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बांदा में आर्थिक तंगी से परेशान दो प्रवासी मज़दूरों ने की आत्महत्या

22 साल के सुरेश लॉकडाउन में दिल्ली में फंसे थे और पांच दिन पूर्व ही अपने गांव लौटे थे। इसी तरह मुंबई से लौटे 20 साल के मनोज ने अपने घर के कमरे में फांसी लगा ली।
suicide case
प्रतीकात्मक तस्वीर फोटो साभार: तेलंगाना टुडे

बांदा (उत्तर प्रदेश) : इस कोरोना और लॉकडाउन संकट ने सबसे ज़्यादा मज़दूर तबके को ही प्रभावित कर रहा है। वह बिना रोज़गार भूख से मर रहा है। वह पैदल चल रहा है तो कुचलकर मारा जा रहा है। ट्रेनों में किसी तरह एंट्री मिलती है तो भूख-प्यास से मर रहा है। और कोरोना तो है ही। इस सबसे बचता है तो इतना टूट चुका होता है, इतना हैरान-परेशान हो चुका होता है कि अब आत्महत्या को भी आमादा हो रहा है।

ऐसा ही हुआ उत्तर प्रदेश के बांदा में जहां आर्थिक तंगी से परेशान दो प्रवासी मज़दूरों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

मटौंध थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) रामेंद्र तिवारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि थाना क्षेत्र के लोहरा गांव के रहने वाले मज़दूर सुरेश (22) ने बुधवार को खेत में लगे एक पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह लॉकडाउन में दिल्ली में फंसे थे और पांच दिन पूर्व ही अपने गांव लौटे थे।

मृत युवक के परिजनों के हवाले से उन्होंने बताया कि दिल्ली से लौटने के बाद उनके पास खर्च के लिए पैसे नहीं थे, जिसके चलते उन्होंने फांसी लगा ली। शव का पोस्टमॉर्टम करवाया गया है और घटना की विस्तृत जांच की जा रही है।

ऐसी ही एक अन्य घटना पैलानी थाना क्षेत्र के सिंधन कलां गांव की है। यहां दस दिन पूर्व मुंबई से लौटे प्रवासी मज़दूर मनोज (20) ने बुधवार को अपने घर के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

उनके पड़ोसी अभिलाष ने बताया कि मनोज मुंबई में एक निजी कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से कंपनी बंद हो गयी, जिससे वह गांव लौट आए थे। उनके माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी और वह अकेले थे। मुंबई से लौटने के बाद उनके पास राशन आदि भी खरीदने के लिए धन नहीं था।

पैलानी के थाना प्रभारी निरीक्षक बलजीत सिंह ने बताया कि पोस्टमॉर्टम कराने के बाद ग्रामीणों ने मृत प्रवासी मज़दूर मनोज के शव का अंतिम संस्कार कर दिया है। उन्होंने बताया कि मृतक के गांव के लोग उसकी आत्महत्या की वजह आर्थिक संकट बता रहे हैं, मामले की जांच शुरू कर दी गयी है।

बिहार के पटना में कंक्रीट स्लैब के नीचे दबकर तीन बच्चों की मौत

पटना: पटना शहर के जवाहर लाल नेहरु मार्ग पर स्थित ललित भवन के निकट बुधवार की देर शाम खेलने के दौरान सड़क किनारे पड़े एक कंक्रीट स्लैब के नीचे दबकर तीन बच्चों की मौत हो गयी ।

इस हादसे पर शोक प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृत तीनों बच्चों के परिजनों को चार-चार लाख रूपए अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया ।

हादसे का अभी पूरा ब्योरा नहीं मिला है। पुलिस हादसा स्थल पहुंचकर तीनों बच्चों के शवों को निकालकर आगे की कार्रवाई में जुट गयी है।

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