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बेंगलुरू में विपक्षी एकता की दूसरी महाबैठक, अब 26 पार्टियां हो रही हैं शामिल

विपक्षी एकता में राजनीतिक पार्टियों की संख्या बढ़कर अब 26 हो गई हैं जो बेंगलुरू में आज से शुरू हो रही दो दिवसीय बैठक में शामिल होगी। इस महाबैठक में आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा के ख़िलाफ़ आगे की रणनीति तैयार करने को लेकर चर्चा होगी।
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फ़ोटो साभार : ट्विटर

आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ रणनीति तैयार करने के लिए विपक्षी पार्टियों की दूसरी बैठक आज कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में शुरू हो गई। इस बैठक में कांग्रेस, सीपीआइएम, आप समेत 26 पार्टियां शामिल हो रही हैं। ज्ञात हो कि विपक्षी एकता की पहली बैठक बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को आयोजित की गई थी जिसमें 17 पार्टियों के शीर्ष नेता शामिल हुए थे। इस बैठक को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बुलाया गया था।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुल खरगे ने विपक्षी पार्टियों की बैठक के मद्देनजर ट्वीट करते हुए लिखा, "मोदी जी ने संसद में कहा था कि “एक अकेला” ही सब पर काफ़ी है, फ़िर उन्हें 29-30 पार्टियों की ज़रूरत क्यों पड़ी? हमारा जो गठबंधन है, वो तो संसद में एक साथ मिलकर काम करता है। उनका एक ही उद्देश्य है, लोकतंत्र को ख़त्म करने के लिए विपक्ष को एजेंसियों के दुरुपयोग से धमकाना। पर हम निडर है, उनकी साज़िशों का डटकर सामना करेंगे और जनता की आवाज़ उठाएंगे।"

सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि "देश का धर्मनिरपेक्ष, जनतंत्र और गणराज्य चरित्र है तो इस चरित्र को बरकरार करना जरूरी है और आज इस चरित्र पर मोदी सरकार के चलते हमला हो रहा है तो इससे बचने के लिए मोदी सरकार या बीजेपी को हटाना होगा। ये मुद्दा बैठक में महत्वपूर्ण होगा।“

बेंगलुरु में होने वाली विपक्ष की बैठक पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि, "हमारा संदेश स्पष्ट है। हमारा संदेश देश की जनता को है कि आप चिंतित ना हो, आपके मुद्दे उठाने के लिए हम एकत्रित हो रहे हैं। सभी लोग अपने-अपने स्वार्थ को अलग कर आ रहे हैं ताकि लोगों की समस्याओं का निदान हो सके। 9 साल में लोग त्रस्त हो गए हैं।"

उधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धन शोधन मामले में तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी के परिसरों पर छापेमारी किये जाने की निंदा करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि यह सब डराने-धमकाने और विपक्षी दलों को बांटने के लिए किया जा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दल डरने वाले नहीं हैं और वे भारतीय जनता पार्टी की इस प्रतिशोध की राजनीति के खिलाफ एकजुट हैं।

खरगे ने ट्वीट किया, "विपक्ष की महत्वपूर्ण बैठक से ठीक पहले तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री डॉ. के. पोनमुडी के खिलाफ ईडी की छापेमारी की हम निंदा करते हैं।"

उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष को डराने और बांटने के लिए इस तरह की कार्रवाई मोदी सरकार की ‘चिरपरिचित पटकथा’ बन गई है।

खरगे ने कहा, "हैरानी की बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अचानक वैचारिक रूप से विरोधी पार्टियों का गठबंधन बनाने की जरूरत महसूस हुई है।"

उन्होंने कहा, "सभी समान विचारधारा वाले दल मोदी सरकार की प्रतिशोध की राजनीति के खिलाफ एकजुट हैं और लोकतंत्र को कुचलने की इन कायरतापूर्ण तरकीबों से हम बिल्कुल नहीं डरेंगे।"

प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन मामले में सोमवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता और तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी तथा उनके बेटे एवं सांसद गौतम सिगमनी के परिसरों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में हुई बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी भी शामिल हुए थे। इसके अलावा बैठक में पं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके के नेता एम के स्टालिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राघव चड्ढा, संजय सिंह, लेफ्ट से डी राजा, दीपांकर भट्टाचार्य, सीताराम येचुरी और पीडीपी की महबूबा मुफ्ती के अलावा फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला पहुंचे। इसके अलावा एनसीपी से शरद पवार, सुप्रीया सुले, शिवसेना(यूबीटी) के उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राऊत, जेएमएम के हेमंत सोरेन, संजय झा, ललन सिंह और आरजेडी के तेजस्वी यादव और लालू यादव भी बैठक में शामिल हुए थे।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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