NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu
image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
सोशल मीडिया
भारत
राजनीति
तेजिंद्रपाल सिंह बग्गा ने स्वरा के चक्कर में मोदी को निशाना बना लिया!
अभिनेत्री स्वरा भास्कर को आइटी सेल ट्रोल करता ही रहता है। क्योंकि स्वरा भास्कर सामाजिक-राजनैतिक प्रश्नों पर पूरी मुखरता से अपना पक्ष रखती हैं। मानसिक त्रास, चरित्र-हनन, छवि बिगाड़ना से लेकर आर्थिक नुकसान तक स्वरा को भुगतना पड़ा है। एक बार फिर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
राज कुमार
08 Jun 2020
 स्वरा  तेजिंद्रपाल सिंह बग्गा

दिल्ली, हरि नगर से बीजेपी के विधायक पद के पराजित उम्मीदवार तेजिंद्रपाल सिंह बग्गा ने एक फोटो ट्विट किया है। जिसमें लिखा है कि “सिर्फ मोदी ही नहीं बल्कि लेफ्ट लिबरल भी अडानी और अंबानी के जेब में है।” रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस और फॉर्च्यून ऑयल के विज्ञापन का फोटो है जिसमें स्वरा भास्कर दिख रही हैं। पत्रकार अभिजीत मजूमदार ने भी इस फोटो को ट्वीट किया है।

Screen Shot 2020-06-08 at 1.27.53 PM.png

Screen Shot 2020-06-08 at 1.30.33 PM.png

Screen Shot 2020-06-08 at 1.34.14 PM (1).png
बदले में स्वरा भास्कर ने भी अभिजीत को लिखा है कि ये झूठी खबर एवं निपट मूर्खता है। स्वरा भास्कर का ट्वीट आप इस लिंक पर देख सकते हैं।

तेजिंद्रपाल सिंह बग्गा के इस ट्विट को 7300 लोगों ने रिट्वीट किया है। इसके अलावा फेसबुक आदि पर भी इसे साझा किया जा रहा है।

Screen Shot 2020-06-08 at 1.38.45 PM.png

समझ नहीं आ रहा कि तेजिंद्रपाल सिंह बग्गा को स्वरा के विज्ञापन करने से दिक्कत हा या प्रधानमंत्री के अंबानी और अडानी की जेब में होने से? क्योंकि,फिल्म स्टार अक्सर विज्ञापन और ब्रांड एंडोर्समेंट करते हैं। ये उनकी आजीविका का साधन है। हालांकि सेलेब्रेटी भी आजीविका के नाम पर बरी नहीं हो सकते। उनकी सामाजिक ज़िम्मेदारी के लिये उन्हें आगाह कराना और जवाबदेह बनाना ज़रूरी है। लेकिन, एक बार के लिए फिर भी मान लेते हैं कि चलो फिल्म स्टार्स की मज़बूरी और काम है। लेकिन ये समझ पाना मुश्किल है कि प्रधानमंत्री जी की क्या मजबूरी है।

सवाल ये भी उठता है कि क्या प्रधानमंत्री जी सचमुच अंबानी और अडानी की जेब में है? जैसा कि तेजिंद्रपाल सिंह कह रहे हैं। क्या भाजपा को खुद तेजिंद्रपाल के खिलाफ इस पोस्ट के लिए एक्शन नहीं लेना चाहिये? मेरी भाजपा से गुज़ारिश है कि प्रधानमंत्री की छवि खराब करने के कारण तेजिंद्रपाल सिंह बग्गा के खिलाफ एक्शन लिया जाए।

अब बात करते हैं स्वरा भास्कर के विज्ञापन की। पहली बात तो ये कि स्वरा भास्कर ने दोनों ही कंपनियों के लिए विज्ञापन किए हैं। उन्होंने रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस और फॉर्च्यून तेल के लिए विज्ञापन किया है। तेजिंद्रपाल सिंह ने भी उन्हीं विज्ञापनो से ये फोटो ली हैं। स्वरा भास्कर के चेहरे के पास फॉर्च्यून की केन उन्होंने ऊपर से चिपकाई है। ये उनकी ‘रचनात्मकता’ है।

फार्च्यून विज्ञापन के ओरिजनल वीडियो आप इस लिंक पर देख सकते हैं।

 Screen Shot 2020-06-08 at 1.53.38 PM (1).png
दूसरा विज्ञापन रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस का है। जिससे दूसरी फोटो को ट्विट में इस्तेमाल किया गया है। इस वीडियो को आप रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस के यूट्यूब चैनल पर इस लिंक पर देख सकते हैं।

