी। इस घटना को लेकर भी परिजनों और अन्य लोगों में बेहद गुस्सा है।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक औरैया के अछल्दा थाना क्षेत्र के कस्बा फफूंद रोड के आदर्श इंटर कालेज में वैशोली गांव निवासी निखित कुमार (15 साल) दसवीं में पढ़ता था। उसके पिता राजू दोहरे ने बताया कि '7 सितंबर को सामाजिक विज्ञान के टीचर अश्वनी सिंह ने क्लास में टेस्ट लिया था। टेस्ट के लिए मेरे बेटे ने खूब पढ़ाई भी की थी। वह पढ़ने में ठीक था। लेकिन टेस्ट में उसने कोई शब्द गलत लिख दिया। उसी बात को लेकर टीचर अश्वनी सिंह ने मेरे बेटे को बाल पकड़ कर लात घूसों और डंडों से इतना पीटा कि वह स्कूल में ही बेहोश हो गया। इलाज के दौरान 18वें दिन इटावा के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई।image

सोमवार, 26 सितंबर, शाम पोस्टमार्टम के बाद परिवार बच्चे के शव सहित विभिन्न मांगों को लेकर स्कूल के सामने धरने पर बैठ गया था, देर रात तक मामला तनावपूर्ण हो गया। औरैया पुलिस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने शव को अछल्दा आदर्श इंटर कॉलेज के सामने रखा था। इसके बाद पुलिस ने परिवार के लोगों को समझाकर शव घर भेजना चाहा लेकिन वहां जमा भीड़ ने इसका विरोध किया। आरोप है कि पुलिस की गाड़ियों पर पथराव भी किया गया। और फिर इसी मामले में उपद्रव और बवाल के आरोप में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 35 नामजद सहित 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में अछल्दा थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया।

आरोपी शिक्षक ने दिया पैसों का लालच, जातिसूचक गालियां दी!image

प्राप्त हुई प्राथमिकी में परिवार ने दावा किया है कि शिक्षक अश्विनी सिंह ने मामले को दबाने के लिए पैसे दिए, इसलिए समय पर कोई रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई गयी। पिता राजू दोहरे का कहना है कि "मास्टर द्वारा कहा गया था कि इलाज में जो खर्चा होगा वो हम दे देंगे, 10 हज़ार रुपये पहले दिए और फिर 3 हज़ार रुपये दिए गए।

imageप्रार्थी ने संजय गाँधी पीजीआई अपने पुत्र को दिखाया और इटावा में भी कई जांच की गयी, उसे कोई आराम नहीं मिला। मास्टर ने फोन उठाना बंद कर दिया, जब हमने उससे इलाज कराने को कहा तो उसने हमें जातिसूचक गालियां दी और भगा दिया, माननीय निवेदन है की रिपोर्ट की जांच कर उचित कार्रवाई करें"

न्यूज़क्लिक के लिए बात करते हुए बच्चे के पिता ने बताया कि वे और उनका परिवार बच्चे को पोस्टमार्टम के बाद सीधा उसी स्कूल ले आए हैं जहाँ उसकी पिटाई हुई थी। पुलिस अंतिम संस्कार करवाने का प्रयास कर रही है लेकिन हम शिक्षक की गिरफ्तारी तक यहाँ से नहीं उठेंगे, उन्होंने बताया "बच्चे को सांस लेने में काफी तकलीफ थी, उसके शरीर पर गहरी चोट के निशान थे, सीएचसी में चिकित्सक अमर दीप चौधरी ने निखित को सांस लेने में परेशानी होने की जानकारी दी और शरीर में चोट के निशान मिलने की बात कही,परिवार का कहना है कि 24 सितंबर को मामला दर्ज कराने के बाद से आरोपी शिक्षक पकड़ में नहीं आया।

कक्षा में और भी बच्चों के नंबर काम आए थे, सिर्फ़ उसे ही क्यों मारा?

