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यूक्रेन-रूस घटनाक्रम: रूस को अलग-थलग करने की रणनीति, युद्ध अपराधों पर जांच करेगा आईसीसी

अमेरिका ने जासूसी के आरोप में 12 रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने की घोषणा की है। रूस की कई समाचार वेबसाइट हैक हो गईं हैं जिनमें से कुछ पर रूस ने खुद रोक लगाई है। तो वहीं संयुक्त राष्ट्र के दुलर्भ सत्र में रूस पर यूक्रेन में युद्ध रोकने का दबाव बनाया गया। 
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बैंकिंग से खेल संघ तक...‘वोदका’ पर भी लगा प्रतिबंध

रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद दुनिया ने एकजुट होने और जटिल आपूर्ति श्रृंखलाओं, बैंकिंग, खेल और गहरे संबंध के अनगिनत अन्य धागों से एक साथ जुड़े होने के स्पष्ट संकेत दिए हैं।

रूस को अलग-थलग करने के लिए तमाम देश उस पर कई कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं, जिससे वह कई मोर्चों पर दुनिया से अचानक कट गया है। बैंक क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी क्षमताएं कम हो गई हैं। प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खेलों में उसकी भागीदारी चरमरा रही है। यूरोप में उसके विमानों पर रोक लगा दी गई है। उसकी ‘वोदका’ (एक तरह की शराब) का अमेरिकी राज्यों ने आयात बंद कर दिया है। यहां तक कि स्विटजरलैंड, जो अपनी तटस्थता के लिए पहचाना जाता है वह भी सावधानी से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुंह मोड़ रहा है।

केवल पिछले तीन दिन में कई बड़े कदम उठाए गए हैं। कई देशों की सरकारों से लेकर कई गठबंधनों, संगठनों आदि ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। कई मायने में ये प्रतिबंध ईरान और उत्तर कोरिया के खिलाफ लगे प्रतिबंधों से भी कहीं अधिक कड़े हैं।

यूरोपीय देशों ने, विशेष रूप से इस मुद्दे पर एकजुट होकर, अपने हवाई क्षेत्र में रूसी विमानों पर रोक लगा दी है। स्विफ्ट (सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्यूनिकेशन) अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली ने सप्ताहांत में प्रमुख रूसी बैंकों को प्रतिबंधित कर दिया था, जो कि रूस के लिये एक बड़ा झटका है। यह दुनिया भर के 11,000 से अधिक बैंकों और अन्य संस्थानों के लिए अरबों डॉलर के लेन-देन में सक्षम है। वहीं, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, जापान, यूरोपीय संघ और अन्य देश अमेरिका के साथ मिलकर प्रतिबंधों के जरिए रूस के केन्द्रीय बैंक को निशाना बना रहे हैं।

खेलों की बात करें तो, सोमवार को विश्व एवं यूरोपीय निकायों ने 2022 विश्व कप के ‘क्वालीफाइंग’ मैच सहित सभी अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल प्रतियोगिताओं से रूसी टीम को निलंबित कर दिया। इससे पहले, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने खेल संगठनों से रूसी एथलीटों और अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय आयोजनों से बाहर करने का आह्वान किया था। अंतरराष्ट्रीय आइस हॉकी महासंघ और राष्ट्रीय हॉकी लीग ने भी रूस के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीयों के निकासी अभियान में वायुसेना को लगाया मोर्चे पर
 

यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामक सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी यूरोपीय देश में फंसे भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए वायुसेना को मोर्चे पर जुट जाने को कहा है।
        
उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना, यूक्रन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाए जा रहे ‘‘आपरेशन गंगा’’ नामक इस अभियान के तहत, कई सी-17 विमान तैनात कर सकती है।
         
गौरतलब है कि 24 फरवरी को रूस द्वारा हमला करने के बाद यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया से लगी उसकी (यू्क्रेन की) सीमा चौकियों के जरिए वहां से बाहर निकाल रहा है।
 
यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार की ओर से ‘‘ऑपरेशन गंगा’’ चलाया जा रहा है।
         
सूत्रों ने बताया कि निकासी अभियान में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय वायुसेना से इस अभियान का हिस्सा बनने को कहा है।
         
संकट के मद्देनजर लोगों को निकालने के साथ-साथ, भारतीय वायुसेना के विमान मानवीय सहायता संबंधी सामान पहुंचाने के लिए भी काम करेंगे।
         
प्रधानमंत्री मोदी ने चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में पहुंच कर भारतीयों को सुरक्षित एवं सुगम तरीके से निकालने में समन्वय करने की जिम्मेदारी दी है। इसके तहत, केंद्रीय मंत्री वी के सिंह पोलैंड में, किरेन रिजिजू स्लोवाकिया में, हरदीप पुरी हंगरी में जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और माल्डोवा में समन्वय करेंगे।
        
रूस की गोलाबारी में 70 यूक्रेनी सैनिकों की मौत
 
रूसी तोपों द्वारा खारकीव और कीव के बीच सुमी प्रांत के ओखतिरका में एक सैन्य अड्डे पर किए गए हमले में 70 से अधिक यूक्रेनी सैनिकों की मौत हो गई है।
         
सुमी प्रांत के गवर्नर दमित्रो झिवित्स्की ने ‘टेलीग्राम’ पर यह जानकारी दी। उन्होंने जली हुई चार मंजिला इमारत और मलबे में लोगों की तलाश करते बचावकर्मियों की तस्वीरें पोस्ट कीं। बाद में उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि रविवार को युद्ध के दौरान कई रूसी सैनिक और कई स्थानीय नागरिकों की भी मौत हो गई। इस रिपोर्ट की तत्काल पुष्टि नहीं हो पाई है।
         
न्यूयॉर्क-- तीन बड़े हॉलीवुड स्टूडियो ने ‘द बैटमैन’ समेत रूस के सभी थियेटर में अपनी फिल्मों की रिलीज रोक दी है।
         
‘वार्नर ब्रदर्स’, ‘द वॉल्ट डिजनी कंपनी’ और ‘सोनी पिक्चर्स’ ने सोमवार को कहा कि वे रूस में अपनी फिल्मों की रिलीज़ ‘‘रोक’’ रहे हैं। 

कैनबरा-- ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने मंगलवार को कहा कि उनका देश रूस का मुकाबला करने के लिए यूक्रेन को पांच करोड़ डॉलर की मिसाइल, हथियार और अन्य सैन्य उपकरण मुहैया कराएगा। 
         
मॉरिसन ने कहा, ‘‘इन हथियारों में से अधिकतर घातक श्रेणी में आते हैं।’’
         
इससे पहले मॉरिसन ने यूक्रेन को पिछले सप्ताह केवल गैर-घातक सैन्य उपकरण मुहैया कराने का ही वादा किया था।
         
वॉशिंगटन--अमेरिका में यूक्रेन के राजदूत ओकसाना मारकारोवा ने अमेरिकी सीनेटरों से कहा कि उनके देश को और सैन्य अधिकारों की आवश्यकता है। अमेरिकी संसद संकट के दौरान यूक्रेन की मदद करने के लिए पूरक निधि मुहैया कराने की तैयारी कर रही है। इसके लिए व्हाइट हाउस 6.4 अरब डॉलर की सैन्य एवं मानवीय सहायता चाहता है।
         
अमेरिकी खुफिया समिति के अध्यक्ष एवं सांसद मार्क वार्नर ने कहा, ‘‘उन्हें (यूक्रेन को) और हथियार चाहिए।’’
        
अमेरिका ने जासूसी के आरोप में 12 रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने की घोषणा की
 
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में रूसी मिशन के 12 सदस्यों को जासूसी में शामिल ‘‘खुफिया अधिकारी’’ होने के आरोप में सोमवार को निष्कासित करने की घोषणा की।
         
यूक्रेन पर रूस के हमले के पांचवें दिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने यह कदम उठाया है। रूस के हमले की अमेरिका और कई अन्य देशों ने निंदा की है।
         
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन ने एक बयान में कहा कि रूसी राजनयिकों ने ‘‘जासूसी गतिविधियों में शामिल होकर अमेरिका में रहने के अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है, जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नुकसानदेह है।’’
        
मिशन ने कहा कि निष्कासन की प्रक्रिया ‘‘कई महीनों से जारी’’ थी और 193 सदस्यीय विश्व निकाय के मेजबान के रूप में संयुक्त राष्ट्र के साथ अमेरिका के समझौते के अनुरूप है।
         
इस मामले में रूस के राजदूत वासिली नेबेंजिया से उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) से कहा कि रूसी अधिकारी जासूसी में शामिल थे। उन्होंने कहा, ‘‘ जब भी वे किसी व्यक्ति को अवांछित घोषित करते हैं, तो यही बहाना बनाते हैं। वे यही एकमात्र स्पष्टीकरण देते हैं।’’
         
यह पूछे जाने पर कि क्या रूस इसे लेकर जवाबी कार्रवाई करेगा, उन्होंने कहा, ‘‘यह मुझे नहीं तय करना है, लेकिन राजनयिक प्रक्रिया में यह आम बात है।’’
         
नेबेंजिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से सोमवार को कहा कि उन्हें ‘‘रूसी मिशन के खिलाफ मेजबान देश के एक अन्य शत्रुतापूर्ण कदम’’ के बारे में अभी सूचना मिली है। उन्होंने इस कदम को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के बीच हुए समझौते और राजनयिक संबंधों को नियंत्रित करने वाली वियना संधि का ‘‘गंभीर उल्लंघन’’ बताया।
         
नेबेंजिया के इस बयान में बाद अमेरिकी उपराजदूत रिचर्ड मिल्स ने निष्कासन संबंधी फैसले की पुष्टि की।
         
रूस की कई समाचार वेबसाइट हैक, कुछ पर रूस ने खुद लगाई रोक

रूस की कई समाचार वेबसाइट सोमवार को हैक हो गईं। इन वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ पर एक संदेश आने लगा, जिसमें यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा की गई थी।
         
वहीं, युद्ध को लेकर दिखाई जा रही खबरों से नाखुश रूस ने कुछ मीडिया मंचों पर रोक भी लगा दी है।
         
मीडिया में ऐसा हस्तक्षेप रूस की आम जनता के बीच बढ़ती युद्ध-विरोधी भावना का संकेत है। हालांकि, वेबसाइट हैक करने के पीछे किसका हाथ है, यह अभी तक पता नहीं चल पाया है। साथ ही, यह असहमति को दबाने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सरकार के प्रयासों का प्रमाण भी है।
         
रूस के संचार मंत्रालय और मीडिया निगरानी समूह ‘रोसकोम्नाडज़ोर’ ने युद्ध को लेकर दिखाई जा रही खबरों के मद्देनजर कई रूसी और यूक्रेनी मीडिया संगठनों पर रोक लगा दी है।
         
क्रेमलिन की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने वाली रूसी पत्रिका ‘द न्यू टाइम्स’ पर यूक्रेन में रूसी सैन्य हताहतों के बारे में विवरण देने के कारण रोक लगा दी गई, जिसका रूसी रक्षा मंत्रालय ने अभी तक खुलासा नहीं किया है।
         
रूस में पिछले चार दिनों से आक्रमण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जबकि लगभग 10 लाख लोगों ने युद्ध को समाप्त करने की मांग करते हुए एक ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं।
         
रूस में इन प्रदर्शनों में शामिल कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं, अधिकारियों ने सोशल मीडिया मंच पर पाबंदियां लगाई हैं और स्वतंत्र समाचार साइट को बंद करने की धमकी दी है।
         
स्वतंत्र समाचार साइट ‘मेडुज़ा’ ने हैक की गई कुछ वेबसाइट के मुख्य पृष्ठों पर दिख रहे संदेश साझा किए। 
         
इस संदेश में लिखा है, “प्रिय नागरिकों। हम आपसे निवेदन करते हैं कि यह पागलपन बंद करें और अपने बेटों और पति को मरने के लिए ना भेजें। कुछ वर्ष में हम उत्तर कोरिया की तरह हो जाएंगे। इससे हमें क्या फायदा है? क्या पुतिन का नाम इतिहास में दर्ज होगा? यह युद्ध हमारे लिए नहीं है, इसे रोकें।’’
         
हैक की गई कई वेबसाइट को एक घंटे में बहाल कर लिया गया। सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने कहा, ‘‘ इस संदेश में वास्तविकता से जुड़ा कुछ नहीं था।’’
         
संयुक्त राष्ट्र के दुलर्भ सत्र में रूस पर यूक्रेन में युद्ध रोकने का बनाया गया दबाव
 
संयुक्त राष्ट्र महासभा के बुलाए गए दुलर्भ आपात सत्र में उस प्रस्ताव का कई देशों के राजदूतों ने समर्थन किया है जिसमें रूस से यूक्रेन के साथ युद्ध को रोकने की मांग की गई है।
        
वर्ष 1997 के बाद पहली बार बुलाए गए महासभा के आपात सत्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लित्स्या ने कहा, ‘‘अगर यूक्रेन नहीं रहा.... तो अंतरराष्ट्रीय शांति भी नहीं रहेगी।’’
        
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई भ्रम नहीं है, अगर यूक्रेन नहीं रहा तो हमें आश्चर्य नहीं होगा अगर अगली बार लोकतंत्र असफल होता है।’’
         
वैश्विक स्तर पर यूक्रेन मामले को लेकर बढ़ी चिंता को प्रतिबिंबित करते हुए संयुक्त राष्ट्र के दो अहम निकाय 193 सदस्यीय महासभा और छोटा लेकिन अधिक शक्तिशाली सुरक्षा परिषद ने असमान्य कदम उठाए हैं, जो अकसर युद्ध की स्थिति में उठाने के लिए होते हैं। 
         
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने भी अपना आपात सत्र बुलाने के लिए मतदान किया है। 
        
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने और रूस द्वारा वीटो करने के तीन दिन बाद महासभा का सत्र बुलाया गया। 
        
महासभा का आपात सत्र बुलाने का 110 से अधिक देशों ने समर्थन किया और मंगलवार से विभिन्न देश इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने की शुरुआत करेंगे। महासभा में किसी भी सदस्य को वीटो का अधिकार नहीं होता है और इस प्रस्ताव पर सप्ताहांत में मत विभाजन होने की उम्मीद है। इस प्रस्ताव को तैयार करने में यूरोपीय संघ के राजदूतों ने यूक्रेन के साथ काम किया। 
         
एसोसिएटेड प्रेस को प्राप्त मसौदा प्रस्ताव के मुताबिक रूस से तत्काल यूक्रेन के खिलाफ बल प्रयोग को रोकने और सभी सैनिकों को वापस बुलाने की मांग की गई है।
         
महासभा के अध्यक्ष अब्दुल शाहिद ने सोमवार को सत्र की शुरुआत राजदूतों से कुछ समय मौन खड़े होने के आह्वान के साथ की।
         
रूस ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर की बमबारी, राजधानी कीव पर बढ़ा खतरा
 
रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर सोमवार को बमबारी की। इसके साथ ही रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव के और करीब पहुंच गई है और करीब 40 मील के काफिले में रूस के टैंक और अन्य सैन्य वाहन कूच कर रहे हैं। 
         
वहीं, युद्ध को रोकने के लिए चल रही वार्ता केवल आगे की दौर की वार्ता पर सहमति बनने के साथ ही समाप्त हो गई है। 
         
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि बमबारी में वृद्धि केवल उनपर दबाव बनाने के उद्देश्य से की गई है।
         
उन्होंने सोमवार को देर रात जारी वीडियो संदेश में कहा, ‘‘रूस इन आसान तरीकों से (यूक्रेन पर) दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। जेलेंस्की ने हालांकि दिन में दोनों पक्ष के बीच हुई लंबी वार्ता की जानकारी नहीं दी लेकिन उन्होंने कहा कि कीव कोई रियायत देने को तैयार नहीं है, वह भी तब जब एक ओर रॉकेट और तोप से हमले किए जा रहे हैं। 
         
उल्लेखनीय है कि गत पांच दिन से जारी युद्ध से रूस अलग-थलग पड़ता जा रहा है जबकि यूक्रेन से भी उसे अप्रत्याशित रूप से प्रतिरोध का सामना करना पड़ा रहा है। घरेलू स्तर पर रूस को आर्थिक रूप से भी झटका लगा है। 
        
बेलारूस की सीमा पर सोमवार को जब रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता हो रही तब कीव में धमाके सुनाई दे रहे थे और रूसी सैनिक 30 लाख की आबादी वाली यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर बढ़ रहे थे। 
         
जेलेंस्की ने कहा, रूसियों के लिए कीव ‘‘मुख्य लक्ष्य’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘वे हमारे देश की राष्ट्रीयता को खंडित करना चाहते हैं और इसलिए राजधानी लगातार खतरे में है।’’ 
         
यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े और करीब 15 लाख आबादी वाले शहर खारकीव से आए वीडियो में दिख रहा है कि रिहायशी इलाकों में बमबारी हो रही है। जोरदार धमाकों से लगातार अपार्टमेंट इमारतों में कंपन हो रहा है और आसमान में आग और धुएं का गुबार दिखाई दे रहा है। 
        
खारकीव के अधिकारियों ने बताया कि हमले में सात लोगों की मौत हुई है और दर्जनों अन्य घायल हुए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। 
         
वहीं, रूसी सेना ने घरों, स्कूलों और अस्पतालों पर बमबारी की कई तस्वीरें सामने आने के बावजूद रिहायशी इलाकों को निशाना बनाने से इंकार किया है। 
         
यूक्रेन के अन्य शहरों और कस्बों में भी लड़ाई चल रही है। जेलेंस्की के सलाहकार ओलेक्सी अरेस्टोविच ने बताया कि रणनीति रूप से अहम और अजोव सागर के किनारे स्थित बंदरगाह शहर मारियुपोल की स्थिति ‘अधर में’ है। पूर्वी शहर समी के तेल डिपो पर बमबारी की भी खबर है। 

यूक्रेन में युद्ध अपराधों के मामले में जांच शुरू करेंगे आईसीसी अभियोजक

अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत (आईसीसी) के मुख्य अभियोजक ने सोमवार को कहा कि उनकी यूक्रेन में मानवता के खिलाफ संभावित युद्ध अपराधों और अन्य अपराधों की ‘‘जल्द से जल्द’’ जांच शुरू करने की योजना है।

अभियोजक करीम खान ने एक बयान में कहा कि जांच में रूसी हमले के पहले किए गए कथित अपराधों की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि ‘‘हालिया दिनों में संघर्ष के विस्तार के मद्देनजर मेरा इरादा है कि इस जांच में यूक्रेन के किसी भी हिस्से में संघर्ष के किसी भी पक्ष द्वारा किए गए उन कथित अपराधों को भी शामिल किया जाएगा, जो मेरे कार्यालय के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।’’

अदालत ने रूस समर्थक यूक्रेनी प्रशासन द्वारा 2013-14 में कीव में किए गए यूक्रेन समर्थक प्रदर्शनों को हिंसक तरीके से दबाने से जुड़े अपराधों और क्रीमिया तथा पूर्वी यूक्रेन में कथित अपराधों की प्रारंभिक जांच पहले ही कर ली है।

तत्कालीन आईसीसी अभियोजक फ़तू बेन्सूडा ने दिसंबर 2020 में कहा था कि जांच से संकेत मिले हैं कि यूक्रेन में ‘‘मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराध व्यापक स्तर पर किए गए हैं, जो अदालत के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।’’

खान ने कहा कि वह पूर्व अभियोजक द्वारा की गई जांच को फिर से खोलना चाहते हैं और इसमें पिछले सप्ताह यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से हुए अपराधों को भी शामिल किया जाएगा।     

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट ने कहा कि उनके कार्यालय ने पुष्टि की है कि बृहस्पतिवार से यूक्रेन में रूस के आक्रमण में सात बच्चों सहित 102 नागरिकों की मौत हो चुकी है और 304 अन्य घायल हुए हैं। 

रूस और यूक्रेन अदालत के 123 सदस्य देशों में नहीं हैं, लेकिन यूक्रेन ने अदालत के अधिकार क्षेत्र को स्वीकार किया है, जिसके कारण खान के पास जांच करने का अधिकार है।

खान ने कहा कि उनका अगला कदम जांच शुरू करने के लिए अदालत के न्यायाधीशों से इसका प्राधिकार लेना होगा।

भारत मंगलवार को यूक्रेन के लिए मानवीय सहायता रवाना करेगा

भारत ने सोमवार को, यूक्रेन में मानवीय सहायता भेजने का निर्णय लिया। पूर्वी यूरोप के इस देश में रूस के हमले के कारण हजारों लोग सीमावर्ती इलाकों की ओर जा रहे हैं जिससे वहां मानवीय संकट पैदा हो गया है।     

यूक्रेन में फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने के लिए किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा के वास्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि मंगलवार को मानवीय सहायता सामग्री भेजी जाएगी।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “प्रधानमंत्री ने इसका संज्ञान लिया कि यूक्रेन की सीमाओं पर मानवीय संकट से निपटने के लिए सहायता आपूर्ति की पहली खेप कल भेजी जाएगी।”

भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा द्वारा मानवीय सहायता की मांग करने के बाद भारत ने सहायता आपूर्ति की पहली खेप भेजने की घोषणा की।

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