Screen Shot 2020-06-08 at 1.58.31 PM.png
मात्र स्वरा ही नहीं बल्कि अक्षय कुमार सहित अनेकों फिल्म स्टार और क्रिकेटर इन कंपनियों के विज्ञापन कर चुके हैं और कर रहे हैं। तो समझ नहीं आ रहा कि तेजिंद्रपाल सिंह बग्गा को आखिर दिक्कत क्या है। एक बात ये भी समझ नहीं आती कि 2017 और 2018 के पुराने विज्ञापनों को इस समय साझा करने की उनकी मंशा क्या है।

मेरा सुझाव है कि विज्ञापनों को लेकर तेजिंद्रपाल सिंह बग्गा को अपनी समझ थोड़ा और बढानी चाहिये। उन्हें ये समझना चाहिये कि विज्ञापन और स्टेटमेंट में फर्क होता है।

अब थोड़ा बात करते हैं इन विज्ञापनों के कंटेट की। हेल्थ इंश्योरंस वाले विज्ञापन में स्वरा भास्कर दर्शकों को नये साल की बधाई दे रही है और सुरक्षित भविष्य की कामना कर रही है। दूसरा विज्ञापन है फार्च्यून का। जो एड फिल्म सामाजिक विज्ञापन के दायरे में आती है। ये विज्ञापन इलेक्शन के समय पर आया था। विज्ञापन में स्वरा भास्कर एक युवा नेता हैं और कहीं से भी भ्रष्ट तरीके से इलेक्शन के लिए चंदा लेने की मुख़ालफ़त करती हैं।

गौरतलब है कि विभिन्न मसलों पर मजबूती से अपना पक्ष रखने के कारण ही स्वरा की ये छवि बनी है।

सिर्फ़ ये दो विज्ञापन ही नहीं बल्कि स्वरा ने और भी कई सामाजिक विज्ञापन फिल्में की हैं। उदारण के तौर पर आप टाटा चाय का ये विज्ञापन देख सकते हैं । जिसमें जीशान अय्यूब और स्वरा भास्कर छोटी-बड़ी ड्यूटी की बात कर रहे हैं।

रही बात अडानी के लिए विज्ञापन करने की तो इस लिंक पर क्लिक करें और अडानी विलमार की ऑफिशियल वेबसाइट पर देखें कि कितने सेलेब्रेटी उनके लिए विज्ञापन करते हैं।

तो तेजिंद्रपाल सिंह बग्गा का निशाना स्वरा भास्कर पर ही क्यों? क्या ये साफ-साफ आर्थिक नुकसान पहुंचाने और छवि खराब करने का मामला नहीं है? हालांकि उनकी पोस्ट से ये समझना मुश्किल है कि उनका निशाना मोदी पर है या स्वरा भास्कर पर।

स्वरा भास्कर पहले भी इस तरह की ट्रोलिंग भुगत चुकी है। पहले भी उनके प्रोफेशनल जीवन और करियर को नुकसान पहंचाने के इरादे से अभियान चलाए गये हैं। उदाहरण के तौर पर आप अमेज़न के घटनाक्रम को ले सकते हैं। जब आइटी सेल ने स्वरा और अमेज़न के संबंधों को टारगेट करके #boycottamazon अभियान चलाया था। ज्यादा जानकारी के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।

तेजिंद्रपाल सिंह बग्गा अपनी पोस्ट में खुद लिखते हैं कि मोदी अंबानी और अडानी की जेब में है, साथ ही लेफ्ट लिबरल भी। उन्होंने स्वरा भास्कर और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना की है। तो यहां दिक्कत है। एक तरफ एक अभिनेत्री किसी कंपनी के लिए विज्ञापन कर रही है और दूसरी तरफ देश का प्रधानमंत्री पूंजीपतियों की जेब में है। विज्ञापन करना एक अभिनेत्री का काम है प्रधानमंत्री का नहीं। हालांकि बग्गा जी ने तो उन्हें पूंजीपतियों की जेब में ही डाल दिया है। बग्गा जी को शायद इस बात को समझना चाहिये कि बंदूक का निशाना अपनी तरफ करके बंदूक नहीं चलाया करते।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते रहते हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

Tejindrapal Singh Bagga
Swara Bhaskar
twitter
Facebook
Narendra modi
BJP
Amazon

Trending

भारत में क्रिकेट का दौर कब शुरू हुआ
बीच बहस: नेताजी सुभाष, जयश्रीराम के नारे और ममता की त्वरित प्रतिक्रिया के मायने
किसान आंदोलन: किसानों का राजभवन मार्च, कई राज्यों में पुलिस से झड़प, दिल्ली के लिए भी कूच
इतवार की कविता : साधने चले आए हैं गणतंत्र को, लो फिर से भारत के किसान
26 जनवरी किसान परेड : दिल्ली में होगा ऐतिहासिक ट्रैक्टर मार्च
अब शिवराज सरकार पर उठे सवाल, आख़िर कितनी बार दोहराई जाएगी हाथरस जैसी अमानवीयता?

