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सुप्रीम कोर्ट ने नौसेना में महिला अफ़सरों के लिए स्थायी कमीशन को दी मंजूरी

न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कहा कि देश की सेवा करने वाली महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने से इंकार करने पर न्याय को नुकसान होगा।
नौसेना में महिला अफ़सरों के लिए स्थायी कमीशन को दी मंजूरी
Image courtesy: Hauterfly

दिल्ली : नौसेना में पुरुष और महिला अधिकारियों के साथ समान व्यवहार किए जाने की बात पर जोर देते हुए उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को बल में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन को मंजूरी दे दी।

न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कहा कि देश की सेवा करने वाली महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने से इंकार करने पर न्याय को नुकसान होगा।

पीठ ने कहा कि केन्द्र द्वारा वैधानिक अवरोध हटा कर महिलाओं की भर्ती की अनुमति देने के बाद नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करने में लैंगिक भेदभाव नहीं किया जा सकता।

अदालत ने कहा, ‘‘ जब एक बार महिला अधिकारियों की भर्ती के लिए वैधानिक अवरोध हटा दिया गया तो स्थायी कमीशन देने में पुरुष और महिलाओं के साथ समान व्यवहार होना चाहिए।’’

आपको बता दें कि कोर्ट ने इससे पहले फरवरी में केंद्र सरकार को स्पष्ट आदेश दिया था कि वह सेना की उन सभी महिला अधिकारियों को तीन महीने के भीतर स्थायी कमीशन प्रदान करे जिन्होंने इसके लिए आवेदन किया है। 

गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने महिला अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन देने का आदेश 2010 में दिया था। लेकिन यह अब तक क्रियान्वित नहीं हो पाया।

इसे भी पढ़ें : सेना में महिला अधिकारियों को 3 महीने के भीतर स्थायी कमीशन देने का आदेश

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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