हिरासत के दौरान कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने के बाद तीन इराक़ियों की मौत
मंगलवार 10 अगस्त को एक मानवाधिकार समूह द्वारा जारी एक बयान के अनुसार देश के दक्षिणी इलाके में बसरा पुलिस द्वारा तीन इराकियों को हिरासत में लिए जाने के 10 दिनों के भीतर अत्यधिक यातना दिए जाने के कारण मौत हो गई। मिड्ल ईस्ट आई ने इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया। यह बयान संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के कुछ दिनों बाद आया है जिसमें इराकी अधिकारियों पर देश में कैदियों और बंदियों के साथ व्यापक यातना और दुर्व्यवहार में शामिल होने का आरोप लगाया गया था।
इन तीन पीड़ितों की पहचान हिशाम मोहम्मद हिशाम, मोहम्मद अल-दाबी और अली मुबारक अल-शामरी के रूप में की गई है। इन्हें विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें बसरा पुलिस द्वारा 28 जुलाई और 7 अगस्त के बीच हिरासत में रखने के दौरान कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया और मार डाला गया।
यूरो-मेडिटेरेनियन ह्यूमन राइट्स मॉनिटर द्वारा जारी बयान के अनुसार, हिशाम और अल-दाबी बसरा के अपराध-विरोधी मुख्यालय में मारे गए जबकि अली बसरा के अल-बरदियाह पुलिस स्टेशन में मारे गए।
इस बयान में मृतक के परिवार के सदस्यों और कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का हवाला दिया गया है। दाबी और अली के परिवार के सदस्यों ने कहा कि उनके शरीर पर पिटाई, छुरा घोंपने और फ्रैक्चर के स्पष्ट संकेत थे।
संयुक्त राष्ट्र ने इस महीने की शुरुआत में एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें उसने आरोप लगाया था कि इराकी अधिकारी बंदियों के साथ विभिन्न प्रकार के अत्याचारों और दुर्व्यवहार में शामिल हैं। ह्यूमन राइट्स ऑफिस ऑफ द यूनाइटेड नेशन्स असिस्टेंस मिशन फॉर इराक (यूएनएएमआई) और ऑफिस ऑफ द यूनाइटेड नेशन्स हाई कमीश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स (ओएचसीएचआर) द्वारा तैयार किए गए इस रिपोर्ट का शीर्षक है 'ह्यूमन राइट्स इन द एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ जस्टिस इन इराकः लीगल कंडिशन्स एंड प्रोसीड्योरल सेफगार्ड टू प्रीवेंट टॉर्चर एंड ईल-ट्रीटमेंट’। इसमें कहा गया है कि 1 जुलाई 2019 से 30 अप्रैल 2021 की अवधि के बीच सरकारी अधिकारियों और पुलिस द्वारा 235 व्यक्तियों में से कम से कम आधे लोगों के साथ यातना या दुर्व्यवहार करने की रिपोर्ट है जो "यातना देने के विश्वसनीयता" को दर्शाते हैं।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इराक की उच्च न्यायिक परिषद द्वारा 2020 में प्राप्त यातना और दुर्व्यवहार की 1,406 शिकायतों में से यह केवल 18 मामलों समाप्त करने में सक्षम रहा है। इस रिपोर्ट में इराक और कुर्दिस्तान क्षेत्र की सरकारों से "हिरासत केंद्रों में यातना और/या अन्य प्रकार के दुर्व्यवहार के निरंतर गतिविधियों से निपटने" का आग्रह किया गया है।
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