पलवल : मुस्लिम लड़के की पीट-पीट कर हत्या, परिवार ने लगाया हेट क्राइम का आरोप
हरियाणा का पलवल ज़िला, ज़िले के रसूलपुर का रहने वाला 22 साल का लड़का राहुल ख़ान। राहुल 14 दिसंबर को अपने 3 दोस्तों, कलुआ, आकाश और विशाल के साथ अपने घर से निकला और कभी वापस नहीं आया।
मकतूब मीडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार राहुल के दोस्त कलुआ ने 14 दिसंबर को राहुल के जीजा अकरम को फ़ोन किया और राहुल के एक्सिडेंट की बात कही। राहुल के परिवार वालों ने चांदहाट थाने में एक्सिडेंट का मामला दर्ज करवाया। मगर अगले दिन 15 दिसंबर को उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो दिखी जिसमें राहुल को बेरहमी से पीटा जा रहा था।
पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपितों को गिरफ़्तार कर लिया गया है और वे न्यायिक हिरासत में हैं।
अकरम ने बताया कि राहुल के दोस्त कलुआ, आकाश, विशाल उसे पीट रहे थे और कह रहे थे, "तू मरेगा! हम हिन्दू हैं, तू मुल्ला है।"
राहुल को पास के अस्पताल ले जाया गया था, जहां उनकी 6 घंटे बाद मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि उन्हें 18 गंभीर चोटें आई हैं।
यूट्यूब चैनल एटीवीसी हरियाणा के एक वीडियो में राहुल की बहन रोते-रोते कह रही हैं, "मेरे भाई को सिगरेटों से जलाया, उसे पीटा, पैर के बीच सरिया घुसा दिया था।"
परिवार ने इसे सांप्रदायिक हिंसा बताते हुए इंसाफ़ की मांग की है।
चांदहाट पुलिस स्टेशन के एसएचओ राम चंदर जाखड़ ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, "हमने पहले धारा 279 (रैश ड्राइविंग) और 304ए (ग़ैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया था मगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिवार वालों द्वारा दिखाये गए वीडियो के बाद हम इसे हत्या मान कर जांच कर रहे हैं।"
पुलिस का कहना है कि 4 दोस्तों में यह लड़ाई मोबाइल चोरी को लेकर हुई थी।
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, राहुल की बहन साइना ने कहा, "मरने से पहले राहुल ने बताया था कि कलुआ सहित कुल 5 लोगों ने उसे बेरहमी से पीटा था।" परिवार का मानना है कि कलुआ ने जानबूझकर उन्हें फ़ोन किया और इस घटना को एक्सिडेंट बताया ताकि वह ख़ुद बच सके।
पुलिस के अनुसार यह वीडियो राहुल के दोस्त आकाश ने बनाया था। आकाश ने पुलिस को यह भी बताया कि राहुल ने कलुआ का फ़ोन चुरा लिया था इसलिए वह ग़ुस्से में था।
हरियाणा में सांप्रदायिक घटना के मामले दिन ब दिन बढ़ते जा रहे हैं। कुछ ही महीने पहले मेवात में एक मुस्लिम जिम ट्रेनर को पीट पीट कर मार डाला गया था। उस मामले में भी परिवार ने सांप्रदायिक हिंसा का आरोप लगाया था मगर पुलिस ने इसके सांप्रदायिक एंगल से इनकार कर दिया था।
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