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‘विभाजनकारी तत्वों’ के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाने की जरूरत: खरगे

खरगे ने कहा कि जनता में द्वेष का विष घोलना और उन्हें आपस में लड़वाना संविधान का मज़ाक़ उड़ाने जैसा है। 
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फ़ोटो : PTI

नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में हुई हिंसक झड़पों और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक कांस्टेबल द्वारा चार लोगों की हत्या किए जाने की घटनाओं की पृष्ठभूमि में मंगलवार को कहा कि अगर ‘विभाजनकारी तत्वों’ के ख़िलाफ़ एकजुट होकर आवाज़ नहीं उठाई गई तो इसके दुष्परिणाम आने वाली पीढ़ियों को सहने पड़ेंगे।

उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की और कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। 

आरपीएफ के एक कांस्टेबल ने सोमवार तड़के महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास चलती हुई ट्रेन-जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में अपने वरिष्ठ सहकर्मी और तीन अन्य यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी। 

दूसरी तरफ, हरियाणा के नूंह और कुछ अन्य इलाकों में सोमवार को भड़की हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए। 

इन घटनाओं की पृष्ठभूमि में खरगे ने ट्वीट किया, ‘‘21वीं सदी के भारत में धर्म के नाम पर फैलाई जा रही हिंसा हमारी सर्वधर्म समभाव - सभ्यता की नींव पर कुठाराघात है। इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हरियाणा के कुछ हिस्सों में जो चल रहा है या फिर जो आरपीएफ कांस्टेबल ने किया वो भारत माता के सीने पर गहरे ज़ख़्म देने जैसा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आए दिन, हम समाज के ताने-बाने में बिखराव की जो प्रवृत्ति देख रहे हैं वो सत्ता के लोभ में समाज में नफ़रत फैलाने का परिणाम है।’’ 

खरगे ने कहा कि जनता में द्वेष का विष घोलना और उन्हें आपस में लड़वाना संविधान का मज़ाक़ उड़ाने जैसा है। 

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी घटनाएं लचर होती क़ानून व्यवस्था और हमारी कमज़ोर होती संवैधानिक संस्थाओं पर गंभीर प्रश्न खड़े करती हैं। अगर हमने आज एकजुट होकर इन विभाजनकारी तत्वों के ख़िलाफ़ आवाज़ नहीं उठाई तो इसके दुष्परिणाम आने वाली पीढ़ियों को सहने पड़ेंगे।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी सभी से शांति बनाए रखने की अपील करती है और दोषियों को सख़्त से सख़्त सज़ा दिए जाने की मांग करती है। नफ़रत छोड़ो, भारत जोड़ो !’’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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