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संशोधित मोटर वाहन एक्ट के ख़िलाफ़ देश भर के ट्रांसपोर्टर्स हड़ताल पर गए 

ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस हमेशा ही उनका शोषण करती है। इस व्यवसाय में कई तरह की दिक्क़ते हैं।
Truck Operators Indefinite Strike
'भाईचारा अखिल भारतीय ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन'के फेसबुक पेज से साभार

पूरेभारत के लाखों ट्रक ऑपरेटर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। उनकीमांग हैं कि केंद्र से संशोधित मोटर वाहन अधिनियम 2019 के तहत नई जुर्माना दरों को खत्म किया जाए। लगभग 80 लाख ट्रक ऑपरेटरों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले भाईचारा ऑल इंडिया ट्रक वेलफेयर एसोसिएशन ने इस हड़ताल का आह्वान किया है।

ऑपरेटरोंने आरोप लगाया कि उन्हें अपनीमांगों के लिए दबाव बनाने केलिए अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए मजबूर किया गयाहै,क्योंकि मोदी सरकार उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।

हड़ताल से पहले,31 अक्टूबर को,ट्रांसपोर्टर्स ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन भी किया,जहाँ अनिश्चितकालीन  हड़ताल शुरू करने का निर्णय लिया गया।

ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस हमेशा ही उनका शोषण करती है। इस व्यवसाय में कई तरह की दिक्क़ते हैं।हालांकि,बीजेपी सरकार ने दावा किया कि एक सितंबर से मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन लाने के साथ, यह समस्याएं खत्म हो गई हैं लेकिन ऑपरेटर के मुताबिक सरकार ने ट्रक ऑपरेटरों के ज़ख्मों पर नमक रगड़ने का काम किया है।

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ट्रक ऑपरेटर्स ने सोमवार को अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल के पहले दिन एक बैठक की।

रही सही कमी भारतीय अर्थव्यवस्था की खराब होती स्थिति ने पूरी कर दीहै। इस संकट ने उद्योग के हर क्षेत्र को त्रस्त कर दिया है और साथ ही साथ परिवहन व्यवसाय पर भी प्रभाव पड़ा है,जिससे भारतीय ट्रक ऑपरेटरों के लिए आजीविका का भी संकट हो गयाहै।

दिल्ली कमिटी के अध्यक्ष तेजपाल ने न्यूज़क्लिक से कहा ," सभी  तरफ से हमला हुआ है और सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहींदे रही है ,हमरे पास हड़ताल पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है । "

24 सितंबरको एसोसिएशन ने सड़क परिवहन और भारत के राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को एक ज्ञापन भी भेजा,जिसमें उनकी मांगों पर विचार करने की अपील की गई। एसोसिएशन को मंत्री से कोई जवाब नहीं मिला।

एसोसिएशन सरकार से टोल करों के संग्रह के लिए कई प्लाजों को हटाने के लिए कहा। हड़ताली ट्रक ऑपरेटरों के अनुसार,एक एकल टोकन जारी करने और सभी शुल्क जैसे कि प्रवेश शुल्क जैसे भारी वाहनों पर लगाया जाए जिससे अन्य राज्यों में अन्य स्थानों पर प्लाजा में जाम से बचा जा सकेगा और ट्रक ऑपरेटरों के लिए डीजल की भी बचत होगी।

ट्रकऑपरेटरों ने ट्रक उद्योग केलिए और ऑपरेटरों की शिकायतों को दर्ज करने के लिए एक टोल फ्री नंबर की मांग की जिससे ये अपनी शिकायत दर्ज करा सके।,

एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा,"हम ऑपरेटरों को करो या मरो की स्थिति में धकेल दिया गया है,"और सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि हम सिर्फ ट्रक नहीं चलाते,हमपूरे देश को चलाते हैं। "

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