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दिन भर के भव्य आयोजनों के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने आधी रात को काशी विश्वनाथ धाम, बनारस रेलवे स्टेशन का दौरा किया। हालांकि सुरक्षा कर्मी यह सुनिश्चित कर रहे थे कि कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री के करीब न जाए। 
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ सोमवार को मध्यरात्रि के बाद वाराणसी की सड़कों पर निकले और काशी विश्वनाथ धाम और बनारस रेलवे स्टेशन का दौरा किया। हालांकि आम आदमी उनके पास फटक नहीं पाया...वैसे भी 'आम आदमी' को उन्हें पगड़ी पहनाने की इजाज़त तो दी जा सकती है, लेकिन सवाल पूछने की नहीं। और आम आदमी ही क्या, यहां तो असल पत्रकारों तक को सवाल पूछने की इजाज़त नहीं है। कार्टूनिस्ट इरफ़ान इसी पर व्यंग्य कर रहे हैं।

देर रात करीब एक बजे पोस्ट किए गए एक ट्वीट में मोदी ने कहा कि उन्होंने वाराणसी में ‘‘प्रमुख विकास कार्यों’’ का निरीक्षण किया।

वाराणसी 2014 से प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है। वह सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे। मोदी सोमवार सुबह काल भैरव मंदिर गए थे। दोपहर में उन्होंने महत्वाकांक्षी काशी विश्वनाथ गलियारा परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया, जिसे ‘काशी विश्वनाथ धाम’ कहा जाता है और शाम को उन्होंने भव्य गंगा ‘‘आरती’’ और ‘लाइट एंड साउंड’ शो देखा।
     
समाचार एजेंसी भाषा से जारी ख़बर के अनुसार मध्यरात्रि के कुछ समय बाद एसपीजी सुरक्षा कर्मियों से घिरे प्रधानमंत्री गोदौलिया चौक के पास वाराणसी की सड़कों पर टहल रहे थे, इस दौरान उनके स्वागत के लिए मार्ग को सजाया गया था और लोग ‘‘हर हर महादेव’’ और ‘‘मोदी, मोदी’’ के नारे लगा रहे थे।
     
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘काशी में प्रमुख विकास कार्यों का निरीक्षण कर रहा हूं। इस ऐतिहासिक शहर के लिए हर संभव सर्वोत्तम बुनियादी ढांचा तैयार करने का हमारा प्रयास है।’’

     
मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम की अपनी देर रात की यात्रा की तस्वीरें भी साझा कीं, जिसका उन्होंने कुछ घंटे पहले लोकार्पण किया था। मोदी ने इस तरह रात्रि में भ्रमण कर लोगों को लोगों को चकित कर दिया, वहीं सुरक्षा कर्मी यह सुनिश्चित कर रहे थे कि कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री के करीब न जाए।
     
बाद में एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अगला पड़ाव... बनारस स्टेशन। हम रेल संपर्क बढ़ाने के साथ-साथ स्वच्छ, आधुनिक और यात्री अनुकूल रेलवे स्टेशनों को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं।’’

 

उन्होंने देर रात एक बजे के बाद रेलवे स्टेशन के अपने दौरे की तस्वीरें भी साझा कीं, जिसे हाल में पुनर्विकसित कर सजाया संवारा गया था। बनारस रेलवे स्टेशन को पहले मंडुआडीह के नाम से जाना जाता था और इस साल की शुरुआत में इसका नाम बदला गया।
     
भारतीय रेलवे के ट्विटर हैंडल ने सोमवार रात को स्टेशन की तस्वीरें साझा की थीं। स्टेशन को सजाया, संवारा गया था। 

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