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शराब में कीटनाशक मिलाकर ज़हरीला बनाते हैं माफ़िया!

मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के सकरा इलाके में हुई छापेमारी के दौरान मौके से अधिकारियों को कीटनाशक मिला है जिससे लगता है कि शराब बनाने में इन कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता था।
Mafia makes poison by mixing pesticides in alcohol
'प्रतीकात्मक फ़ोटो'

बिहार में जहरीली शराब से मरने वालों का सिलसिला अभी थमा नहीं है। मुजफ्फरपुर में बुधवार को एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई। इस जिले में मृतकों की संख्या बढ़कर अब छह हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जहरीली शराब से इस साल करीब 86 लोगों की मौत हो चुकी है। ज्ञात हो कि बिहार में अप्रैल 2016 को शराबबंदी हुई थी तब से लेकर अब तक 125 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है।

उत्पाद अधीक्षक संजय कुमार राय ने मीडिया को बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर उत्पाद विभाग की टीम ने देसी शराब बनाने के दो अड्डे पर छापेमारी की। इस दौरान इन अड्डो से कीटनाशक को बरामद किया गया। इसकी जांच की जा रही है की कीटनाशक शराब बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया था कि नहीं। मौके से बरामद की गई देसी शराब की भी जांच कराई जाएगी। चुलाई शराब बनाने का मशीन भी बरामद किया गया है।

शराब बनाने वाले ठिकानों से मिले कीटनाशकों से लगता है कि शराब बनाने में इन कीटनाशकों का इस्तेमाल किया गया हो। अब जांच के बाद ही सामने आ पाएगा कि शराब बनाने वालों ने इसका इस्तेमाल किया या नहीं।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक मौके से 65 लीटर तैयार देसी शराब और तीन चुलाई मशीन बरामद किया गया है वहीं 2500 लीटर मीठा मिश्रित लिक्विड भी पकड़ा गया। साथ ही 1 लीटर वाली बोतर सुपर किलर-25 जो आधा बोतल खाली था। वहीं 100 ग्राम एंट्राकोल और 200 ग्राम साफ फंगीसाइड भी मिला है।

मुजफ्फरपुर जिले में सोमवार और मंगलवार को पांच लोगों की मौत हो गई थी। इस बीच खुफिया रिपोर्ट के आधार पर हुई कार्रवाई में ये बात सामने आई कि शराब बनाने वाले देसी शराब में कीटनाशक और फफूंदनाशी मिला रहे हैं। मंगलवार को सकरा थाने के पिल्खी में आधा दर्जन शराब भट्टियों को उत्पाद विभाग की टीम ने ध्वस्त किया। वहां साइकिल चौक से एक किलोमीटर अंदर छापेमारी में सुपर किलर-25 ब्रांड नाम की कीटनाशक और साफ ब्रांड नाम की फंगीसाइड जब्त हुई। ज्ञात हो कि 24अक्टूबर को भी इस इलाके में स्पेशल ब्रांच की सूचना पर शराब भट्टी ध्वस्त की गई थी।

कांटी प्रखंड में सोमवार से गुरुवार तक में 6 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में अशोक राय (50), सुमित कुमार उर्फ गोपी (25), रामबाबु साह (65), दिलीप राय (50), शहजाद अली (50) और कृष्णनंदन झा (35) शामिल है। मनोज कुमार, लालबाबू और सदानन्द का इलाज मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच चल रहा है। वहीं, कुछ लोग अभी भी गुप्त तरीके इलाज करवा रहे हैं। इन लोगों का पता लगाने में पुलिस जुटी हुई है।

जहरीली शराब से पिछले कुछ दिनों में गोपालगंज में 21 लोगों की जान चली गई वहीं बेतिया में 16 लोगों की मौत हो गई जबकि समस्तीपुर के पटोरी में 4 लोगों ने अपनी जान गंवाई और मुजफ्फरपुर में 6 लोगों की मौत हो चुकी है।

जहरीली शराब से मौत का सबसे बड़ा मामला इस साल होली के ठीक बाद नवादा जिले में सामने आया था। यहां टाउन थाना क्षेत्र के गांवों में इसके इस्तेमाल के चलते करीब 16 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद फिर जुलाई महीने में पश्चिमी चंपारण के लौरिया में करीब करीब इतनी ही संख्या में लोगों की मौत का मामला सामने आया था। लेकिन अब सबसे बड़ी घटना गोपालगंज से सामने आई है जहां 18 लोगों की मौत हो गई है। 12 अक्टूबर को वैशाली जिला के राजापाकर थाना के बैकुंठपुर गांव में 55 वर्षीय रंजीत कुमार सिंह की मौत हो गई थी। वहीं24 अक्टूबर को सीवान के गुथानी थाना क्षेत्र के बेलौरी में जहरीली शराब से चार लोगों की मौत हो गई थी।

केमिकल और नशीली दवा का होता है इस्तेमाल

खुलासे में सामने आया है कि देसी शराब बनाने के लिए माफिया एक विशेष केमिकल और नशीली दवा का इस्तेमाल करते हैं जिसे पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से मंगाया जाता है। इसके अलावा स्प्रिट का भी इस्तेमाल किया जाता है जो काफी जानलेवा होता है।

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