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यूक्रेन में बढ़ते रूसी हमले को लेकर अमेरिका ने रूस को मारा ताना

वाशिंगटन द्वारा यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ते टकराव पर की गई टिप्पणी ने मास्को को एक दुविधा में डाल दिया है क्योंकि यदि इसका जवाब नहीं दिया जाता है, तो ज़ेलेंस्की क्रीमियन ब्रिज को निशाना बना सकता है।
ukraine
20 अगस्त, 2022 को एक यूएवी द्वारा, रूस के काला सागर बेड़े, सेवस्तोपोल, क्रीमिया, के मुख्यालय की छत पर किया हमला  

सैन्य शब्दावली में क्रूड स्थानीय जगह पर बनाए गए ड्रोन को कहा जाता है। एक या दो देश-निर्मित ड्रोन को क्रीमिया की असुरक्षित साइटों पर गिरा दिया गया है, जो यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान की बड़ी तस्वीर में बड़े हमले शुरू किए जाने का बहाना बन गया है। लेकिन इसके कुछ परिणाम गहरे भी हो सकते हैं।

नज़र डालें तो शुरुआत में इस टकराव को वाशिंगटन की मंजूरी मिली है। इसकी तसदीक इस बात से होती है कि बाइडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नैटसेक डेली को बताया कि अगर कीव आवश्यक समझें तो अमेरिका क्रीमिया पर हमले का समर्थन कर सकता है। "हम निश्चित रूप से लक्ष्य करने को नहीं चुनते हैं, और हमने जो कुछ भी सहायता दी है वह आत्मरक्षा उद्देश्यों के लिए है। वे कहते हैं कि कोई भी लक्ष्य या हमला जिसे वे चुनते हैं, उनकी परिभाषा के अनुसार वह हमला संप्रभु यूक्रेनी धरती पर होगा।”

लेकिन वाशिंगटन जानता है - और भी मास्को जानता है कि किसी भी कुतर्क की तरह, यह भी एक चतुर तर्क है लेकिन स्वाभाविक रूप से भ्रामक और बहकावे वाला है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने क्रीमिया पर ड्रोन हमले की व्याख्या राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व को एक चुनौती के रूप में की है। द टाइम्स ने लिखा है कि क्रीमिया के हमलों ने "क्रेमलिन पर घरेलू राजनीतिक दबाव बढ़ा दिया है, जिसे युद्ध के बारे में आलोचना और बहस के साथ सोशल मीडिया पर तेजी से फैलाया जा रहा है और इस बात को रेखांकित करता है कि रूसी सरकार जिसे वह रूसी क्षेत्र मानती है, वह भी सुरक्षित नहीं है।"

टाइम्स ने दावा किया कि "जैसे ही नीले क्रीमियन आकाश में एंटीएयरक्राफ्ट आग की लकीरें दिखाई दी, सोशल मीडिया के माध्यम से युद्ध की वास्तविक तस्वीर रूसियों के लिए अधिक से अधिक स्पष्ट हो रही थी - जिनमें से कई जो क्रेमलिन की लाइन के पीछे लामबंद हो गए थे, उन्होने उस घरेलू मीडिया पर हमला किया जो कहता था कि यूक्रेन को नाज़ी वर्चस्व से बचाने के लिए "विशेष सैन्य अभियान" सुचारू रूप से और योजना के अनुसार चल रहा है।"

अखबार ने मास्को में एक प्रमुख संस्था थिंक-टैंक के हवाले से स्वीकार किया है कि क्रीमियन हमला एक "गंभीर" घटना है, क्योंकि "लोगों को लगने लगा है कि युद्ध उनके पास आ रहा है।" यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने शनिवार को एक राष्ट्रव्यापी संबोधन में दावा किया: "क्रीमिया की हवा में कोई सचमुच महसूस कर सकता है कि वहां का कब्जा अस्थायी है, और यूक्रेन अब लौट रहा है।"

