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बिहार में फिर ज़हरीली शराब क़हर ! 14 की मौत, कई लोगों के आंखों की रौशनी गई

बिहार में एक बार फिर कथित तौर पर ज़हरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत का मामला सामने आया है।
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फ़ोटो साभार: हिंदुस्तान

बिहार में एक बार फिर कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत का मामला सामने आया है। घटना राज्य के मोतिहारी की है जहां बीते दो दिनों के भीतर इतनी बड़ी संख्या में मौत हुई है। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वी चंपारण जिले के विभिन्न इलाकों में रहने वाले एक दर्जन लोगों का इलाज चल रहा है। उनकी भी आंखों की रोशनी जा चुकी है। पटना से मद्य निषेध विभाग और एफएसएल की टीमें मोतिहारी पहुंच रही है। पुलिस ने 7 लोगों को हिरासत में लिया है उनसे पूछताछ की जा रही है। हालांकि, स्थानीय प्रशासन अभी जहरीली शराब से मौत की पुष्टि नहीं कर रहा है। पहले शवों का पोस्टमार्टम कराने की बात कही जा रही है।

बिहार के चंपारण रेंज के डीआईजी जयंत कांत ने मीडिया को बताया कि, छह लोगों की मौत हो गई है और दो गंभीर सहित 10 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

मोतिहारी शराब त्रासदी पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, यह बहुत ही दुखद घटना है, मैंने इस घटना के बारे में पूरी जानकारी मांगी है।

जानकारी के मुताबिक पूर्वी चंपारण जिले में शनिवार को 8 और लोगों की मौत हो गई। इनमें 5 तुकौलिया, दो हरसिद्धि और एक शख्स पहाड़पुर का रहने वाला था। शुक्रवार को भी तुरकौलिया में 4 और पहाड़पुर में 4 लोगों की जान गई थी। दो दिनों के भीतर 14 लोग जान गंवा बैठे हैं। यह संख्या और बढ़ सकती है। मोतिहारी सदर अस्पताल में 10 लोगों को भर्ती कराया गया है। इनमें दो को गंभीर स्थिति में मुजफ्फरपुर रेफर किया गया है।

अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों में आंखों की रोशनी कम होने और बेचैनी की शिकायत पाई गई है। वहीं, पुलिस मुख्यालय ने अब तक जिले में चार मौतों की पुष्टि की है। मुख्यालय ने जहरीली शराब से मौत की आशंका जताई है। स्थानीय प्रशासन शराब की पुष्टि से परहेज कर रहा है। प्रशासन का कहना है कि शवों के पोस्टमार्टम के बाद कारण सामने आएगा। इस बीच मद्य निषेध और एफएसएल की टीमें पटना से रवाना हो गई हैं। अब तक सात संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। कुछ लोगों का इलाज के लिए निजी अस्पतालों में कराया जा रहा है।

सूचना यह भी है कि कई मरनेवालों के परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम कराए शवों का अंतिम संस्कार कर दिया है। इस बीच ग्रामीणों और परिजन ने कहा है कि शराब पीने के बाद तबीयत खराब हुई थी।

ज्ञात हो कि पिछले साल दिसंबर महीने में छपरा में दुखद शराबकांड हुआ था। सारण जिले के अलग-अलग गांवों में जहरीली शराब से 77 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद नीतीश सरकार सवालों के घेरे में आ गई। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जो पिएगा वो मरेगा ही, उन्होंने शराबकांड के पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने से भी इनकार कर दिया।

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