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अडाणी समूह के ‘सलाहकार’ की पर्यावरण मंत्रालय की समिति में नियुक्ति की ख़बरों पर भड़के विपक्षी दल

ख़बरों के अनुसार, चौधरी को सितंबर में इस महत्वपूर्ण समिति का सदस्य नियुक्त किया गया था जिसे अनेक विद्युत परियोजनाओं को मंज़ूरी देनी है। इनमें अडाणी समूह की परियोजनाएं भी शामिल हैं।
Adani
फ़ोटो : PTI

पर्यावरण मंत्रालय के तहत आने वाली केंद्र की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) के सदस्य के तौर पर जनार्दन चौधरी की नियुक्ति को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए विपक्षी दलों ने मंगलवार को आरोप लगाया कि चौधरी अडाणी समूह के कर्मचारी हैं।

खबरों के अनुसार, चौधरी को सितंबर में इस महत्वपूर्ण समिति का सदस्य नियुक्त किया गया था जिसे अनेक विद्युत परियोजनाओं को मंजूरी देनी है। इनमें अडाणी समूह की परियोजनाएं भी शामिल हैं।

केरल कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक खाते पर लिखा, ‘‘अडाणी प्रधान सेवक ने अडाणी के कर्मचारी जनार्दन चौधरी को पर्यावरण मंत्रालय के तहत ईएसी का सदस्य नियुक्त किया था। इस समिति को अडाणी की छह परियोजनाओं (10,300 मेगावाट क्षमता की) को मंजूरी देनी है।’’

उसने यह भी कहा कि हाल में अडाणी की 1500 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली सतारा परियोजना को उन्होंने मंजूरी दी।

खबरों में दावा किया गया कि अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) के प्रमुख सलाहकार चौधरी इस समय केंद्र की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) के सदस्य हैं। इस समिति के सामने कंपनी की जलविद्युत परियोजनाओं के प्रस्ताव मंजूरी के लिए आते हैं।

ईएसी उन परियोजनाओं पर विचार-विमर्श कर निर्णय लेती है जिन्हें सरकार की पूर्व अनुमति आवश्यक होती है।

खबरों में दावा किया गया कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने 27 सितंबर को जलविद्युत और नदी घाटी परियोजनाओं के लिए ईएसी का पुनर्गठन किया था और चौधरी को अपने सात गैर-संस्थागत सदस्यों में नियुक्त किया था।

शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘ईएसी के समक्ष एजीईएल की जो परियोजनाएं मंजूरी के लिए प्रस्तावित हैं, उनमें आंध्र प्रदेश के रायवाड़ा में 850 मेगावाट, आंध्र प्रदेश के पेदाकोटा में 1800 मेगावाट महाराष्ट्र के पटगांव में 2100 मेगावाट, महाराष्ट्र के कोयना-निवाकेन में 2,450 मेगावाट, महाराष्ट्र में मालशेज घाट भोरंदे में 1500 मेगावाट और महाराष्ट्र के तराली में 1500 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं शामिल हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ईएसी के प्रमुख हितों के टकराव के बारे में क्या सोचते हैं? ईएसी के अन्य सदस्य कौन हैं?’’

तृणमूल कांग्रेस सदस्य महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘‘(नरेन्द्र) मोदीजी के पर्यावरण मंत्रालय ने अडाणी के कर्मचारी जनार्दन चौधरी को ईएसी का सदस्य नियुक्त किया है। अडाणी की 10,300 मेगावाट क्षमता की छह परियोजनाओं को इस समिति को मंजूरी देनी है।’’

उन्होंने दावा किया कि पिछली बैठक में चौधरी ने एजीईएल की 1500 मेगावाट क्षमता की सतारा परियोजना को मंजूर किया था।

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