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यूक्रेन संकट : वतन वापसी की जद्दोजहद करते छात्र की आपबीती

“हम 1 मार्च को सुबह 8:00 बजे उजहोड़ सिटी से बॉर्डर के लिए निकले थे। हमें लगभग 17 घंटे बॉर्डर क्रॉस करने में लगे। पैदल भी चलना पड़ा। जब हम मदद के लिए इंडियन एंबेसी में गए तो वहां कोई नहीं था और फोन करने पर एंबेसी वाले ने यह कहते हुए फोन काट दिया कि “मुझे कुछ नहीं पता.”
indian student in ukraine
फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

रूस और यूक्रेन की जंग को आज एक हफ्ता हो चुका हैं. इसके बावजूद, दोनों देशों के बीच एक दूसरे पर हमला करने की गति में कमी नहीं आई है। दोनों में से कोई भी पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं है।

इस बीच यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को भी वहां काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यूक्रेन में एयर स्ट्राइक होने के बाद यहां अफ़रा-तफ़री का माहौल पैदा हो गया है. और काफी छात्रों के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जो बेहद मुश्किल परिस्थितियों में वहां रहने को मजबूर है और सरकार और इंडियन एम्बेसी से मदद न मिलने की बातें कर रहे हैं.

हालांकि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार मिशन 'ऑपरेशन गंगा' भी चला रही है. कुछ फ्लाइट छात्रों को लेकर वापस आ चुकी हैं. ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक  दो हजार से ज्यादा भारतीयों को देश वापस लाया जा चुका है. लेकिन अभी भी हजारों छात्र युद्ध के बीच वहां मुश्किलों में रहने को मजबूर हैं.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के बयान के मुताबिक, छात्रों और अन्य लोगों को मिलाकर करीब 20 हजार से ज्यादा भारतीय यूक्रेन में रहते हैं। जिनमें से अभी भी करीब 15 हजार भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं। भारतीय दूतावास की ओर से लगातार इन छात्रों की सुरक्षा के लिए एडवाइजरी जारी की जा रही है। यूक्रेन में चल रही जंग के बीच मंगलवार को भारत  के लिए बेहद बुरी खबर आई।यूक्रेन में फंसे कर्नाटक के रहने वाले भारतीय छात्र नवीन की मौत हो गई। विदेश सचिव ने बताया कि नवीन नेशनल खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में फोर्थ ईयर के मेडिकल स्टूडेंट थे। उनके दोस्तों के अनुसार वो कुछ सामान लेने लाइन में खड़े थे जब उनकी मौत हुई।  जिससे छात्र और उनके परिजनों की चिंताएं और बढ़ गई हैं।

वैसे ही मुम्बई के एक छात्र जो यूक्रेन के उजहोड़ शहर में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं, ने हमसे अपनी व्यथा जाहिर की। उजहोड़ नेशनल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र रिजवान शेख ने फोन के जरिए हमें वहां की जानकारी दी।

रिजवान शेख ने मुझे बताया, “हम 1 मार्च को सुबह 8:00 बजे उजहोड़ सिटी से बॉर्डर के लिए निकले थे, जहां हमें लगभग 17 घंटे बॉर्डर क्रॉस करने में लगे, पैदल भी चलना पड़ा. हमारे ग्रुप में लगभग 25 छात्र सहित कुल 100 छात्र मौजूद थे. खाने-पीने के लिए लाइन लगानी पड़ रही थी. हम पिछले लगभग 1 हफ्ते से परेशान थे. साथ ही जब हम मदद के लिए इंडियन एंबेसी में गए तो वहां कोई नहीं था और फोन करने पर एंबेसी वाले ने यह कहते हुए फोन काट दिया कि “मुझे कुछ नहीं पता.”

यूक्रेन से छात्रों के कई वायरल वीडियो में वहां की पुलिस उनके साथ बदतमीजी और मारती नजर आ रही है. हालांकि रिजवान ने मार-पिटाई की खबर से इनकार किया लेकिन बताया कि  "हमारे साथ भी धक्का-मुक्की की गई थी. इसके अलावा बॉर्डर पर भी यूक्रेन की पुलिस पहले यूक्रेन के लोगों को ही बॉर्डर पार करा रही थी."

कल नवीन की मौत की खबर से भी वहां फंसे भारतीय स्टूडेंट अपसेट और दुखी हैं. रिजवान ने बताया, “नवीन की मौत की खबर से हमें भी आज यह महसूस हुआ कि हम यहां कितने असुरक्षित माहौल में है. साथ ही हम परेशान हैं और हमारी संवेदनाएं उसके परिवार के साथ हैं.”

इसके अलावा नवीन की मौत के बाद यूक्रेन में फंसी डॉक्टर पूजा प्रहराज ने सरकार की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए अभिनेता सोनू सूद से मदद मांगी. पूजा ने पीएमओ और विदेश मंत्री एस जयशंकर को टवीटर पर टैग करते हुए लिखा, "6 दिन हो गए हैं। हम अपनी भारतीय सरकार से मदद की भीख माँग रहे हैं, लेकिन उन्होंने एक भी कदम नहीं उठाया है. आज एक मर गया, कल 100 और उसके बाद 1000. क्या आप अपनी (छात्र) निकासी योजना से हमारे 4000 शव लेने की प्रतीक्षा कर रहे हैं? सोनू सूद कृपया हमारी मदद करें.?"

देश वापसी की स्थिति के बारे में पूछने पर रिजवान ने बताया, "हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया से भारत आने की अनुमति मिल रही है. जिसमें हंगरी से आने के ज्यादा चांस हैं. हम फिलहाल हंगरी बॉर्डर पार कर राजधानी बुडापेस्ट आ चुके हैं और फिलहाल रहने एक हॉस्टल मिल गया है और अब यहां सेफ भी फील कर रहे हैं. लेकिन अभी भी सरकार का निकासी का सिस्टम बेहद धीमा है और बहुत छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं.”

वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों समेत कुछ लोगों ने भी आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने में देरी कर दी है. ख़ास तौर पर तब जब यूक्रेन में हफ़्तों से संकट के हालात बने हुए थे. साथ ही संकट के बीच भी पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम बड़े नेता चुनावी रैली कर रहे हैं. हालांकि इस मुद्दे पर पीएम मोदी ने हाई लेवल मीटिंग भी की. जिसमें विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर समेत विदेश मंत्रालय के कई सीनियर अफसर शामिल हुए.  विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न देशों में सरकार के प्रतिनिधि के रूप में चार वरिष्ठ मंत्रियों को भेजने का फैसला किया है.

इस बीच यूद्ध में यूक्रेन का दावा है कि उसने अब तक 5000 रूसी सैनिक मारे गए हैं. यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा है कि पिछले चार दिन की लड़ाई में 5,300 रूसी सैनिकों को मारा गया है. साथ ही रूस के सैंकड़ों टैंकर, लड़ाकू विमान और सैनिकों को ले जाने वाली हथियारबंद गाड़ियों को ध्वस्त करने का दावा किया गया है.

(मोहम्मद ताहिर दिल्ली स्थित स्वतंत्र पत्रकार है। वे पॉलिटिक्स, ह्यूमन राइट्स, माइनॉरिटी और सामाजिक विषयों आदि को कवर करते हैं।)

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