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अमेरिका : कोरोना वायरस रोकथाम में बाधा बन रहे दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारी

देश भर में स्टे-एट-होम के आदेशों और डेमोक्रेटिक पार्टी के गवर्नरों के ख़िलाफ़ होने वाले इन प्रदर्शनों को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन प्राप्त है।
USA

19 अप्रैल रविवार को अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में 2000 से ज़्यादा लोग जमा हो गए और देश भर कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू किये गए लॉकडाउन का विरोध करने लगे। दक्षिणपंथी और रूढ़िवादी संगठन राज्य सरकारों का इस तरह से विरोध करके कोरोना की रोकथाम के लिए हो रहे प्रयासों को चुनौती दे रहे हैं।

यह प्रदर्शन 15 अप्रैल को मिशिगन में हुए प्रदर्शन जैसा ही था। यह संगठन लॉकडाउन हटाने की मांग कर रहे हैं और कोरोना वायरस के ख़तरे के बावजूद काम फिर से शुरू करना चाह रहे हैं। अभी तक टेक्सास, फ़्लोरिडा, ऑहियो, मिनेसोटा, मेरीलैंड और वर्जिनिया में दक्षिणपंथी संगठनों ने इस तरह के विरोध प्रदर्शन किए हैं।

मिशिगन में हुआ प्रदर्शन मिशिगन कंज़र्वेटिव गठबंधन द्वारा आयोजित किया गया था, जो कि मिशिगन फ़्रीडम फ़ंड द्वारा समर्थित है। ग़ौरतलब है कि रिपब्लिकन नेता और अमेरिकी स्वास्थ्य सचिव, और उनकी पत्नी इस फ़ंड से सबसे बड़े दानकर्ता हैं।

इनमें से ज़्यादातर राज्यों में डेमोक्रेटिक पार्टी के गवर्नर हैं, या फिर यह 'स्विंग' राज्य हैं, जिनके वोट नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में निर्णायक साबित हो सकते हैं। प्रदर्शन करने वाले ज़्यादातर संगठन या तो या सीधे तौर पर ट्रंप प्रशासन से जुड़े हैं, या रिपब्लिकन पार्टी के किसी नेता से।

इन प्रदर्शनों को ट्रंप प्रशासन का समर्थन मिला है, जो डेमोक्रेटिक पार्टी गवर्नरों का विरोधी है। शुक्रवार 17 अप्रैल से ट्रंप ने एक से ज़्यादा बार लॉकडाउन हटाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शनों का समर्थन किया है। उन्होंने आने ट्विटर एकाउंट पर मिशिगन, वर्जिनिया और मिनेसोटा को 'आज़ाद' करने की बात कही थी।

अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित है। यहाँ अब 760,000 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं, और 40,000 लोगों की मौत हो चुकी है। लॉकडाउन की वजह से बेरोज़गारी में भी बढ़ोतरी हुई है, और पिछले महीने से बेरोज़गारी भत्ते के लिए 22 मिलियन से ज़्यादा लोगों ने अपना नाम भरा है।

साभार :पीपल्स डिस्पैच

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