हाथरस की ‘निर्भया’ के इंसाफ़ के लिए जगह-जगह प्रदर्शन, फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा मुकदमा
“क्या कारण है कि उत्तर प्रदेश की मां-बेटी सलामत नहीं हैं।…अगर हिम्मत हो, नेक इरादे हों तो आप उत्तर प्रदेश में अच्छी कानून व्यवस्था कर सकते हैं।”
ये ‘भाषण’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है, जो हाथरस की कथित गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। अगर आप सोच रहे हैं कि पीएम मोदी ने ये भाषण इस हृदयविदारक घटना के बाद दिया है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। 2017 में बाजेपी के यूपी की सत्ता में काबिज़ होने के बाद प्रधानमंत्री ऐसे मामलों में ज्यादातर चुप्पी ही साधे रहते हैं।
वाह मोदी जी वाह क्या फेकते हैं आपके जितना कोई फेक पाएगा नही. एक बार फिर उत्तर प्रदेश में हाथरस कीं गैंगरेप एवं दरिंदगी कीं शिकार एक दलित बेटी ने आख़िरकार दम तोड़ ही दीया . pic.twitter.com/tUfxDhG3d2
— Mukesh Yadav (@MukeshY65605951) September 29, 2020
इस भाषण को लोग 2017 के यूपी चुनावी के पहले का भाषण बताकर शेयर कर रहे हैं, जिसमें पीएम मोदी यूपी में महिला सुरक्षा की बदहाली पर बात करते हुए उस वक्त की समाजवादी पार्टी सरकार को निशाने पर ले रहे थे। हालांकि अब खुद उनकी सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर विफल साबित होती नज़र आ रही है।
हाथरस में पहले दलित युवती के साथ बर्बरतापूर्क दुष्कर्म और फिर परिजनों की गैरमौजूदगी में रात के अंधेरे में पीड़िता का अतिंम संस्कार पुलिस प्रशासन के साथ-साथ सत्ता पर भी कई सवाल खड़े कर रहा है। जिस पर शायद ही प्रधानमंत्री का कोई भाषण आए।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 14 सितंबर को गैंगरेप का शिकार बनी 19 वर्षीय एक दलित लड़की ने मंगलवार, 29 सितंबर को दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। आरोप है कि देर रात पीड़िता के शव को गांव लेकर पहुंची पुलिस ने भारी विरोध के बीच आनन-फानन में रात को ही पीड़िता के परिवार की सहमति के बिना ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
इस पूरे मामले में जिस तरह से कार्रवाई हुई उसे लेकर योगी सरकार के ‘रामराज’ और यूपी पुलिस की चौतरफा आलोचना हो रही है। पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए समाजिक संगठनों द्वारा बुधवार, 30 सितंबर को नेशनल प्रोटेस्ट डे घोषित किया गया है। देशभर में तमाम प्रगतिशील, महिलावादी संगठन विरोध प्रदर्शन और जुलूस मार्च निकाल रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक मंगलवार देर रात करीब एक बजे (बुधवार) पुलिस युवती का शव लेकर हाथरस जनपद के बुलगाड़ी गांव पहुंची। पीड़िता का शव गांव पहुंचा तो ग्रामीण रातों-रात अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं थे, लेकिन पुलिस ने भारी विरोध के बावजूद परिजनों की गैर मौजूदगी में पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया। ग्रामीणों के भारी आक्रोश को देखते हुए इलाके में बड़े पैमाने पर पुलिसबल की तैनाती भी की गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस दौरान एसडीएम पर परिजनों के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगा, घरवालों को घर के अंदर पुलिस की भारी बैरिकेटिंग के बीच बंद कर दिया गया। इसके बाद पुलिस और ग्रामीणों में झड़प हो गई। लेकिन पुलिस ने किसी की नहीं सुनी।
दरअसल, परिजन रात में शव का अंतिम संस्कार नहीं करना चाहते थे, जबकि पुलिस तुरंत अंतिम संस्कार कराना चाहती थी। इसके करीब रात 2:40 बजे बिना किसी रीति-रिवाज के और परिजनों की गैर-मौजूदगी में पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
परिजनों का क्या आरोप है?
हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक गैंगरेप पीड़िता के चाचा ने बताया कि पुलिस दबाव बना रही थी कि शव का अंतिम संस्कार कर दें। जबकि बेटी के मां-बाप और भाई कोई भी यहां मौजूद नहीं थे। रात में अंतिम संस्कार न करने और परिवार का इंतजार करने की बात कहने पर पुलिस ने कहा कि अगर नहीं करोगे तो हम खुद कर देंगे।
लड़की के भाई ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “हम लोगों ने पुलिस से बहुत कहा कि शव हमें दें। हम उसका सुबह दाह संस्कार करेंगे लेकिन पुलिस ने हमारी नहीं सुनी। हम लोगों से जबरन सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाए और आधी रात को शव जला दिया। हम लोगों को पुलिस पर विश्वास नहीं है। हम लोगों की जान को भी खतरा है।”
पुलिस पर धमकी और धक्कामुक्की का आरोप
पीड़िता के भाई ने आरोप लगाया कि जब उन लोगों ने बेटी का संस्कार करने से इनकार कर दिया तो पुलिस गुस्से में आ गई। पुलिस ने उन लोगों को धमकी दी। आरोप है कि उनके घरवालों के साथ धक्का-मुक्की भी की गई। कुछ लोगों को घर में बंद कर दिया गया तो कुछ डरकर अपने घरों में बंद हो गए।
पुलिस का क्या कहना है?
हाथरस के ज़िलाधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा कि परिवार की सहमति के बिना पीड़िता का अंतिम संस्कार किए जाने के आरोप झूठ हैं।
उन्होंने कहा, "पीड़िता के पिता और भाई ने रात में उसका अंतिम संस्कार करने के लिए सहमति दी थी। अंतिम संस्कार के दौरान पीड़िता के परिजन भी मौजूद थे। शव को ले जाने वाली गाड़ी गाँव में रात 12:45 से 2:30 बजे तक मौजूद थी।"
वहीं हाथरस के एसपी विक्रांत वीर ने मीडिया से बताया कि इस मामले में चारों अभियुक्तों को गिरफ़्तार करके जेल भेजा जा चुका है। हम अदालत से फ़ास्ट ट्रैक सुनवाई की मांग करेंगे। पीड़िता के परिवार को गाँव में सुरक्षा भी दी गई है।
हालांकि पुलिस ने पीड़िता की रीढ़ की हड्डी टूटने, जीभ कटने की बात से 29 सितंबर को इंकार कर दिया था। पुलिस के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने वाली टीम ने अभी गैंगरेप को लेकर स्पष्ट राय नहीं दी है, फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है। हालांकि चारों गिरफ़्तार अभियुक्तों पर गैंगरेप की धारा ही लगाई गई है।
एसपी विक्रांत वीर ने कहा कि न तो हाथरस के, न ही अलीगढ़ के डॉक्टर ने इस बात की पुष्टि की है कि मृतका के साथ सेक्सुअल असॉल्ट हुआ है। इस पूरे मामले की जांच डॉक्टरों और फॉरेंसिक टीम से कराई जाएगी। एसपी ने यह भी कहा है कि प्राइवेट पार्ट में चोट लगने की बात भी गलत है।
एसपी का कहना है कि जीभ काटने की बात सरासर झूठी है। उन्होंने कहा कि पीड़िता के बयान रिकॉर्ड किए हैं। कई जगह इस तरह की बातें भी रिपोर्ट की जा रही हैं कि पीड़िता की रीढ़ की हड्डी टूटी है। ये बात भी पूरी तरह से गलत है। पीड़िता को गला घोंटकर मारा गया है, इसकी वजह से उसके गले पर चोट के निशान आए हैं। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि मामला इतना बिगड़ गया।
सरकार क्या कर रही है?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जाँच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जाँच दल (एसआईटी) गठन किया। साथ ही उन्होंने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर अपराधियों को कड़ी से कड़ी सज़ा देने की बात भी कही है।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 30, 2020
बुधवार, 30 सितंबर को उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट के मुताबिक एसआईटी एक हफ़्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। मुख्यमंत्री ने इस मामले में दोषियों के ख़िलाफ़ फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने और प्रभावी पैरवी करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने हाथरस की घटना के लिए दोषी व्यक्तियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने और प्रभावी पैरवी करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 30, 2020
विपक्ष क्या कह रहा है?
