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हादसा: यूपी के भदोही में पूजा पंडाल में भीषण आग से 5 की मौत, कई झुलसे

गुफानुमा पंडाल में आने-जाने का सिर्फ एक ही रास्ता था। आग लगने के बाद पंडाल में भगदड़ मच गई, जिससे कई महिलाएं और बच्चे गिर गए। कुछ भीड़ में दबकर घायल हो गए तो कुछ तेजी से फैली आग की चपेट में आ गए।
Bhadohi

उत्तर प्रदेश के बनारस से सटे भदोही जिले के नरथुआं स्थित दुर्गा पंडाल में भीषण आग से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 70 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को बनारस के बीएचयू स्थिति ट्रामा सेंटर और कबीरचौरा स्थित मंडलीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। वहां इस समय 53 लोगों का इलाज चल रहा है।

पुलिस प्रशासन ने इस घटना के लिए दुर्गा पूजा आयोजन समिति के अध्यक्ष बच्चा यादव को जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ दफा 404 ए, 337, 338, 323, 135 विद्युत अधिनियम और 188 सीआरपीसी के तहत केस दर्ज किया है। घटना की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम के मुताबिक हेलोजन लाइट के गर्म होकर कपड़ों में आग पकड़ने से हादसा हुआ।

दुर्गा पंडाल में हुए हादसे में दस वर्षीय बालक की अंकुश सोनी की औराई स्थित सीएचसी में उपचार के दौरान मौत हुई। बाद में 45 वर्षीया जया देवी और दस वर्षीय नवीन ने बनारस के कबीरचौरा अस्पताल में दम तोड़ दिया। 48 वर्षीय आरती देवी की मौत बीएचयू में हुई। आठ साल के हर्षवर्धन की इलाज के दौरान भदोही के बारी गांव में मृत्यु हो गई। ये सभी लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे। प्रशासन का मानना है कि आयोजन समिति की लापरवाही के चलते हादसा हुआ। आयोजकों के खिलाफ औराई कोतवाली में केस दर्ज किया गया है।

रविवार की देर शाम हुए हादसे के बाद करीब तीन घंटे तक चीख-पुकार और भगदड़ की स्थिति बनी रही। भदोही कलेक्टर गौरांग राठी ने तीन बच्चे समेत पांच की मौत और 66 से अधिक लोगों के झुलसने की पुष्टि की है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, झुलसे बच्चों और महिलाओं की स्थिति भीषण अग्निकांड की भयावहता को दर्शा रही थी। औराई के नरथुआं स्थित दुर्गा पूजा पंडाल की घटना में झुलसे बच्चों की चीख सुनकर वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। शाम 8 बजे से रात 11 बजे तक अस्पतालों में अफरा-तफरी रही।

रविवार की शाम करीब आठ बजे आग लगी। घटना के करीब 20 मिनट बाद ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका। बाद में भदोही और ज्ञानुपर से भी दमकल की गाड़ियां बुला ली गईं। पंडाल स्थल पर चलने वाले शो में प्रोजेक्टर के माध्यम से धार्मिक कार्यक्रम दिखाया जा रहा था। गुफानुमा पंडाल में आने-जाने का सिर्फ एक ही रास्ता था। आग लगने के बाद पंडाल में भगदड़ मच गई, जिससे कई महिलाएं और बच्चे गिर गए। कुछ भीड़ में दबकर घायल हो गए तो कुछ तेजी से फैली आग की चपेट में आ गए।

औराई इलाके के नरथुआं का पंडाल लोगों के आकर्षण और आस्था का केंद्र बनता रहा है। नवरात्र में धार्मिक शो भी प्रोजेक्टर के जरिये दिखाया जाता है। इसी शो देखने के लिए नरथुआं, उपरौठ, बारीगांव, औराई, घोसिया, भवानीपुर, जेठूपुर, उगापुर, औराई सहित दर्जन भर से अधिक गांवों की महिलाएं और बच्चे पहुंचते हैं। रविवार की शाम हादसे के वक्त गुफानुमा पंडाल में 150 से अधिक लोग मौजूद थे।

बिजली के लाइटों के गर्म होने से कपड़ों में आग लगी तो पंडाल में भगदड़ मच गई। आने-जाने का एक मात्र गेट होने से बच्चे और महिलाएं अंदर ही गिर गईं। उक्त गुफा फाइबर और प्लास्टिक के पन्नी से बनाई गई थी। इससे कुछ ही पलों में पूजा पंडाल धू-धू कर जलने लगे। वहां मौजूद लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला और अधिकतर लोग झुलस गए।

तीन साल पहले ही इस पंडाल में आग लगी थी। उस समय आयोजन समिति के लोगों आग बुझा ली थी। पूर्व में हुई आग लगी की घटना के बाद भी अधिकारियों ने तैयारियां नहीं देखी। अगर पहले ही पंडाल में आने-जाने की व्यवस्था की गई होती तो घटना इतनी बड़ी नहीं होती। औराई में पूजा पांडाल में आग लगने के बाद झुलसने वालों को पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बनारस के अस्पतालों तक पहुंचाया। इसमें करीब 38 पीड़ितों को बीएचयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया, जबकि 15 घायलों को मंडलीय अस्पताल कबीर चौरा के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया है। पांच अन्य लोगों का इलाज बनारस के पांडेयपुर स्थित जिला अस्पताल में चल रहा है।

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