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रालोसपा में पड़ी फूट, राजद में शामिल हुए 30 से अधिक पदाधिकारी

"अब रालोसपा नाम की किसी पार्टी का दुनिया में कोई अस्तित्व नहीं रहा! एक हठी व्यक्ति के चरणों में बैठने के लिए अब एक ही व्यक्ति वहाँ रह गया है!"
रालोसपा में पड़ी फूट, राजद में शामिल हुए 30 से अधिक पदाधिकारी

पटना: बिहार की राजनीति इन दिनों काफी गर्म है ,विपक्ष सड़क से लेकर सड़क तक सरकार से कठिन सवाल पूछ रहा है।  जिसके जबाब सत्ताधारी देने से बच रहे है।  पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) में शुक्रवार को फूट पड़ गई और उसके 30 से अधिक राज्य एवं जिला स्तर के पदाधिकारी राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गये। राष्ट्रीय जनता दल द्वारा इसे रालोसपा का विलय बताया जा रहा है।  जबकि रालरोसपा  अपनी पार्टी को पहले की तरह अटूट बताने में लगी है।  

रालोसपा की राष्ट्रीय और राज्य कार्यकारिणी की बैठकें शुरू होने से महज एक दिन पहले यह घटनाक्रम देखने को मिला है। माना जा रहा था कि इन बैठकों के खत्म होने के साथ कुशवाहा राजग में दोबारा शामिल होने की घोषणा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) के साथ उनकी पार्टी के विलय की भी संभावना जतायी जा रही थी। लेकिन जानकर इसे  कुशवाह के लिए तो झटका बता ही रहे है , साथ ही इसे मुख्यमंत्री नितीश कुमार के लिए भी एक बड़ा झटका माना जा रहा है।  क्योंकि माना जा रहा था की कुशवाह और नीतीश में विलय को लेकर सबकुछ तय हो गया था। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में नेताओं का राजद में शामिल होना ,उनके नेतृत्व पर गंभीर सवाल खड़े करती है।  

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव की मौजूदगी में उनकी पार्टी में शामिल होने वाले रालोसपा के नेताओं में राज्य के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र कुशवाहा, राज्य के प्रधान महासचिव निर्मल कुशवाहा और राज्य की महिला प्रकोष्ठ प्रमुख मधु मंजरी मेहता शामिल हैं।

रालोसपा छोड़ने वाले 35 सदस्यों में से अधिकतर बिहार और पड़ोसी सूबे झारखंड के राज्य स्तर के पदाधिकारी हैं। इनमें से अधिकतर पदाधिकारी मुंगेर और पटना जिले से हैं।

शिक्षा जैसे मुद्दों पर पिछले कुछ वर्षों में नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ आरएलएसपी के विरोध को याद करते हुए, तेजस्वी यादव ने कहा, "शायद कुशवाहा के विचार अब अचानक बदल गए हैं।"

यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘‘रालोसपा के संस्थापकों, प्रमुख नेताओं व पदाधिकारियों ने रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जी को निष्कासित कर पार्टी का आज राजद में विलय कर दिया। प्रदेश की राजनीति में यह एक बड़ा बदलाव है। उपेंद्र कुशवाहा जी अब अकेले रह गये है। उनकी पार्टी अब राजद का हिस्सा बन चुकी है।‘‘

रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता माधव आनंद ने इसकी आलोचना की।

कुशवाहा के प्रमुख सहयोगी आनंद ने एक बयान में कहा, "रालरोसपा पहले की तरह अटूट है और पार्टियां कुछ कमजोर सैनिकों के चले जाने से कमजोर नहीं होती हैं।"

राजद ने फ़ेसबुक पर टिप्पणी करते  लिखा कि "रालोसपा के जिला, प्रदेश व राष्ट्रीय इकाई के सभी मजबूत नेतागण, सभी प्रकोष्ठों के अध्यक्षों एवं सभी बड़े पदधारकों ने आज नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव जी की नेतृत्वक्षमता व समावेशी सोच में आस्था दिखाते हुए प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदानंद सिंह जी की अध्यक्षता और नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव जी की उपस्थिति में पूरी की पूरी रालोसपा का पूरी तरह से विलय राजद में कर दिया! '

आगे उन्होंने लिखा "अब रालोसपा नाम की किसी पार्टी का दुनिया में कोई अस्तित्व नहीं रहा! एक हठी व्यक्ति के चरणों में बैठने के लिए अब एक ही व्यक्ति वहाँ रह गया है!"

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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