एक बार फिर जहां रूस यूक्रेन में जमीनी युद्ध में लगातार जीत हासिल कर रहा है, वहीं अमेरिका ने सूचना युद्ध नहीं हारने की ठानी है। वाशिंगटन की गणना में, इस इंटरनेट युग में, युद्ध को अंततः रूसी लोगों के दिमाग में जीता जाना है। इसलिए, वाशिंगटन द्वारा टकराव बढ़ाने पर टिप्पणी से मास्को को एक दुविधा में डाल दिया है, क्योंकि यदि इसका जवाब नहीं दिया जाता है, तो ज़ेलेंस्की मुख्य भूमि रूस में क्रास्नोडार के तमन प्रायद्वीप को क्रीमिया के केर्च प्रायद्वीप के साथ जोड़ने वाले 19 किलोमीटर लंबे क्रीमियन पुल को लक्षित कर सकता है।
 
वास्तव में यह लगभग निश्चित है। बात यह है कि केर्च पुल रूसी लोगों की चेतना में "पुतिन का पुल" है। मई 2018 में औपचारिक रूप से कार यातायात के लिए पुल खोलते समय, पुतिन को श्रमिकों को यह कहते हुए उद्धृत किया गया था: "विभिन्न ऐतिहासिक युगों में, यहां तक कि ज़ार के तहत भी, लोगों ने इस पुल के निर्माण का सपना देखा था। फिर वे 1930, 40, 50 के दशक में इस पर लौट आए थे। और अंत में, आपके काम और आपकी प्रतिभा की बदौलत चमत्कार हुआ है।”

इसलिए पुतिन के चारों ओर के प्रभामंडल को पंचर करने का इससे बेहतर तरीका कोई नहीं है कि कम से कम केर्च पुल को काला सागर के तल में डुबो दिया जाए। इस बीच अमेरिकी दृष्टिकोण में क्रीमिया पर कीव के ड्रोन हमले पहले से ही तीन उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं। सबसे पहले यह रूसी मनोबल को एक झटका है। दरअसल रूस के भीतर पुतिन की भारी लोकप्रियता बाइडेन प्रशासन के लिए आंखों की किरकीरी बन गई थी।

रूसी अर्थव्यवस्था को संकट की स्थिति से बाहर निकालने में पुतिन की महारत एक अविश्वसनीय उपलब्धि है, जिसने अमेरिकी नज़र में शक्ति के सभी तर्कों को धता बता दिया था। रूस में मुद्रास्फीति लगातार गिर रही है (जो यूरोपीय देशों और अमेरिका के विपरीत है); सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट कम हो रही है; विदेशी भंडार बढ़ रहा है; चालू खाता प्लस साइड पर है; और तो और बाइडेन प्रशासन का तथाकथित "परमाणु विकल्प" - स्विफ्ट मैसेजिंग सिस्टम से रूस का निष्कासन - विदेशी व्यापार को पंगु बनाने में विफल रहा है।

दूसरा, वाशिंगटन और कीव दोनों ही ध्यान भटकाने के लिए "सफलता" की कहानियों के लिए लगातार सख्त हाथ-पांव मार रहे हैं। द टाइम्स की प्ले अप स्टोरी खुद यह बोलती है। वास्तव में रूस के डोनबास आक्रमण ने एक नई गति पैदा की है और वह लगातार यूक्रेनी सेना को कुचल रहा है। सप्ताह के भीतर रूसी सेनाओं ने यूक्रेनी रक्षा लाइन, बखमुट शहर के लिंचपिन को घेर लिया होगा, जो डोनबास में सैन्य गतिविधियों और आपूर्ति रसद के लिए एक संचार केंद्र है। रूसी सेना शहर के बाहरी इलाके में उत्तर, पूर्व और दक्षिण से पहुंच गई है। बखमुट का पतन ज़ेलेंस्की के लिए एक करारी हार होगी।
 
दूसरी ओर, दो महीने बाद भी जब ज़ेलेंस्की ने क्रीमिया के पास खेरसॉन पर "जवाबी कार्रवाई" का वादा किया था, वह कहीं भी पूरा नहीं हुआ है। यहां तक कि पश्चिमी मीडिया में उनके सबसे उत्साही समर्थक भी निराश महसूस कर रहे हैं। निश्चित रूप से, यूरोप में मोहभंग बढ़ रहा है।

