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यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं

पुलिस की मौजूदगी में मुस्लिम महिलाओं को सरेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत बजरंग मुनि दास अभी भी पुलिस की गिरफ़्त से बाहर है। वहीं उसके ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे छात्र और नागरिक समाज के लोग दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जा रहे हैं।
hate speech

उत्तर प्रदेश में बीते कुछ दिनों से बाबा और महंत बड़े सुर्खियों में हैं। अभी हाल ही में कानपुर के एक परिवार ने महामंडलेश्वर निर्वाणी अखाड़ा के प्रखर जी महाराज पर गंभीर रेप के आरोप लगाए थे, तो वहीं अब सीतापुर के महंत बजरंग मुनि दास खुलेआम मुस्लिम महिलाओं को बलात्कार की धमकी दे रहे हैं। ये विडंबना ही है कि प्रदेश में सुशासन और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता बताने वाली बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार अब तक इन लोगों को गिरफ्तार तक नहीं कर पाई है। घटना को हुए कई दिन बीत चुके हैं, लेकिन ठोस एक्शन के नाम पर सिर्फ एफआईआर दर्ज की गई है।

बता दें कि महंत बजरंग मुनि दास की गिरफ्तारी की मांग को लेकर छात्र संगठन आइसा ने आज शनिवार, 9 अप्रैल को दिल्ली स्थित उत्तर प्रदेश भवन पर एक जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सोशल मीडिया पर भी #ArrestBajarangMuni खूब ट्रेंड हुआ। इस प्रदर्शन में कई अन्य संगठन और नागरिक समाज के लोग भी शामिल हुए। सभी ने एक सुर में बजरंग मुनि के खिलाफ आवाज़ उठाते हुए उसे तुरंत सलाखों के पीछे करने की शासन-प्रशासन से मांग की। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और कुछ के साथ मार-पीट और उत्पीड़न की खबरें भी सामने आईं।

आइसा की सचिव नेहा ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में बताया कि पुलिस ने मंदिर मार्ग थाने में करीब 40-45 लोगों को यूपी भवन से उठाकर रखा है। पुलिस फिलहाल कोई खास जानकारी नहीं दे रही की कब तक छोडगी और क्या कुछ आगे होगा।

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पुलिस पर प्रदर्शनकारियों से मार-पीट और अभद्रता का आरोप

नेहा के मुताबिक करीब 3.30 बजे जब प्रोटेस्ट में ढ़ेर सारे लोग इकट्ठा होकर महंत बजरंग मुनि दास की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें हिसारत में ले लिया। इस दौरान कई लोगों को चोटें भी आईं, कई महिला प्रदर्शकारियों को अभद्रता और उत्पीड़न का शिकार भी होना पड़ा। इस दौरान पुलिस ने एक शांतिपूर्ण तरीके से बढ़ रहे प्रदर्शन को बीच में रोक कर लोगों को हिरासत में लिया।

मालूम हो कि महंत बजरंग मुनि इससे पहले भी विवादों में रहा है। पिछले साल अक्टूबर में उसने लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर खुद को जान से मारने की धमकी देते हुए दावा किया था कि पुलिस उसे मारना चाहती है। वहीं स्थानीय पुलिस का कहना था कि बजरंग मुनि हथियार के एक लाइसेंस के लिए ये सब ढ़ोंग कर रहा है। हालांकि इन सब के बावजूद दिलचस्प बात यह है कि बजरंग मुनि के आश्रम में पीएसी की तैनाती है और वहां चौबीसों घंटे पुलिस सुरक्षा भी मिलती है।

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क्या है पूरा मामला?

प्राप्त जानकारी के मुताबिक महंत बजरंग मुनि दास के वायरल वीडियो की घटना शनिवार, 2 अप्रैल की है। सीतापुर के खैराबाद इलाके में बड़ी संगत के महंत बजरंग मुनि ने नव-संवत्सर के मौके पर जुलूस निकाला। महंत बजरंग मुनि कार में बैठे थे और उनके समर्थक सड़क पर चल रहे थे। जब ये जुलूस खैराबाद की मस्जिद के सामने पहुंचा तो बजरंग मुनि ने माइक लेकर बोलना शुरू किया। महंत ने धर्म विशेष के लोगों को कथित तौर पर अशोभनीय बातें बोलीं और महिलाओं को बलात्कार की धमकी दी।

वायरल वीडियो में बजरंग मुनि कह रहे हैं, “यहां पास में कहीं सूअरों का गांव है। मेरी हत्या के लिए सूअरों ने 28 लाख रुपए इकट्ठा किए हैं….मैं बहुत प्यार से तुमको समझा दे रहा हूं कि अगर इस इलाके में तुमने कोई एक हिंदू लड़की छेड़ी, तो मैं खुलेआम तुम्हारे घर से तुम्हारी बहू-बेटियों को उठाकर बलात्कार करूंगा। जिस सूअर बाड़े में 28 लाख रुपए इकट्ठा हैं, उस सूअर बाड़े के लोग सुन लो, न सूअरबाड़ा रहेगा और न तुम रहोगे।”

ध्यान रहे कि वायरल वीडियो में ये भी साफ तौर पर देखा जा सकता है कि जब ये महंत इस तरह की घटिया बातें कह रहा था, तो उनकी गाड़ी के बगल में यूपी पुलिस का एक जवान भी मौजूद था, लेकिन किसी ने भी महंत को रोकने की कोशिश नहीं की। इसके उलट वहां मौजूद लोग तालियां पिटते और जय श्री राम के नारे लगाते नज़र आए।

दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार महंत बजरंग मुनि का एक महिने पहले का भी एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बजरंग मुनि दूसरे संप्रदाय के युवाओं को गाली देते हुए धमकी भी दे रहा है। इसी वीडियो में महंत ने कहा कि एक बात और याद रखना- 'जिसका लड़का हमारी बहू-बेटी काे छेड़ेगा। तो हम उसकी खुले में बेटी ले जाएंगे। जिसकी औकात होगी या शासन प्रशासन वो रोक के दिखा देगा। इसके बाद आस-पास खड़े लोग तालियां बजाना शुरू देते हैं। इसके बाद फिर महंत कहता है कि यह सपा सरकार नहीं है जब हमारी बहू बेटियां प्रताड़ित होंगी। अगर आप हमारी बेटी को परेशान करोगे तो जिसका लड़का हिंदू की बहू-बेटी काे परेशान करेगा। उसकी बहू-बेटी मेरे पास लाइए, खुला मैं उसकी बहू-बेटी संगत में ले जाकर .... कराउंगा। इसके बाद वहां खड़ी पब्लिक फिर से तालियां बजाने लगती है।

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वैसे महंत बजरंग मुनि के सियासी नेताओं से भी अच्छे संबंध हैं। वो खुद को आरएसएस और बीजेपी नेताओं का करीबी बताता है। कई नेताओं के फोटो भी उसको माला पहनाते हुए चर्चा के विषय बने हुए हैं। सोशल मीडिया पर सीतापुर के सांसद और बीजेपी नेता राजेश वर्मा की महंत को माला पहनाते हुए फोटो खूब वायरल हो रही है। कई लोग महंत की गिरफ्तारी न होने के पीछे शासन-प्रशासन को ही जिम्मेदार बता रहे हैँ।

पुलिस का क्या कहना है?

मीडिया खबरों के मुताबिक दो अप्रैल की घटना के बाद अभी तक पुलिस ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। जब सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होनेे के बाद मामला तूल पकड़ने लगा और लोग पुलिस पर सवाल उठाने लगे, तब जाकर सीतापुर पुलिस ने 7 अप्रैल को अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट कर कहा कि जांच चल रही है और सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने बाबा के खिलाफ धारा 298 के तहत केस दर्ज किया गया है। इस धारा के तहत सार्वजनिक स्थलों पर आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल करना आता है। इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग ने वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए तुरंत एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। आयोग ने अपने एक ट्वीट में इसकी जानकारी देते हुए बताया था कि अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के डीजीपी को पत्र लिखकर तत्काल हस्क्षेप करने और महंत की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है।

विपक्ष ने योगी सरकार पर उठाए सवाल

इस मामले में प्रदेश का मुख्य विपक्ष तो चुप्पी मार बैठा है लेकिन हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का ट्वीट आया है। शुक्रवार 8 अप्रैल को किए इस ट्वीट में असदुद्दीन ओवैसी ने योगी आदित्यनाथ से सवाल किया है और कहा है कि ऐसे अपराधियों को सरकारी संरक्षण नहीं मिलना चाहिए।

असदुद्दीन ओवैसी ने महंत का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "योगी आदित्यनाथ कहां गई आपकी ‘ठोक दो’ की पॉलिसी? अमित शाह अपनी दूरबीन उठाइए और दर्शन कीजिए अपने नए भारत का। जहां सच/झूट धर्म/अधर्म का पाठ पढ़ाने के बजाए महंत बलात्कारी बयान दे रहें हैं.।कट्टरपंथी तत्वों को सरकारी संरक्षण नहीं मिलना चाहिए।"

इस मामले को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भी घेरा। उन्होंने अखिलेश यादव को टैग करते हुए ट्वीट किया, "आप तो चुनाव से पहले भी चुप थे, तब भी आपको 80% से अधिक मुसलमानों के वोट मिले। जब चुप्पी साधने से ही काम चल रहा है तो अपनी ज़बान को ज़हमत देने की क्या ज़रूरत? है न?”

वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने इसे रीट्वीट करते हुए निशाना साधा। टि्वटर पर उन्होंने लिखा कि 'एक हिंदू होने के नाते मैं मुस्लिम मित्रों से विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस तरह के ठग मेरे विश्वास का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, जितना कि एक इस्लामिक (दाएश) चरमपंथी आपका प्रतिनिधित्व करता है। हिंदुओं का विशाल बहुमत ऐसे लोगों को अस्वीकार करता है। वो हमारे लिए या हिंदुओं के लिए कहीं नहीं बोलते हैं। वे सिर्फ अपने लिए बोलते हैं।'

क्या ढ़ोंगी बाबाओं को सत्ता का संरक्षण हासिल है?

गौरतलब है कि चौतरफा किरकिरी के बाद महंत बजरंग मुनि दास ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर अपने बयान के लिए माफ़ी मांगी है। वीडियो में वो सम्पूर्ण नारी जाति के सम्मान की बातें करते करता नज़र आ रहा है, हालांकि ये सब सिर्फ गिरफ्तारी के डर से किया गया कोई नाटक सा लगता है क्योंकि समाज में महंतों को शिक्षा-दिक्षा और सद्भाव के प्रसार के लिए जाना जाता है नाकि इस तरह के महिला विरोधी नफरती भाषणों के लिए। हालांकि ये पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी गाजियाबाद के डासना के एक महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती भी लगातार आपत्तिजनक बयानों और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरती भाषणों को लेकर चर्चा में रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई इन लोगों को सत्ता का संरक्षण हासिल है जो बार-बार एक ही समुदाय के खिलाफ जहर उगलने के बाद भी इन पर कोई कार्रवाई तक नहीं होती।

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