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कोरोना का नया ख़तरा: शहरों से कस्बों-गांवों की तरफ़ भी!

सब कह रहे हैं, कोरोना की यह 'दूसरी लहर' ज्यादा खौफनाक और मारक है. लेकिन क्यों? वैज्ञानिक कारण के अलावा इसके सामाजिक-शासकीय कारण भी हैं

सब कह रहे हैं, कोरोना की यह 'दूसरी लहर' ज्यादा खौफनाक और मारक है. लेकिन क्यों? वैज्ञानिक कारण के अलावा इसके सामाजिक-शासकीय कारण भी हैं. बीते साल भर में हमारे निर्वाचित शासकों ने जिस शिद्द्त से जगह-जगह चुनाव लड़े हैं या सामाजिक स्तर पर जितने बड़े-बड़े धार्मिक आयोजन हुए हैं क्या उतनी शिद्द्त से स्वास्थ्य सेवाओं और संरचनाओं को विकसित और व्यवस्थित करने की कोशिश की गई? शासकीय और सामाजिक स्तर पर बेहद अफसोसनाक लापरवाही के चलते ही ये हालात पैदा हुए हैं! कोरोना के ख़तरनाक 'म्युटेन्ट' की चर्चा ज़्यादा की जा रही है लेकिन शासकीय विफलताओं और सामाजिक स्तर की लापरवाही की बहुत कम. HafteKiBaat के नये एपिसोड में कुछ नये प्रश्नों को उठा रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh.

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