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यूपी चुनाव: कांग्रेस ने इन महिलाओं को दिया है टिकट, जानिए क्यों अलग है इनके संघर्ष की कहानी

प्रियंका गांधी ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन के माध्यम अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है जिसमें विशेष रूप से 50 महिला उम्मीदवारों के नामों का उल्लेख किया गया है।
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उत्तर प्रदेश का चुनावी समर अपने उफान पर है। हर पार्टी की अपनी रणनीति अंतिम दौर में है, ऐसे में देश की सबसे पुरानी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने बृहस्पतिवार को विधानसभा चुनाव के लिए 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की जिनमें 50 महिला उम्मीदवार शामिल हैं।

प्रियंका गांधी ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से इन उम्मीदवारों की सूची जारी की और विशेष रूप से 50 महिला उम्मीदवारों के नामों का उल्लेख किया। साथ ही इस लिस्ट में युवाओं की संख्या 45 है जो लगभग 40% है।

पार्टी ने उत्तर प्रदेश के लिए जो पहली सूची जारी की है उनमें पार्टी विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद के साथ ही पांखुड़ी पाठक, सदफ़ ज़फ़र और विभिन्न क्षेत्रों में संघर्षरत कुछ अन्य महिलाएं शामिल हैं। उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता की मां को भी टिकट दिया गया है।

कांग्रेस उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट यहाँ देखे-

कुछ महीने पहले ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ अभियान आरंभ करते हुए प्रियंका गांधी ने घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देगी। जो अपने आप में एक साहसिक कदम था जिसे अब कांग्रेस ने उसे यूपी में पूरा किया है। इस लिस्ट ध्यान से देखे तो इसमें उन्होंने उन महिलाओ पर विश्वास जताया है जिन्होंने अपने और समाज के हक़ के लिए सरकार से लोह लिया है।

कांग्रेस लिस्ट में ऐसे प्रत्याशी है जिनके संघर्ष के बारे में आपको जानना चाहिए

आशा सिंह, उन्नाव

इसमें सबसे पहले नाम है आशा सिंह का, जिन्हे कांग्रेस पार्टी ने उन्नाव से अपना उम्मीदवार बनाया है। ये उस लड़की की माँ है जिसने उन्नाव में अपनी बेटी के बलात्कार के बाद सत्ताधारी भाजपा के विधायक के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी, उनके पति की हत्या तक कर दी गई। इन सबके बाद भी वो पीछे नहीं हटीं और न्याय के लिए लड़ती रही हैं।

आपको बता दें कि यूपी के उन्नाव में 4 जून 2017 को 17 वर्षीय लड़की का गैंगरेप किया गया था। इसका सीधा आरोप भाजपा नेता कुलदीप सिंह सेंगर पर लगा। इस मामले की सुनवाई ना होने पर 8 अप्रैल 2018 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने पीड़िता ने प्रदर्शन किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस घटना के बाद ही पीड़िता के पिता की हत्या करा दी गई, जिसका आरोप भी पीड़िता ने सेंगर पर लगा था। काफी संघर्ष के बाद सेंगर पुलिस के सामने हाज़िर हुए थे। रेप के मामले में सेंगर को उम्र कैद की सज़ा हुई है।

कांग्रेस की लिस्ट जारी करते हुए पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि 'हमारी उन्नाव की प्रत्याशी उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मां हैं, हमने उनको मौका दिया है कि वे अपना संघर्ष जारी रखें, जिस सत्ता के दम पर उनकी बेटी के साथ अत्याचार हुआ, उनके परिवार को चोट पहुंचाई गई, उसी सत्ता को वो हासिल करें, कांग्रेस हमेशा उनके साथ खड़ी है।'

मोहम्मदी से कांग्रेस उम्मीदवार रितु सिंह 

इस बार का यूपी का पंचायत चुनाव काफी चर्चा में रहा था। ये पूरा चुनाव हिंसा के लिए याद किया जाऐगा। इस इस चुनाव में एक तस्वीर ने सबका ध्यान खींचा। जब ब्लॉक प्रमुख चुनावों में बीजेपी के समर्थक एक महिला की साड़ी खींचते दिखे। महिला कोई और नहीं रितु सिंह थीं, जिन्हे मोहम्मदी से कांग्रेस उम्मीदवार बनाया है।  
ब्लॉक प्रमुख चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में नामांकन प्रक्रिया के दौरान लखीमपुर खीरी जिले से एक विचलित करने वाला वीडियो सामने आया था, जिसमें एक महिला के साथ मारपीट की गई और उसकी साड़ी को दो पुरुषों ने खींच लिया और उनके कपड़े फाड़े गए। जिस महिला पर हमला किया गया था वो रितु सिंह के साथ आईं थी। इस हमले के लिए रितु ने मोहम्मदी क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह पर आरोप लगाया था। उस समय प्रियंका गाँधी ने इनके समर्थन में आवाज़ उठाई थी।  

ओबरा से कांग्रेस उम्मीदवार रामराज गोंड

रामराज गोंड जिन्हे कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है। उनके परिवार के लोगों को सोनभद्र नरसंहार में मार दिया गया था।  कांग्रेस ने कहा कि सोनभद्र का वो आदिवासी भाई हमारे प्रत्याशी हैं जिनके आदिवासी भाई बहनों का दबंगों ने नरसंहार किया। सत्ता ने उनके साथ न्याय नहीं किया लेकिन उन्होंने न्याय व संघर्ष का पथ नहीं छोड़ा।

