NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
श्री लंका
रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली
प्रधान न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने संसद भवन परिसर में 73 वर्षीय विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। उनके सामने देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने तथा महीनों से चल रहे व्यापक प्रदर्शनों के बाद कानून एवं व्यवस्था बहाल करने की चुनौती है।
भाषा
21 Jul 2022
Ranil Wickremesinghe

कोलंबो: अनुभवी नेता रानिल विक्रमसिंघे ने बृहस्पतिवार को, घोर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। 
     
प्रधान न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने संसद भवन परिसर में 73 वर्षीय विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। उनके सामने देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने तथा महीनों से चल रहे व्यापक प्रदर्शनों के बाद कानून एवं व्यवस्था बहाल करने की चुनौती है। 
     
गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर चले जाने और राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था। वह संविधान के अनुसार संसद द्वारा निर्वाचित श्रीलंका के पहले राष्ट्रपति हैं।
     
मई 1993 में तत्कालीन राष्ट्रपति आर. प्रेमदास के निधन के बाद दिवंगत डी. बी. विजेतुंगा को निर्विरोध चुना गया था। 
     
छह बार प्रधानमंत्री रह चुके विक्रमसिंघे को बुधवार को देश का नया राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया। इससे नकदी के संकट से जूझ रहे इस द्वीपीय देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ चल रही वार्ता के जारी रहने की उम्मीद की जा सकती है।
     
श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में विक्रमसिंघे को 134 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं सत्तारूढ़ दल के असंतुष्ट नेता डलास अल्हाप्पेरुमा को 82 वोट मिले। वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को महज तीन वोट मिले। संसद में कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान कराया गया।
     
विक्रमसिंघे पर देश को आर्थिक बदहाली से बाहर निकालने और महीनों से चल रहे प्रदर्शनों के बाद कानून-व्यवस्था बहाल करने की जिम्मेदारी है।
     
‘डेली मिरर’ अखबार की एक खबर के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में 20-25 सदस्यों के मंत्रिमंडल का गठन किया जाएगा।
     
राजपक्षे की श्रीलंका पोदुजन पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी के समर्थन से विक्रमसिंघे की जीत सत्ता पर राजपक्षे परिवार की पकड़़ को दिखाती है जबकि गोटबाया राजपक्षे, पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद इस्तीफे दे दिए हैं।
     
विक्रमसिंघे की जीत से एक बार फिर स्थिति बिगड़ सकती है क्योंकि सरकार विरोधी कई प्रदर्शनकारी उन्हें पूर्ववर्ती राजपक्षे सरकार का करीबी मानते हैं। प्रदर्शनकारी देश के मौजूदा संकट के लिए राजपक्षे परिवार को जिम्मेदार ठहराते हैं।
     
विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के तुरंत बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी जगह जगह एकत्रित हो गए थे।
     
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ अहम बातचीत का नेतृत्व कर रहे विक्रमसिंघे ने पिछले सप्ताह कहा था कि बातचीत निष्कर्ष के करीब है। 
     
श्रीलंका को अपनी 2.2 करोड़ की आबादी की मूल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अगले महीनों में करीब पांच अरब डॉलर की आवश्यकता है।
     
श्रीलंका में महीनों से राजपक्षे के इस्तीफे की मांग की जा रही थी। प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति आवास और कई अन्य सरकारी इमारतों में घुसने के बाद राष्ट्रपति राजपक्षे देश छोड़कर चले गए और बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
     
विक्रमसिंघे अब गोटबाया राजपक्षे के बाकी बचे कार्यकाल तक राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे, जो नवंबर 2024 में खत्म होगा।
     
लगभग पांच दशकों तक संसद में रहे विक्रमसिंघे को मई में प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। उनकी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) अगस्त 2020 में हुए आम चुनाव में एक भी सीट जीतने में विफल रही थी।
     
विक्रमसिंघे को राजनीतिक हलकों में व्यापक रूप से एक ऐसे व्यक्ति के रूप में स्वीकार किया जाता है, जो दूरदर्शी नीतियों के साथ अर्थव्यवस्था का प्रबंधन कर सकता है।
     
वह उस अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिसके बारे में उन्होंने कहा था कि वह मई में उनकी नियुक्ति के समय ध्वस्त हो गई थी।
     
भारत और उसके नेताओं के करीबी माने जाने वाले विक्रमसिंघे अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उनके समक्ष सबसे पहली चुनौती अनाज और ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित करना और प्रदर्शनकारियों को उन्हें एक मौका देने के लिए राजी करना है।

Ranil Wickremesinghe
Sri Lanka
Sri Lanka New President
Gotabaya Rajapaksa

Related Stories

मॉस्को ने म्यांमार के साथ संबंधों को दी प्राथमिकता 

श्रीलंका ‘एक चीन’ नीति को लेकर प्रतिबद्ध : राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे

आंदोलनकारियों पर हमले से गहराया श्रीलंका का राजनीतिक संकट

दिनेश गुणवर्धने श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री नियुक्त

रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के नए राष्ट्रपति निर्वाचित

श्रीलंका में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान जारी

श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव : त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार, विक्रमसिंघे भी मैदान में

राजपक्षे ने त्यागपत्र में किया खुद का बचाव, कहा- पूरी क्षमता के अनुसार मातृभूमि की सेवा की

श्रीलंका: राष्ट्रपति राजपक्षे ने इस्तीफ़ा दिया, रानिल विक्रमसिंघे ने अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली

राजपक्षे ने बर्बाद किया श्रीलंका को, बचाने के लिए हुआ आंदोलन


बाकी खबरें

  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ईवीएम से संबंधित प्रावधान की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका ख़ारिज की
    12 Aug 2022
    न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-61ए को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जो चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल से…
  • भाषा
    आर्कटिक दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में लगभग चार गुना तेजी से गर्म हो रहा है: शोध
    12 Aug 2022
    एक नए अध्ययन से पता चलता है कि आर्कटिक पिछले 43 वर्षों में दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में लगभग चार गुना तेजी से गर्म हुआ है। इसका मतलब है कि आर्कटिक 1980 की तुलना में औसतन लगभग 3 डिग्री सेल्सियस…
  • सोनिया यादव
    रक्षा बंधन: बहनों को भाइयों से रक्षा का वचन नहीं प्यार और साथ चाहिए
    11 Aug 2022
    रक्षा बंधन अगर सिर्फ राखी या भाई-बहन के प्यार का त्यौहार होता तो कितना अच्छा होता। इसमें रक्षा या बंधन की गुंजाइश न होती तो कितना अच्छा होता मगर अफसोस आज भी ये त्यौहार लड़का-लड़की में भेद के विचार को…
  • baghel
    अनिल अंशुमन
    “झारखंड में फेंके गए बाउंसर पर बिहार ने छक्का लगा दिया”
    11 Aug 2022
    कुछ जानकारों के अनुसार बिहार में बदले हुए राजनीतिक हालात ने देश की सभी गैर-भाजपा सरकारों को एक ऐसा नैतिक संबल दिया है जिससे केंद्र संचालित ‘सरकार गिराने-बनाने’ के चालू सियासी कुचक्रों को लेकर उसे भी…
  • न्यूज़क्लिक टीम
    धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली
    11 Aug 2022
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी सहित कई बड़े नेता…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें