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मध्य प्रदेश: खाद संकट पर माकपा ने कहा सफेद झूठ बोल रही है शिवराज सरकार

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने कहा कि खाद न मिलने पर किसानों का भविष्य और रबी की फसल दोनों चौपट हो जाएगी।
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फ़ोटो साभार: पीटीआई

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार दावे कर रही है कि राज्य  में खाद की कोई कमी नहीं है और  किसानों को आसानी से खाद मिल रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कृषि मंत्री कमल पटेल से लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तक बार-बार ऐसे दावे कर रहे हैं। जबकि दूसरी तरफ  किसानों का कहना है कि उन्हें खाद नहीं मिल रही। कई जगह खाद वितरण केंद्रों पर लंबी-लंबी लाइन में लग रही है और उसके बाद भी खाद नहीं मिल पा रही है।

विपक्षी वामपंथी दल भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी)  यानी माकपा ने कहा कि रबी की फसल की बुआई का समय गुजरता जा रहा है, परेशान किसान खाद के लिए दर-दर ठोकरें खा रहे हैं, तब भाजपा की शिवराज सिंह चौहान सरकार लगातार एक नहीं दो-दो झूठ बोल रही है।

पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी कर कहा है कि राज्य सरकार दावा कर रही है कि अब खाद का कोई संकट नहीं है क्योंकि 80 प्रतिशत फसल की बोवनी हो चुकी है, जबकि सरकारी एजेंसियों के तथ्य ही सरकार के दावों को झुठला रहे हैं।

माकपा नेता ने कहा है कि कृषि विभाग के अनुसार इस वर्ष 139.06 लाख हैक्टेयर कृषि भूमि पर रबी की फसल की बोवाई करने का लक्ष्य रखा गया है। विभाग के अनुसार अभी तक केवल  54.45 लाख हैक्टेयर में ही बुआई हो पायी है, जो निर्धारित लक्ष्य का 39 फीसद है, जबकि सरकार 80 फीसद पर बोवनी हो जाने का सफेद झूठ बोल रही है।

जसविंदर सिंह ने कहा है कि जब सहकारी समितियों में खाद उपलब्ध नहीं है और किसानों को खुले बाजार से 1350 रुपए वाला डीएपी का बोरा 1900 रुपये तक खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, तब मुख्यमंत्री से लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तक दावा कर रहे हैं कि प्रदेश में खाद का कोई संकट नहीं है। माकपा नेता ने पूछा है कि यदि खाद का संकट नहीं है तो फिर खाद के लिए किसान लंबी-लंबी लाइनों में क्यों लगे हैं?

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि सरकार का यह झूठ किसानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है, क्योंकि यदि उन्हें खाद नहीं मिला तो न केवल किसान बाजार से कालाबाजारी से नकली खाद खरीद कर लुटेंगे बल्कि खाद न मिलने पर किसानों का भविष्य और रबी की फसल भी चौपट हो जाएगी।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सरकार से झूठे दावे करने के बजाय खाद उपलब्ध कराने की मांग की है ताकि रबी की फसल की बोवनी हो सके।

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