हंगेरियन प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन, निस्संदेह आज सबसे चतुर यूरोपीय राजनेता बन गए हैं (जिसकी अर्थव्यवस्था में 6 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है जबकि शेष महाद्वीप मंदी में फंसा हुआ है), ओर्बन ने जर्मन पत्रिका टिचिस इनब्लिक को पिछले हफ्ते एक साक्षात्कार में बताया था कि इस युद्ध ने "पश्चिमी श्रेष्ठता" का अंत कर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने बिग ऑयल को "युद्ध मुनाफाखोर" के रूप में कहा और कहा कि एक्सॉन ने अपने मुनाफे को दोगुना कर लिया है, शेवरॉन चौगुना हो गया है, और कोनोकोफिलिप्स का मुनाफा कई गुना बढ़ गया। (बेशक, तीनों अमेरिकी कंपनियां हैं।) ओर्बन का संदेश स्पष्ट था: अमेरिका ने यूरोपीयन यूनियन को कमजोर कर दिया है। यह विचार आज कई यूरोपीय राजनेताओं को परेशान कर रहा होगा।

तीसरा, वाशिंगटन ने लोहे का दस्ताना काफी सोच-समझ कर नीचे फेंक दिया है। टाइम्स के मुताबिक, ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे युद्ध को औसत अमेरिकियों के ड्राइंग रूम में लाया जा सके जैसा कि रूस में हो रहा है। दो दिन पहले एक उच्च-सटीक रूसी मिसाइल हमले में खार्किव में बीस अमेरिकी मारे गए थे, लेकिन अर्लिंग्टन कब्रिस्तानकोई भी बॉडी बैग लौटने नहीं जा रहे हैं; न ही यह सहकारी अमेरिकी मीडिया में सुर्खियां बटोरता है।

अमेरिका की योजना टकराव को बढ़ाने की है। यह टकराव, रूसी जीत को रोकने का बाइडेन  प्रशासन का आखिरी मौका है। अमेरिकी रणनीतिक विचारक और अकादमिक जॉन मियरशाइमर ने लिखा है कि विनाशकारी टकराव में वृद्धि का जोखिम "पारंपरिक ज्ञान की तुलना में काफी अधिक है। और यह देखते हुए कि टकराव में वृद्धि के परिणामों में यूरोप में एक बड़ा युद्ध और संभवतः परमाणु विनाश भी शामिल हो सकता है, जो अतिरिक्त चिंता का एक अच्छा कारण है।"

मास्को की प्राथमिकता किसी भी टकराव में वृद्धि से बचने की है, क्योंकि विशेष सैन्य अभियान परिणाम हासिल कर रहा है। जबकि, यह अमेरिका है जो कुछ निराशा में है, और वह चाहता है कि सितंबर में खेरसॉन और ज़ापोरोज़े में जनमत संग्रह कराने की रूस की योजना को तत्काल रोक दिया जाना चाहिए। यहां एक खतरा दिखाई देता है।

जपोरोज़्हये परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर अमेरिका की वर्तमान तैनाती किसी बिंदु पर सीधे युद्ध में हस्तक्षेप करने के लिए एक छिपे हुए एजेंडे की ओर इशारा करता है। जपोरोज़्हये में परमाणु विस्फोट की व्यवस्था करने के कीव के प्रयास को केवल इसी प्रकाश में देखा जा सकता है। ऐसा लगता है कि मास्को ऐसी घटना की उम्मीद कर रहा है।

रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने शनिवार को खुलासा किया कि रूस ने सिर्कोन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया है और पहले से ही उन्हें तैनात कर रहा है। अमेरिका में सिर्कोन का मुकाबला करने की क्षमता का अभाव है, जिसके कि टॉमहॉक की तुलना में 11 गुना तेज होने का अनुमान है, जो कि बेहतर लक्ष्य-प्रवेश विशेषताओं के साथ है। हो सकता है कि शोइगू ने कड़ी चेतावनी दी हो कि यूक्रेन में नाटो हस्तक्षेप होने पर रूस नहीं झुकेगा या चुप नहीं बैठेगा।

मूल रूप से अंग्रेज़ी में प्रकाशित लेख को नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर पढ़ा जा सकता हैः

US Taunts Russia to Escalate in Ukraine

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