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दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग

लोकसभा में भी दिल्ली हिंसा के विरोध में पोस्टर दिखाई दिए। इसी के साथ कांग्रेस, सीपीएम, टीएमसी समेत तमाम विपक्षी दलों ने कार्यस्थगन का प्रस्ताव दिया है। कई दलों के सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना दिया।  
Rajya sabha

दिल्ली : संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज शुरू हो गया है। इसी के साथ राज्यसभा में दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा का मुद्दा उठा।

लोकसभा में भी दिल्ली हिंसा के विरोध में पोस्टर दिखाई दिए। इसी के साथ कांग्रेस, सीपीएम, टीएमसी समेत तमाम विपक्षी दलों ने कार्यस्थगन का प्रस्ताव दिया है। कई दलों के संसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया।  

बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन राज्यसभा में नायडू ने बैठक शुरु होने पर दस्तावेज सदन पटल पर प्रस्तुत कराने के बाद बताया कि उन्हें विभिन्न दलों के सदस्यों की ओर से दिल्ली और देश के अन्य इलाकों में कानून व्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर चर्चा कराने की मांग कराने संबंधी नोटिस मिले हैं। उन्होंने कहा कि यद्यपि यह विषय महत्वपूर्ण है इसलिये इस पर चर्चा होनी चाहिये लेकिन दिल्ली में अब सामान्य हालात बहाल हो गये हैं। 

नायडू ने कहा कि वह इस विषय पर नेता सदन, नेता प्रतिपक्ष और संबद्ध मंत्रियों से विचार विमर्श करने के बाद ही चर्चा का समय तय करेंगे।

नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर इसका विरोध करते हुये तत्काल चर्चा कराने की मांग की। आजाद ने कहा कि अगर सामान्य हालात बहाल करने में सरकार की रुचि होती तो हिंसा शुरु होने के बाद तीन दिन तक सरकार निष्क्रिय न रहती। आजाद के इस कथन का विरोध करते हुये नेता सदन थावर चंद गहलोत ने कहा कि सरकार की सक्रियता के कारण ही दिल्ली में कानून व्यवस्था की सामान्य स्थिति बहाल हुई है और अब सभी इलाकों में शांति है। 

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इस बीच तृणमूल कांग्रेस की शांता क्षेत्री सहित पार्टी के तीन सदस्य आंख पर काली पट्टी बांध कर अपने स्थान पर खड़े हो गये। नायडू ने कहा कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन की सदन में अनुमति नहीं दी जा सकती। 

सदन में चर्चा कराने की मांग करते हुये आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और कांग्रेस के कुछ सदस्यों को आसन के करीब आते देख नायडू ने सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी। 

उल्लेखनीय है कि माकपा के टी के रंगराजन, के के रागेश और आप के संजय सिंह ने दिल्ली में हिंसा के मुद्दे पर नियम 267 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस देकर इस विषय पर चर्चा कराने की मांग की थी।  

लोकसभा

बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन सोमवार को लोकसभा सदस्य दिवंगत बैद्यनाथ प्रसाद महतो को श्रद्धांजलि देने के बाद निचले सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। लोकसभा की बैठक शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को बिहार के बाल्मीकि नगर संसदीय क्षेत्र से जदयू सांसद महतो के निधन की जानकारी दी। 

सदन ने कुछ पल का मौन रखकर दिवंगत सदस्य को श्रद्धांजलि दी। 

महतो पंद्रहवीं लोकसभा में भी सदस्य रहे थे। वह तीन बार बिहार विधान परिषद के सदस्य और बिहार सरकार में मंत्री भी रहे। उनका निधन गत 28 फरवरी को 72 वर्ष की आयु में नयी दिल्ली में हो गया। दिवंगत सदस्य को श्रद्धांजलि देने के बाद अध्यक्ष बिरला ने सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इसी बीच आम आदमी पार्टी के भगवंत मान दिल्ली हिंसा को लेकर एक पोस्टर दिखाते हुए आसन के समीप आ गये।

बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फ़रवरी तक चलने के बाद दूसरा चरण दो मार्च से तीन अप्रैल तक चलेगा। 

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कांग्रेस सांसदों का संसद परिसर में प्रदर्शन 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी सांसदों ने दिल्ली हिंसा के खिलाफ सोमवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक संसद परिसर में प्रदर्शन से पहले पार्टी सांसदों ने सोनिया गांधी की अध्यक्षता में एक रणनीतिक बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में दिल्ली हिंसा को लेकर संसद के भीतर और बाहर सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा हुई।

बापू की प्रतिमा के सामने राहुल गांधी की अगुवाई में मौजूद कांग्रेस सांसदों ने गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग वाले बैनर और तख्तिया ले रखी थीं।

उन्होंने ‘गृह मंत्री इस्तीफा दो’ और ‘नफरत की भाषा बंद करो’ के नारे लगाए।

विरोध प्रदर्शन में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और कई अन्य सांसद मौजूद रहे।

चौधरी ने दिल्ली हिंसा के विषय पर लोकसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दे रखा है। 

तृणमूल सांसदों ने आंखों पर पट्टी बांधकर धरना दिया

तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने सोमवार को संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास दिल्ली हिंसा को लेकर धरना दिया।

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन तृणमूल सदस्य नें हाथों में पोस्टर लेकर नारे लगाये। पार्टी सांसद आंखों पर पट्टी भी बांधे हुए थे।

उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा के मुद्दे को संसद में जोरदार तरीके से उठाया जाएगा। वे सरकार से इस पर जवाब देने की मांग कर रहे थे।

उत्तर पूर्व दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा में अब तक कम से कम 42 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गये।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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