Related Stories

बीच बहस: नेताजी सुभाष, जयश्रीराम के नारे और ममता की त्वरित प्रतिक्रिया के मायने
सत्यम श्रीवास्तव
बीच बहस: नेताजी सुभाष, जयश्रीराम के नारे और ममता की त्वरित प्रतिक्रिया के मायने
24 January 2021
अगर शर्म और मर्यादा के चश्मे से देखें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस कदर आधिकारिक फ़ज़ीहत उनके अब तक के कार्यकाल में नहीं हुई होगी जैसी कल, शनिवा
दलित एक्टिविस्ट नोदीप कौर की गिरफ़्तारी, यौन हिंसा, मज़दूर-किसान एकता को तोड़ने की साज़िश!
भाषा सिंह
बात बोलेगी: दलित एक्टिविस्ट नोदीप कौर की गिरफ़्तारी, यौन हिंसा, मज़दूर-किसान एकता को तोड़ने की साज़िश!
23 January 2021
वह पिछले 11 दिन से हिरासत में हैं। पहले पुलिस लॉकअप में पिटाई औऱ उसके बाद जेल। उन पर बहुत गंभीर आईपीसी की धाराएं लगाई गई हैं—हत्या का प्रयास (307),
shiv raj singh
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
अब शिवराज सरकार पर उठे सवाल, आख़िर कितनी बार दोहराई जाएगी हाथरस जैसी अमानवीयता?
23 January 2021
उत्तर प्रदेश पुलिस-प्रशासन की हाथरस मामले में खूब किरकिरी हुई थी। वजह बलात्कार की बर्बर घटना के अलावा पीड़िता का आनन-फानन में किया अंतिम संस्कार था

Pagination

  • Next page ››

बाकी खबरें

  • Itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    भारत में क्रिकेट का दौर कब शुरू हुआ
    24 Jan 2021
    क्रिकेट भारत का सबसे लोकप्रिय खेल है और इसका इतिहास बड़ा रोचक है. भारत में क्रिकेट कैसे आया और भारतीय खिलाड़ियों का क्या इतिहास रहा, इस पर चर्चा कर रहे है वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन
  • Sketch
    श्याम कुलपत
    अपनी भाषा में शिक्षा और नौकरी : देश को अब आगे और अनीथा का बलिदान नहीं चाहिए
    24 Jan 2021
    तर्क-वितर्क: समझ से परे लगी रही है, हिन्दी के प्रिय प्रतिष्ठित अख़बार की प्रतिक्रिया? क्योंकि अंग्रेजी के बारे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की संस्तुति में ऐसा कुछ कहा नहीं गया है कि उसे इस आईआईटी/…
  • बीच बहस: नेताजी सुभाष, जयश्रीराम के नारे और ममता की त्वरित प्रतिक्रिया के मायने
    सत्यम श्रीवास्तव
    बीच बहस: नेताजी सुभाष, जयश्रीराम के नारे और ममता की त्वरित प्रतिक्रिया के मायने
    24 Jan 2021
    जब नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती मनाई जा रही हो तब जय श्री राम जैसा उद्घोष न केवल निरर्थक था बल्कि खुद नेताजी की शान में एक हल्का और लगभग अश्लील हस्तक्षेप था।
  • 26 जनवरी किसान परेड
    मुकुंद झा
    26 जनवरी किसान परेड : दिल्ली में होगा ऐतिहासिक ट्रैक्टर मार्च
    24 Jan 2021
    किसान संगठनों का दावा है कि 26 जनवरी को एक लाख से अधिक ट्रैक्टर दिल्ली में मार्च करेंगें। ये किसान दिल्ली में एक नहीं बल्कि पांच अलग-अलग दिशाओं से मार्च करेंगें।
  • cartoon click
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: अर्नब सर तो बहुत ही बड़े देशभक्त हैं…
    24 Jan 2021
    अर्नब सर भी न, दिल के इतने साफ़ हैं कि ये सारे के सारे राज अपने दिल में छुपा कर नहीं रखते हैं, आगे भी बता देते हैं। ठीक ही तो है, जब जिन्होंने छुपाने थे, उन्होंने ही नहीं छुपाये तो अर्नब सर भी क्यों…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें