ओडिशा ट्रेन दुर्घटना : विपक्षी दलों ने हादसे में मारे गए लोगों के प्रति शोक जताया, रेलमंत्री से इस्तीफ़े की मांग की

ओडिशा में ट्रेन हादसे में 200 से ज्यादा यात्रियों की मौत पर शोक जताते हुए विपक्षी दलों के नेताओं ने जहां रेल मंत्री से इस्तीफे की मांग की है वहीं रेलवे की सिग्नल प्रणाली पर सवाल उठाए हैं, जिसकी वजह से संभवत: यह दुर्घटना हुई।
बता दें कि शुक्रवार को बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर में कम से कम 233 लोगों की मौत हो गई और लगभग 900 लोग घायल हो गए।
सीपीआईएम ने इस दर्दनाक हादसे के बाद ट्वीट करते हुए लिखा, "हम ओडिशा में भीषण ट्रेन हादसे के शिकार परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और इस कठिन घड़ी में उनके साथ एकजुटता से खड़े हैं।"
We express our condolences to the families of the victims of the horrific train accident in Odisha and stand in solidarity with them during this difficult hour. pic.twitter.com/3WBJyqkTv0
— CPI (M) (@cpimspeak) June 2, 2023
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद बिनॉय विश्वम ने इस दुर्घटना को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की।
विश्वम ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार केवल लग्जरी ट्रेन पर ध्यान केंद्रित करती है। आम लोगों की ट्रेन और पटरियों की उपेक्षा की जाती है। ओडिशा में हुए हादसे में लोगों की मौत इसी का परिणाम है। रेल मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।’’
Government concentrate only on luxury trains. Trains and tracks of common people are neglected.Orissa deaths are the result of it. Rail minister should resign.
— Binoy Viswam (@BinoyViswam1) June 2, 2023
वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (भाकपा-माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी यही सवाल उठाया।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘क्या भारतीय रेलवे में अब हमारे पास कोई सिग्नल या सुरक्षा प्रणाली नहीं रह गई है? या क्या इस तरह के भयावह हादसे भारत में रेल यात्रा के लिए सामान्य बात हो जाएंगे? हमें पीड़ितों और इस हादसे में अपनों को खोने वाले परिवारों को जवाब देना चाहिए।’’
Do we no longer have any signalling and safety system in Indian railways? Or will such terrible tragedies become the new normal for rail travel in India? We owe an answer to the victims and to the families who lost their near and dear ones in this mishap. https://t.co/zcyE8tIlO7
— Dipankar (@Dipankar_cpiml) June 3, 2023
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने शुक्रवार को ओडिशा में ट्रेन हादसे पर दुख व्यक्त किया था और पार्टी कार्यकर्ताओं तथा नेताओं से राहत एवं बचाव अभियान में सभी आवश्यक सहयोग देने का आग्रह किया था।
ओडिशा ट्रेन दुर्घटना रेल इतिहास के सबसे भीषण हादसों में से एक
ओडिशा में शुक्रवार को हुए भीषण ट्रेन हादसे में कम से कम 233 यात्रियों की मौत हो गई और 900 से अधिक घायल हुए। आंकड़े बताते हैं कि यह हादसा आजादी के बाद हुई सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक है। इस हादसे में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी।
अब तक की भीषण ट्रेन दुर्घटनाओं पर नजर :
-छह जून, 1981 : बिहार में देश की सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटना हुई। पुल पार करते समय एक ट्रेन बागमती नदी में गिर गई, जिससे उसमें सवार 750 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई।
-20 अगस्त, 1995 : उत्तर प्रदेश में पुरुषोत्तम एक्सप्रेस फिरोजाबाद के पास खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई। हादसे में लगभग 305 यात्री मारे गए।
-दो अगस्त, 1999 : ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई। इस हादसे में 285 से अधिक यात्री मारे गए और 300 से अधिक हो गए। पीड़ितों में सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कई जवान शामिल थे।
-26 नवंबर, 1998 : पंजाब के खन्ना में जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस, फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकरा गई, जिससे 212 यात्रियों की मौत हो गई।
-20 नवंबर, 2016 : उत्तर प्रदेश में कानपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर पुखरायां में इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 152 यात्रियों की मौत हो गई और 260 अन्य घायल हो गए।
-28 मई, 2010 : मुंबई जा रही जनेश्वरी एक्सप्रेस ट्रेन पश्चिम बंगाल में झारग्राम के पास पटरी से उतर गई और फिर एक मालगाड़ी से टकरा गई। इस हादसे में 148 यात्रियों की मौत हो गई।
-नौ सितंबर, 2002 : हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस बिहार के रफीगंज में धावे नदी पर एक पुल के ऊपर पटरी से उतर गई, जिससे उसमें सवार 140 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई।
-23 दिसंबर, 1964 : पंबन-धनुस्कोडी पैसेंजर ट्रेन रामेश्वरम चक्रवात में बह गई, जिससे उसमें सवार 126 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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