रात के अंधेरे में बिना परिजनों की सहमति के पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार करने के मामले पर सभी विपक्षी दलों ने एक सुर में योगी सरकार पर निशाना साधते हुए इस घटना को निंदनीय कहा है।
इस मामले को लेकर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने पुलिस द्वारा जबरन किए गए अंतिम संस्कार को घोर अमानवीयता बताया है। इसके साथ ही प्रियंका ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग भी की है।
प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, “वो मुझे अभी बता ही रहे थे कि वो बस अपनी बच्ची के लिए इंसाफ चाहते हैं। पिछली रात उनसे उनकी बेटी को आखिरी बार घर ले जाने और उसका अंतिम संस्कार करने का हक भी छीन लिया गया। पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा करने के बजाय आपकी सरकार, यहां तक की उसकी मौत के बाद भी उसके हर मानवाधिकार को छीनने में लगी रही। आपके पास मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।”
प्रियंका गांधी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि “रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया। जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया। पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया। घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया। अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया।”
I was on the phone with the Hathras victim’s father when he was informed that his daughter had passed away. I heard him cry out in despair. 1/3
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 30, 2020
@myogiadityanath RESIGN
Instead of protecting the victim and her family, your government became complicit in depriving her of every single human right, even in death. You have no moral right to continue as Chief Minister. 3/3
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 30, 2020
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मामले को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि हाथरस की बेटी का जबरन दाह संस्कार सबूत मिटाने की कोशिश है। ऐसा करके भाजपा सरकार ने पाप भी किया है और अपराध भी।
अपने आधिकारिक हैंडल पर सपा प्रमुख ने लिखा, “हाथरस की बेटी बलात्कार-हत्याकांड’ में शासन के दबाव में, परिवार की अनुमति बिना, रात्रि में पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार करवाना, संस्कारों के विरुद्ध है। ये सबूतों को मिटाने का घोर निंदनीय कृत्य है। भाजपा सरकार ने ऐसा करके पाप भी किया है और अपराध भी।”
हाथरस की बेटी बलात्कार-हत्याकांड’ में शासन के दबाव में, परिवार की अनुमति बिना, रात्रि में पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार करवाना, संस्कारों के विरुद्ध है. ये सबूतों को मिटाने का घोर निंदनीय कृत्य है.
भाजपा सरकार ने ऐसा करके पाप भी किया है और अपराध भी. #नहीं_चाहिए_भाजपा#Hathras
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 30, 2020
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पीड़िता का रात को अंतिम संस्कार कर देना लोगों में काफी संदेह व आक्रोश पैदा करता है।
2. अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) September 30, 2020
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि हाथरस पीड़िता का पहले कुछ दरिंदों ने बलात्कार किया और इसके बाद पूरी प्रणाली ने उसका बलात्कार किया।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, “हाथरस की पीड़िता का पहले कुछ दरिंदों ने बलात्कार किया और कल पूरी प्रणाली ने बलात्कार किया। पूरा प्रकरण बेहद पीड़ादायी है.’
हाथरस की पीडिता का पहले कुछ वहशियों ने बलात्कार किया और कल पूरे सिस्टम ने बलात्कार किया। पूरा प्रकरण बेहद पीड़ादायी है।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 30, 2020
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) ने भी इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए पीड़ित परिवार के साथ संवेदना व्यक्त की।
CPIM politburo strongly condemns the actions of the Adityanath Govt on the blatant denial of Justice to the Hathras dalit rape victim & her family. Her death is the result of the callous approach of the Govt.https://t.co/6h2854ivDp
— CPI (M) (@cpimspeak) September 30, 2020
सीपीआई-एम ने ट्वीट कर कहा, “हम पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हैं। ये भयावह घटना भाजपा शासित यूपी में कानून-व्यवस्था की स्थिति को दर्शाती है। अपराधी घृणा का आनंद लेते हैं, पीड़ित हाशिए पर पड़े हैं। जबकि सीएम आदित्यनाथ आलोचकों पर हमला करने में व्यस्त हैं।”
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी की पोलितब्यूरो सदस्य कामरेड सुभाषिनी अली, @SubhashiniAli, का हाथरस में युवती के साथ दरिंदगी की घटना पर बयान।#HathrasCase pic.twitter.com/fEiNcgAw4I
— CPI (M) (@cpimspeak) September 30, 2020
नागरिक समाज और महिलावादी संगठनों का विरोध
उत्तर प्रदेश में जंगल राज खत्म करने, हथरस पीड़िता को न्याय दिलाने और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई को लेकर देशभर में नागरिक समाज, दलित और महिलावादी संगठनों ने बुधवार, 30 सितंबर को प्रदर्शन किया। इस दौरान दिल्ली के यूपी भवन और अलग- अलग इलाकों से पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया है।
Today AIPWA raised it's voice against the Hathras Rape case.
We are living in a REPUBLIC not RAPE- PUBLIC !