उम्भा में दबंगों द्वारा आदिवासियों का नरसंहार पूरे देश ने देखा था। योगी सरकार ने न्याय देने का वादा तो किया लेकिन न्याय होता नहीं दिखा। और ना उनके लिए कुछ नहीं किया। इन सबके बीच रामराज गोंड आदिवासियों के संघर्ष की मज़बूत आवाज़ बनकर उभरे।  इसलिए कांग्रेस ने उन्हें अपना चेहरा बनाया है।

क्या था पूरा मामला?- 17 जुलाई 2019 को लगभग चार करोड़ रुपये की 112 बीघे जमीन के लिए तत्कालीन ग्राम प्रधान यज्ञदत्त भूर्तिया और उसके समर्थकों ने गोलबंद होकर आदिवासियों पर अंधाधुंध फायरिंग की। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और 25 अन्य घायल हो गए।

इस मामले के तूल पकड़ने के बाद दर्जन भर से ज्यादा अधिकारियों पर कार्रवाई हुई। उस समय के डीएम और एसपी हटा दिए गए। इस मामले में प्रमुख सचिव राजस्व रेणुका कुमार की जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने घोरावल के तत्कालीन उप-जिलाधिकारी घोरावल ए.मणिकंडन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया। साथ ही इलाकाई पुलिस क्षेत्राधिकारी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की संस्तुति की गई।

शाहजहाँपुर से कांग्रेस उम्मीदवार पूनम पांडेय

देश भर में स्कीम वर्कर लगातार अलग-अलग राज्यों में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। क्योंकि सरकार इनसे काम तो लेती है लेकिन इन्हे अपना कर्मचारी नहीं मानती है। न ही इन्हे उचित मेहनताना देती है। यही हाल देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश का भी था। जहाँ आशा बहनें कोरोना के समय उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की जान थीं। उन्होंने अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना लगकर अपनी ड्यूटी दी। लेकिन जब आशा बहनें मुख्यमंत्री की शाहजहाँपुर में अपना मानदेय बढ़ाने की माँग लेकर पहुँची तो पुलिस ने उनकी मांग मानाने के बजाए बर्बर लाठीचार्च किया। इस पूरे आंदोलन का नेतृत्व पूनम पांडेय कर रही थीं। पूनम पांडेय ने पुलिस की लाठी खाई, लेकिन अपने न्याय की आवाज़ वो खुद बनीं, और सम्मानजनक मानदेय की लड़ाई छोड़ी नहीं। इनके इसी संघर्ष को देखते हुए पूनम को कांग्रेस ने शाहजहाँपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ने का निर्णय किया है। 

लखनऊ से कांग्रेस उम्मीदवार सदफ जफ़र

कांग्रेस पार्टी ने लखनऊ से उस महिला को टिकट दिया है। जो नागरिकता कानून के खिलफ हुए आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा रहीं और सरकार ने उन पर कई तरह की दंडात्मक कार्रवाई की। लेकिन वो बिना डरे अपनी आवाज़ को बुलंद करती रहीं। उनके इसी संघर्ष को देखते हुए कांग्रेस ने सदफ जफ़र को लखनऊ से टिकट दी है। 
कांग्रेस पार्टी ने कहा कि “लखनऊ से वो हमारी प्रत्याशी हैं जिनको नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध दर्ज कराने के चलते प्रताड़ित किया गया, लेकिन वो फिर भी सच्चाई के साथ डटी रहीं”

नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों के दौरान सदफ पर मुक़दमे भी लगाए गए थे। पुरुष पुलिस पर उन्होंने पीटने का आरोप लगाया। उन्हें उस समय जेल भेजा गया जब उनकी गोद में एक नवजात बच्चा था। उनके बच्चों से अलग करके उनको जेल में डाला गया। सदफ इन हमलों से डरी नहीं बल्कि उनकी आवाज और बुलंद होती गई। इसलिए वो दक्षिणपंथियो के निशाने पर रही हैं। अभी इनका नाम बुल्ली बाई डील में भी आया था।

प्रयागराज दक्षिण से कांग्रेस उम्मीदवार अल्पना निषाद

कांग्रेस पार्टी ने प्रयागराज दक्षिण से एक और महिला उम्मीदवार अल्पना निषाद को उतारा है। जो उस पूरे इलाक़े में निषाद समाज में काफी चर्चित हैं। निषाद समाज लगभग बीस लोकसभा सीटों को प्रभावित करता है। इस समुदाय की आबादी प्रदेश में लगभग 12 फीसदी मानी जाती है।

कांग्रेस ने कहा कि नदियाँ निषादों की जीवनरेखा हैं। नदियों और उनके संसाधन पर निषादों का हक़ होता है। प्रयागराज में बड़े खनन मफ़ियाओं के दबाव के चलते, नदियों से बालू निकालने के लिए भाजपा सरकार की पुलिस ने निषादों की नावें जलाईं। अल्पना निषाद निषादों के हक़ों के संघर्ष की आवाज़ बनीं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी से कांग्रेस में आईं पंखुरी पाठक को भी कांग्रेस ने नोएडा से और फ़िल्म अदाकार अर्चना गौतम को हस्तिनापुर से टिकट दिया है।

प्रियंका ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 125 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर रही है जिसमें 50 महिलाएं हैं। हमने प्रयास किया है कि नयी राजनीति की कोशिश करने वाली महिलाओं को टिकट दिया जाए।’’

कांग्रेस ने कहा कि ये संघर्ष करने वाले प्रत्याशी हैं, उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने की सोच रखने वाले प्रत्याशी और उत्तर प्रदेश की जीत सुनिश्चित करने वाले प्रत्याशी हैं। 
  
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सात चरणों में होगा। पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को और सातवें एवं अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को होगा। 10 मार्च को नतीजे घोषित होंगे।

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