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प्रधानमंत्री मोदी का उत्तर प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था संबंधी दावा भ्रामक

आंकड़े बता रहे हैं कि ज़्यादातर गंभीर क़िस्म के अपराधों में यूपी देश में पहले तीन स्थान पर है। दलितों और महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में पहले स्थान पर है और कुल मिलाकर अपराध के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है।
Modi

28 अगस्त 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली रोजगार मेले को संबोधित किया। जिसमें 51 हजार उम्मीदवारों को नियुक्ति-पत्र वितरित किए गए। अपने संबोधन में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के बारे में भी जिक्र किया। उन्होंने बोलते हुए कहा कि “कभी यूपी विकास के मामले में बहुत पीछे था और अपराध के मामले में बहुत आगे। लेकिन अब कानून का राज स्थापित होने से यूपी विकास की नई ऊंचाई छू रहा है। कभी गुंडों और माफिया की दहशत में रहने वाले यूपी में आज भयमुक्त समाज की स्थापना हो रही है। कानून-व्यवस्था का ऐसा शासन लोगों में विश्वास पैदा करता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावा कर रहे हैं कि यूपी में पहले अपराध का बोलबाला था और अब भयमुक्त समाज की स्थापना हो रही है। क्या ये सच है? क्या सचमुच यूपी में अपराध के मामलों में कमी आई है? आखिर उत्तर प्रदेश में अपराध की क्या स्थिति है? आइये, पड़ताल करते हैं।

क्या यूपी में भयमुक्त समाज की स्थापना हो रही है?

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार वर्ष 2017 में यूपी में भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अपराध के कुल 3,10,084 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि वर्ष 2021 में 3,57,905 मामले दर्ज किए गए। ये आंकड़े स्पष्ट कर रहे हैं कि अपराध के मामलों के कमी नहीं आई है बल्कि 17% बढ़ोतरी हुई है। अपराध के मामले में यूपी देश में दूसरे स्थान पर है। पहले स्थान पर महाराष्ट्र है।

अब एक बार देखते हैं कि अन्य गंभीर आपराधिक मामलों में यूपी की क्या स्थिति है? क्या कानून का राज स्थापित हो गया है और देश में यूपी किस पायदान पर है? नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार हत्या के मामलों में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। यूपी में देश में सबसे ज्यादा यानी 3,717 हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में हर रोज हत्या के दस मामले दर्ज होते हैं।

महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 56,083 मामले दर्ज किए गए हैं। यानी उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के हर रोज 153 मामले दर्ज होते हैं।

दलितों के खिलाफ अपराध के मामले में भी उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। यूपी में दलितों के खिलाफ अपराध के 13,146 मामले दर्ज किए गए हैं। यूपी में दलितों के खिलाफ अपराध के हर रोज 36 मामले दर्ज होते हैं।

अपहरण के मामले में भी यूपी देश में पहले स्थान पर है। देश में अपहरण के सबसे ज्यादा यानी 14,554 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए हैं। यूपी में हर रोज अपहरण के 40 मामले दर्ज होते हैं।

बलात्कार के मामलों में यूपी देश में तीसरे स्थान पर है। यूपी में रेप के 2,845 मामले दर्ज किए गए हैं। पहले स्थान पर राजस्थान है, जहां रेप के 6,337 मामले दर्ज किए गए हैं और दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश हैं जहां 2,947 मामले दर्ज किए गए हैं। यूपी में हर रोज बलात्कार के सात मामले दर्ज होते हैं।

चोरी के मामलों में यूपी देश में दूसरे स्थान पर है। यूपी में चोरी के 17,900 मामले दर्ज किए गए हैं। चोरी के मामले में पहले स्थान पर महाराष्ट्र है, जहां चोरी के 39,478 मामले दर्ज किए गए हैं। यूपी में हर रोज चोरी के 49 मामले दर्ज होते हैं।

पति या उसके रिश्तेदारों के द्वारा महिला के साथ क्रूरता के मामले में यूपी देश में दूसरे स्थान पर है। यूपी में इस धारा के तहत 18,375 मामले दर्ज हुए हैं। पहले स्थान पर पश्चिम बंगाल है जहां 19,952 मामले दर्ज किए गए हैं।

निष्कर्ष

उपरोक्त आंकड़े बता रहे हैं कि ज्यादातर गंभीर किस्म के अपराधों में यूपी देश में पहले तीन स्थान पर है। दलितों और महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में पहले स्थान पर है और कुल मिलाकर अपराध के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है। ये आंकड़े बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूपी में भयमुक्त समाज और कानून-व्यवस्था संबंधी दावा भ्रामक है।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

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