Uttar pradesh is rape capital , YOGI must resign.#HathrasCase#JusticeForManishaValmiki#ShameOnYouHathrasPolice pic.twitter.com/8y6Vd4wYdn
— AISA UTTAR PRADESH (@upaisa_official) September 29, 2020
अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिशएन (ऐपवा) का इस मामले को लेकर लगातार प्रदर्शन जारी है। पीड़िता की मौत के बाद यूपी- बिहार के कई इलाकों में ऐपवा के सदस्यों ने धरना दिया और कैंडल मार्च निकाला।
ऐपवा की कार्यकारी परिषद् ने एक अधिकारिक बयान जारी कर राज्य और केंद्र सरकार से पीड़िता के लिए न्याय के साथ दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
ऐपवा के अनुसार, “यूपी में हाल के महीनों में महिलाओं के खिलाफ अपराध, बच्चों और दलित महिलाओं पर यौन हमले के बढ़े हैं। जिसका कारण राज्य में मनुवादी ताकतों का बढ़ता वर्चस्व है। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ इस विचारधारा को सार्वजनिक तौर से बढ़ावा देते हैं। 2009 में अपने एक कुख्यात लेख में, उन्होंने मनुस्मृति को विधानसभा और संसद में महिलाओं के आरक्षण के खिलाफ आधार बनाकर ये कोट किया था कि महिलाओं को हमेशा पुरुषों के नियंत्रण में रखा जाना चाहिए।”
AIPWA statement on the #Hathras caste supremacist atrocity against a Dalit woman. pic.twitter.com/MAVceRW0y5
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) September 30, 2020
ऐपवा ने यूपी सरकार के ‘दुराचारी योजना’ पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि ये योजना दलित, ओबीसी और मुस्लिम पुरुषों को अपमानित और कलंकित करने का एक बहाना होगी जो ऊंची जातियों की महिलाओं के साथ संबंध रखते हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने से दूर, यह योजना वास्तव में महिलाओं की स्वायत्तता और साथी चुनने के अधिकार के खिलाफ अपराध होगी।
Protest in Begusarai (Bihar)
We demand resignation of UP CM #YogiAdityanath, arrest and punishment of the UP CM along with senior UP police and District administrators under the Prevention of Atrocities Act, for the secret midnight cremation of the Dalit rape victim of #Hathras. pic.twitter.com/ilWJatwOkv
— AISA (@AISA_tweets) September 30, 2020
छात्र संगठन आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन. साईं बालाजी इस प्रदर्शन को न्याय के लिए आंदोलन बताते हुए कहते हैं, “योगी राज में कोई सुरक्षित नहीं है, दलितों और महिलाओं पर लगातार अत्याचार बढ़ रहे हैं। बीजेपी की योगी सरकार ‘बेहतर कानून व्यवस्था’ नहीं सुनिश्चित कर रही, बल्कि रही- सही लॉ एंड आर्डर की व्यवस्था को भी खत्म कर देने पर तुली हुई है।”
Students protesting in Mandir Marg police station after being detained demanding #JusticeForHathrasVictim.
Students are demanding the UP CM #YogiAdityanath resignation, booking of district officials & UP CM under SC/ST Atrocities Act for illegally creating the body of victim pic.twitter.com/AQZpSvj5BI
— N Sai Balaji | ఎన్ సాయి బాలాజీ (@nsaibalaji) September 30, 2020
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफ़े की मांग करते हुए एन साईं बालाजी ने न्यूज़क्लिक से कहा, “यूपी में ‘रामराज’ नहीं, ‘जंगलराज’ चल रहा है। इस मामले में पीड़िता के परिवार के साथ जो हुआ, जिस तरह प्रशासन ने बैरिकेटिंग कर उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया, परिवार वालों को मदद करने के बजाय प्रताड़ित किया गया। वो अपने आप में दलितों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर कई सवाल खड़े करता है।
Dalit girl from Hathras who was gang raped passed away today. This shows the complete failure of law & order in UP. Atrocities on dalits and women have been only on rise from the BJP came to power. Women are not safe, only the perpetrators are safe. #JusticeForHathrasDalitGirl
— N Sai Balaji | ఎన్ సాయి బాలాజీ (@nsaibalaji) September 29, 2020
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी लखनऊ में कैंडिल लाइट जुलूस निकाला। कांग्रेस मुख्यालय से निकाले गए इस जुलूस को पुलिस ने बलपूर्वक रोक दिया है। जिसके बाद कार्यकर्ता वहीं सड़क पर धरना देकर बैठ गए।
उत्तर प्रदेश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शनों की खबरें आ रही हैं।
इलाहाबाद, प्रतापगढ़, बुलंदशहर,अमेठी, रायबरेली, फैजाबाद, हाथरस, सादाबाद समेत कई जिलों में विरोध प्रदर्शन और कैंडिल लाइट जुलूस निकाले जा रहे हैं।
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