मृतक बच्चे के पिता ने शिक्षक पर आरोप लगते हुए कहा की मेरा बच्चा दलित था इसलिए उसे इतना मारा की उसकी मौत हो गयी। उन्होंने कहा "कक्षा में और भी बच्चों के नंबर कम आए थे लेकिन शिक्षक ने मेरे बच्चे को ही बेरहमी से पीटा, शिक्षक ऊंची जाति से है ,मैं मजदूरी करके अपना घर चलाता हूँ, मेरे तीन बच्चे हैं, निखित पढ़ने में काफी होशियार था, उसकी कोई शिकायत कभी नहीं आयी"image

50 लाख मुआवज़ा और सरकारी नौकरी की मांग

जिलाधिकारी जनपद औरेया के नाम ज्ञापन देते हुए पीड़ित परिवार ने विभिन्न मांगे रखी हैं, परिवार की मांग है कि अभियुक्तों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो, पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा एवं एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दिलाई जाए, परिवार को शहरी आवास दिया जाए,परिवार को ग्राम समाज भूमि से 2 एकड़ का पट्टा दिया जाए, सुरक्षा हेतु शस्य लाइसेंस प्रदान किया जाए, अभियुक्तों को अतिशीघ्र गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए एवं फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट में मुकदमा चलाकर जल्द सजा दिलाई जाए, परिवार का कहना है कि जिलाधिकारी जब तक इन मांगों को पूरा करने के लिए आश्वासन नहीं देते वे अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे

आरोपी शिक्षक की तलाश जारी, तीन टीमें गठित की गयीं

इस मामले की अधिक जानकारी के लिए अछल्दा थाना में सम्पर्क किया गया। थानाधिकारी ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस को आरोपी शिक्षक की तलाश है। दर्ज एफआईआर के मुताबिक़ आरोपी शिक्षक अश्विनी सिंह के ऊपर धारा 308, 323, 505 एवं विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

भीम आर्मी के कार्यकर्त्ता पहुंचे पीड़ित परिवार के गांव

भीम आर्मी के कार्यकर्त्ता धर्मेंद्र कबीर बच्चे के शव सहित स्कूल में धरने पर बैठे पीड़ित परिवार के पास पहुंचने। उन्होंने न्यूज़क्लिक के लिए बात करने पर कहा कि देश में लगातार दलितों को प्रताड़ित किया जा रहा है, अगर परिवार की मांग नहीं मानी गयी तो भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आज़ाद यहाँ आएँगे और बड़ा आंदोलन होगा। भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट किया, "औरैया मे एक स्कूली छात्र की टीचर द्वारा निर्मम पिटाई से मौत हो जाती है और पुलिस परिवार की इच्छा के विरुद्ध जबरन अंतिम संस्कार करवाना चाहती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, "परिवार की मांगों के समर्थन में मौजूद आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के बाद गिरफ्तारी गलत है। इस तानाशाही के खिलाफ हम डटकर खड़े हैं।"

अखिलेश-मायावती की भी आई प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

ट्वीट करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा "औरैया में एक छात्र की शिक्षक द्वारा पीटे जाने से हुई मृत्यु का समाचार दुखद ही नहीं, बेहद संवेदनशील है। सरकार यथोचित कार्रवाई करे और पीड़ित परिवार को मुआवज़ा भी दे। शिक्षा जीवन देती है, लेती नहीं।"

मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा, “औरैया में शिक्षक की पिटाई से दलित छात्र की मौत पर सरकारी उदासीनता व लापरवाही का मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा है। इंसाफ व उचित कार्रवाई के अभाव में लोग काफी आक्रोशित हैं। सरकार ऐसे संगीन मामलों को रफादफा करने के बजाय तुरन्त प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करे, बीएसपी की यह माँग। साथ ही, यूपी में दलितों, गरीबों, मजलूमों व अल्पसंख्यकों आदि के साथ-साथ महिलाओं की असुरक्षा का मामला भी काफी चर्चाओं में है। महिला पुलिसकर्मियों के विरुद्ध थाना में शोषण व अन्याय की खबरें भी लगातार सुर्खियों में हैं, जो सरकार के कानून-व्यवस्था के दावे को गलत साबित करती हैं”

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

इसे भी पढ़ें: दलित छात्र इंद्र मेघवाल  को याद करते हुए: “याद रखो एक बच्चे की हत्या... सम्पूर्ण राष्ट्र का है पतन”

इसे देखें- आज़ादी के अमृतकाल के संकल्पों के बरक्स बिलकिस और इंद्र मेघवाल

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest