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मप्र: जबलपुर में ऑक्सीजन खत्म होने से पांच कोरोना वायरस मरीजों की मौत

भोपाल में बुधवार को 137 शवों को अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया, जबकि उस दिन भोपाल जिले में सरकारी आंकड़ों के अनुसार मात्र पांच लोगों की ही मौत इस महामारी से बताई गई है।
मप्र: जबलपुर में ऑक्सीजन खत्म होने से पांच कोरोना वायरस मरीजों की मौत
सांकेतिक तस्वीर

मध्यप्रदेश में हालात ठीक नहीं हैं। जबलपुर के अस्पताल में जहां ऑक्सीजन की कमी से पांच मरीजों की मौत की बात सामने आई, वहीं कोरोना वायरस संक्रमण के कारण परिवार में हुई मौत के गम में रायसेन एवं देवास जिलों में दो महिलाओं ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। इतना ही नहीं राजधानी भोपाल स्थित दो श्मशान घाट एवं एक कब्रिस्तान में बुधवार को 137 शवों को अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया, जबकि उस दिन भोपाल जिले में सरकारी आंकड़ों के अनुसार मात्र पांच लोगों की ही मौत इस महामारी से बताई गई है।

पीटीआई-भाषा की ख़बर के अनुसार मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित एक निजी अस्पताल में चिकित्सकीय ऑक्सीजन कथित रूप से खत्म हो जाने से गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती कोविड-19 के पांच मरीजों की मौत हो गई। यह जानकारी पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को दी।

नगर पुलिस अधीक्षक (कोतवाली क्षेत्र) दीपक मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि यह घटना गैलेक्सी अस्पताल में बृहस्पतिवार-शुक्रवार की दरमियानी रात को हुई।

उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन समाप्त होने इन पांच मरीजों की मौत हो गई।

मिश्रा ने बताया कि इन मरीजों की मौत के बाद परिजनों द्वारा अस्पताल के बाहर हंगामा किये जाने की जानकारी मिलने पर इलाके में गश्त कर रही पुलिस रात में ही अस्पताल में पहुंची और मृतकों के परिजनों ने शिकायत की कि ऑक्सीजन समाप्त होने से मरीजों की मौत हुई है।

उन्होंने कहा कि यह अस्पताल बृहस्पतिवार देर रात तक में चिकित्सकीय ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति की प्रतीक्षा कर रहा था, लेकिन इसे ला रहा वाहन खराब हो गया।

मिश्रा ने बताया कि इसके बाद पुलिस के जवान एक निजी एजेंसी गये और वहां से ऑक्सीजन सिलेंडर लाये। उन्होंने बताया कि एक वाहन का बंदोबस्त किया गया और उसमें 10 ऑक्सीजन सिलेंडर इस अस्पताल में पहुंचाये गये।

उन्होंने कहा, ‘‘मृतकों के परिजनों ने इस मामले में पुलिस से जांच करने की मांग की है। हम जांच करने के लिए लिखित शिकायत का इंतजार कर रहे हैं।’’

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पाटन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक एवं प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अजय विश्नोई ने कहा, ‘‘ऑक्सीजन के संबंध में निजी अस्पताल के खराब प्रबंधन के कारण यह घटना हुई।’’

उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल को जरूरत को ध्यान में रखते हुए चिकित्सकीय ऑक्सीजन सिलेंडरों का पहले से ही बंदोबस्त करके रखना चाहिए था।

विश्नोई ने दावा किया, ‘‘अभी जबलपुर में चिकित्सकीय ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है।’’

कई बार प्रयास करने के बावजूद अस्पताल से इस संबंध में किसी की प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी।

संक्रमण से परिवार में हुई मौत के गम में दो महिलाओं ने की आत्महत्या

रायसेन/ देवास: मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण परिवार में हुई मौत के गम में रायसेन एवं देवास जिलों में दो महिलाओं ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली।

पहली घटना में प्रदेश के रायसेन जिले में एक महिला ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अपनी मां की मौत से दुखी होकर कथित रूप से चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली।

यह घटना रायसेन जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर औद्योगिक नगर मंडीदीप में बुधवार रात करीब आठ बजे के आसपास हुई।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृत मीणा ने बताया कि मंडीदीप के हिमांशु विंग्स बिल्डिंग की चौथी मंजिल में रहने वाले रंजीत राय की पत्नी का कोरोना वायरस संक्रमण के कारण दो दिन पहले निधन हो गया था, जिससे उनकी 32 वर्षीय पुत्री रितिका राय सदमे में थी।

उन्होंने कहा, ‘‘बुधवार की रात करीब 8 बजे वह अचानक मां के पास जाने का कहते हुए अपने अपार्टमेंट की चौथी मंजिल से कूदने के लिए लटक गई, उसके पिता रंजीत राय सहित आसपास के रहवासियों ने बचाने के लिए उसका हाथ पकड़कर ऊपर खींचने के प्रयास किए लेकिन वे सफल नहीं हो सके। इसी जद्दोजहद में रितिका ने उन्हें जोर का झटका देकर अपना हाथ छुड़ा लिया, जिसके कारण वह 50 फुट नीचे आकर गिरी।’’ मीणा ने बताया कि उसको गंभीर अवस्था में तत्काल शासकीय चिकित्सालय ले जाया गया, जहां गंभीर चोट आने के कारण इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

मंडीदीप पुलिस थाना प्रभारी कुँवर सिंह मुकाती ने बताया कि घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और विस्तृत जांच जारी है।

पीड़िता के पिता रंजीत राय ने बताया , ‘‘वह अपनी मां के मरने के बाद से सदमे में थी। दो दिन से कुछ खा-पी नहीं रही थी। मां की मौत होने से वह बहुत ज्यादा परेशान थी, जिससे उसने यह कदम उठाया है।’’

वहीं, दूसरी घटना में प्रदेश के देवास में छह दिन के अंदर कोरोना वायरस से 75 वर्षीय एक महिला एवं उसके दो बेटों सहित एक परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। इससे दुखी होकर इस महिला की छोटी बहू ने बुधवार को कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक यह घटना अग्रवाल समाज, देवास के अध्यक्ष बालकिशन गर्ग के घर में हुई जिनकी खुद की तबीयत भी अत्यधिक खराब है।

सूत्रों ने बताया कि सबसे पहले बालकिशन की पत्नी चंद्रकला (75) को संक्रमण हुआ और 14 अप्रैल को उनकी मौत हो गई, इसके ठीक दो दिन बाद उनके बड़े बेटे संजय (51) ने भी कोरोना के कारण दम तोड़ दिया, जबकि 19 अप्रैल को छोटे पुत्र स्वप्नेश (48) की भी कोरोना से मौत हो गई।

सूत्रों के मुताबिक बालकिशन की छोटी बहू रेखा गर्ग (45) सास, पति एवं जेठ की मौत को सहन नहीं कर सकी, अवसाद की वजह से उसने बुधवार सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बालकिशन के बड़े बेटे की पत्नी हादसे के चलते सदमे में है।

नगर पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह चौहान ने बताया कि रेखा गर्ग द्वारा आत्महत्या करने की सूचना मिलते ही सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेजा।

उन्होंने कहा कि शव का पोस्टमॉर्टम करने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है।

चौहान ने बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज कर विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है।

भोपाल में बुधवार को कोविड-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक 137 शवों को अंतिम संस्कार हुआ

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित दो विश्रामघाट (श्मशान घाट) एवं एक कब्रिस्तान में बुधवार को 137 शवों को अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया, जबकि उस दिन भोपाल जिले में सरकारी आंकड़ों के अनुसार मात्र पांच लोगों की ही मौत इस महामारी से बताई गई है।

