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राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल : लोकसभा सचिवालय

सचिवालय ने अधिसूचना में कहा कि उच्चतम न्यायालय के चार अगस्त के फैसले के मद्देनजर गांधी की अयोग्यता संबंधी 24 मार्च की अधिसूचना का क्रियान्वयन आगामी न्यायिक फैसले तक रोका जाता है। 
Rahul gandhi
फ़ोटो : PTI

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की लोकसभा सदस्यता सोमवार को बहाल कर दी गई। 

इस संबंध में लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी की।

सचिवालय ने अधिसूचना में कहा कि उच्चतम न्यायालय के चार अगस्त के फैसले के मद्देनजर गांधी की अयोग्यता संबंधी 24 मार्च की अधिसूचना का क्रियान्वयन आगामी न्यायिक फैसले तक रोका जाता है। 

उच्चतम न्यायालय ने गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए, मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी।

न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने चार अगस्त को फैसला सुनाते हुए कहा था कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते समय कोई कारण नहीं बताया, सिवाय इसके कि उन्हें अवमानना मामले में शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी थी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि इससे भारत के लोगों खासकर वायनाड संसदीय क्षेत्र की जनता को राहत मिली है।

खरगे ने ट्वीट किया, ‘‘राहुल गांधी जी की संसद की सदस्यता बहाल करने का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है। यह (कदम) भारत के लोगों और विशेषकर वायनाड की जनता के लिए राहत लेकर आया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा और मोदी सरकार के कार्यकाल का अब जो भी समय बचा है, उन्हें उसका उपयोग विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करने की बजाय शासन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’’

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद संसद भवन में खरगे ने कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को मिठाई भी खिलाई।

उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की लोकसभा सदस्यता सोमवार को बहाल कर दी गई। 

इस संबंध में लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी की।

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल किए जाने का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि उम्मीद है कि सपा के पूर्व विधायक आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता भी जल्द बहाल कर दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र में हिस्सा लेने के लिए जाते वक्त संवाददाताओं से बातचीत में अखिलेश ने राहुल की लोकसभा सदस्यता बहाल किए जाने से जुड़े सवाल पर कहा, “सबसे पहले तो उच्चतम न्यायालय को बधाई। उसके इस निर्णय से लोकतंत्र और न्यायालय पर भरोसा बढ़ा है। भाजपा का काम करने का तरीका यह है कि वह लोगों की सदस्यता छीन लेना चाहती है।”

सपा प्रमुख ने कहा, “हमें उम्मीद है कि औरों की सदस्यता भी बहाल होगी। आजम खां, उनके बेटे और बहुत सारे लोगों की सदस्यता छीनी गई है।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने इटावा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रामशंकर कठेरिया की तरफ इशारा करते हुए कहा, “देखते हैं कि औरों की सदस्यता छीनी जाती है या नहीं।”

कठेरिया को सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई है। उन पर 2011 में बिजली आपूर्ति कंपनी के एक कर्मचारी के साथ मारपीट करने का आरोप था।

किसी भी अपराध के लिए दो साल या उससे ज्यादा के कारावास की सजा पाने वाले निर्वाचित प्रतिनिधि को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत तत्काल अयोग्य घोषित करने का प्रावधान है।

इससे पहले, सपा अध्यक्ष ने एक ट्वीट में कहा, “भाजपा विपक्ष के सांसदों और विधायकों की सदस्यता छीनने का षड्यंत्र करते-करते अब ख़ुद इसका शिकार हो गई है। अब देखते हैं कि वह कितनी जल्दी अपने सांसद की सदस्यता समाप्त करती है और कितनी जल्दी अन्य की सदस्यता बहाल करती है। भाजपा की साजिश का अब पर्दाफाश हो गया है।”

अखिलेश ने संवाददाताओं से बातचीत में प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “आज जनता रो रही है। बिजली का संकट है। किसानों को पैदावार का सही मूल्य नहीं मिल रहा है। क्या सरकार उनकी मदद करने को तैयार है। एक भी नयी मंडी नहीं खुली। जो खुली वह भी बंद हो गई।”

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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