भोपाल स्थित इन दो विश्रामघाटों एवं एक कब्रिस्तान के रिकॉर्ड के अनुसार इनमें बुधवार को कुल 187 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। इनमें से 137 शवों को अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया।

हालांकि, बुधवार शाम को जारी मध्य प्रदेश सरकार की कोविड-19 बुलेटिन के अनुसार 24 घंटे के दौरान भोपाल में पांच लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से हुई।

भदभदा विश्राम घाट प्रबंधन समिति के सचिव मम्तेश शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘भदभदा विश्राम घाट में बुधवार को कुल 111 शवों का अंतिम संस्कार किया। इनमें से 92 शवों का अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया।’’ उन्होंने कहा कि जिन 92 शवों का अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया, उनमें से 61 भोपाल के निवासी थे, जबकि 31 अन्य जिलों के थे।

भदभदा विश्राम घाट प्रदेश की राजधानी भोपाल में हिन्दुओं के बड़े श्मशान घाटों में से एक है।

शर्मा ने बताया कि जो लोग अन्य जिलों से भोपाल में इलाज करवाने आते हैं और उपचार के दौरान उनकी मौत होने पर, उनका अंतिम संस्कार भोपाल में ही किया जा रहा है। कोरोना के लिए बनाये गये दिशा निर्देशों के अनुसार उनके शवों को दूसरे जिले में नहीं ले जाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से पहले भदभदा विश्राम घाट में प्रतिदिन करीब 10 से 12 शव ही अंतिम संस्कार के लिए जाये जाते थे।

भोपाल में भदभदा विश्राम घाट, सुभाष नगर विश्राम घाट एवं झदा कब्रिस्तान जहांगीराबाद में ही कोविड-19 के मरीजों का अंतिम संस्कार करने की अनुमति है।

वहीं, शहर के सुभाष नगर विश्राम घाट के प्रबंधक शोभराज सुखवानी ने बताया कि इस विश्राम घाट में बुधवार को 56 शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

उन्होंने कहा, “इन शवों में से 31 शवों का अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया, जिनमें से 20 भोपाल के रहने वाले थे एवं बाकी 11 अन्य जिलों के थे।” झदा कब्रिस्तान जहांगीराबाद के प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रेहान गोल्डन ने बताया, ‘‘बुधवार को हमारे (मुस्लिम) कब्रिस्तान में कुल 20 शव दफनाये गये। इनमें से 14 को कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक दफनाया गया, ये सभी लोग भोपाल के निवासी थे।’’ भोपाल जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी से कोविड-19 के मौतों के कम आंकड़ों एवं भारी तादात में शवों के बारे में प्रतिक्रिया जानने के लिए फोन पर संपर्क किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।

रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते दो चिकित्सक सहित पांच गिरफ्तार

जबलपुर: मध्य प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए कारगर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में निजी अस्पताल के दो चिकित्सकों सहित पांच लोगों को बृहस्पतिवार को यहां गिरफ्तार किया।

एसटीएफ (जबलपुर) के पुलिस अधीक्षक नीरज सोनी ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए दो चिकित्सकों और तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किये गये आरोपियों में डॉ. जीतेन्द्र सिंह ठाकुर (26), डॉ. नीरज साहू (26), सुधीर सोनी (27), राहुल विश्वकर्मा (24) एवं राकेश मालवीय (31) शामिल हैं।

सोनी ने बताया कि डॉ. जीतेन्द्र ‘लाइफ मेडिसिटी’ हॉस्पिटल में जबकि डॉ. नीरज आशीष अस्पताल में काम करते हैं। बाकी तीनों शंकरधानी अस्पताल में काम करते हैं।

उन्होंने कहा कि आरोपियों के पास से चार रेमडेसिविर इंजेक्शन, छह मोबाइल फोन, एक चार पहिया वाहन एवं 10,400 रूपये नगद बरामद किए गए हैं।

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