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‘पढ़े-लिखे को वोट दें’: वीडियो वायरल होने के बाद कंपनी ने अध्यापक को निकाला!

Unacademy ने ‘Code of Conduct’ के उल्लंघन का हवाला देकर अध्यापक करन सांगवान को निकाल दिया है। राजनीतिक हस्तियों समेत बड़ी संख्या में लोग अध्यापक के समर्थन में उतर आए हैं।
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शिक्षा और संवाद का एक बेहद ख़ास रिश्ता है। चर्चा और विचारों का आदान-प्रदान, सीखने-सिखाने के लिए बेहद ज़रूरी माना जाता है। लेकिन एक अध्यापक अपने छात्रों से एक अपील करता है, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होती है जिसके बाद ट्रोल आर्मी उनके पीछे पड़ जाती है और आख़िरकार अध्यापक को ‘नियमों के उल्लंघन’ का हवाला देकर निकाल दिया जाता है।

क्या है पूरा मामला?

पिछले दिनों एजुकेशनल प्लेटफॉर्म Unacademy पर लॉ यानी क़ानून पढ़ाने वाले अध्यापक करन सांगवान की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। वीडियो में करन सांगवान कह रहे हैं कि “इस बार किसी पढ़े-लिखे इंसान को ही वोट देना” इस वीडियो के वायरल होने के बाद ट्रोल आर्मी अध्यापक के पीछे पड़ गई और मामला इतना बढ़ा कि कंपनी ने उन्हें टर्मिनेट कर दिया जिसकी पुष्टि खुद Unacademy के को-फाउंडर ने की।

आपको बता दें Unacademy एक बड़ा एजुकेशनल प्लेटफॉर्म है जहां लगभग सभी तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारी करने वाले देश भर के लाखों अभ्यर्थी यहां ऑनलाइन कोर्सेस के माध्यम से पढ़ते हैं। करन सांगवान भी यहां बतौर एक Educator काम कर रहे थे। वह छात्रों को क़ानून पढ़ाते थे।

वायरल वीडियो में करन सांगवान अपने छात्रों को यह कहते नज़र आए कि “इस बार किसी पढ़े-लिखे इंसान को ही वोट देना।” हालांकि अध्यापक ने स्पष्ट तौर पर किसी का नाम नहीं लिया था लेकिन एक ख़ास ग्रुप के लोगों को यह नागवार गुज़रा और उन्होंने अध्यापक को सोशल मीडिया पर ट्रोल करना शुरू कर दिया और कहीं न कहीं कंपनी पर भी दबाव बनाना शुरू कर दिया। पहले नज़र डालते हैं वायरल वीडियो पर :

वायरल वीडियो:

अध्यापक के समर्थन में लोग

Unacademy द्वारा अध्यापक को निकाले जाने की ख़बर आने के बाद उनके समर्थन में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर मानों एक सैलाब सा उमड़ गया। बड़ी संख्या में लोगों ने अध्यापक का साथ दिया। इस फैसले से आक्रोशित लोगों ने X (ट्विटर) पर Unacademy को Uninstall करने की अपील की। X (ट्विटर) पर 2 लाख से अधिक लोगों ने हैशटैग #UninstallUnacademy पर ट्वीट किया जिसके बाद यह टॉप ट्रेंडिंग में रहा। इस मामले से जुड़े बाक़ी नाम भी ट्रेंडिंग में रहे।

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राजनीतिक जगत से तीखी प्रतिक्रिया

हैशटैग #UninstallUnacademy ने जब एक मुहिम का रूप ले लिया और यह सिलसिला आगे बढ़ा तो राजनीतिक जगत ख़ासतौर पर विपक्षी दलों के नेता अध्यापक करन सांगवान के समर्थन में आए और कंपनी के फैसले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी।

कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट किया, “पढ़े लिखे नेताओं को वोट करने की अपील भर करने के कारण हिसार के अध्यापक करन सांगवान को Unacademy ने नौकरी से निकाल दिया। न सरकार समय से भर्ती करती, न कोई रोज़गार की व्यवस्था। कोई सवाल उठाये तो इस तरह दबाव बनाकर प्रताड़ित किया जाता है। दुर्भाग्य की बात है कि देश में शिक्षकों को ये अपमान झेलना पड़ रहा है।” इस ट्वीट में आप वायरल वीडियो को भी देख सकते हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, “क्या पढ़े लिखे लोगों को वोट देने की अपील करना अपराध है? यदि कोई अनपढ़ है, व्यक्तिगत तौर पर मैं उसका सम्मान करता हूँ। लेकिन जनप्रतिनिधि अनपढ़ नहीं हो सकते। ये साइंस और टेक्नोलॉजी का ज़माना है। 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण अनपढ़ जनप्रतिनिधि कभी नहीं कर सकते।”

BRS नेता वाई सतीश रेड्डी ने ट्वीट किया, “एक शिक्षक को निलंबित करना बेहद अनुचित है जिसने केवल अशिक्षितों को वोट न देने का अनुरोध किया था। वे उचित स्पष्टीकरण के लिए उत्तरदायी हैं!”

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कंपनी के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, “जो लोग दबाव में झुक जाते हैं, वे कभी भी ऐसे नागरिकों का पोषण करने में मदद नहीं कर सकते जो इस दुनिया में सभी बाधाओं के खिलाफ खड़े होते हैं। ऐसे स्पाइनलेस और कमज़ोर लोगों को एजुकेशनल प्लेटफॉर्म चलाते हुए देखकर दुख होता है।”

राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, “विश्वगुरु बनने की चाहत रखने वाले देश में एक शिक्षक को नौकरी से सिर्फ़ इसलिए निकाल दिया जाता है कि उसने अपने छात्रों को ये कहा कि आप पढ़े लिखे लोगों को वोट देना। विज्ञान के इस युग में आख़िर कौन है जिसे अनपढ़ कहलाने से इतनी चिढ़ है?”

क्या कहा Unacademy के Co-Founder ने?

इस पूरे विवाद पर Unacademy के Co-Founder रोमन सैनी का बयान भी सामने आया जिसमें इस बात की पुष्टि हो गई कि अध्यापक करन सांगवान को प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है। रोमन सैनी X (ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं, “हम एक एजुकेशनल प्लेटफॉर्म हैं जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए हमने अपने सभी शिक्षकों के लिए एक सख्त Code of Conduct लागू किया है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे शिक्षार्थियों को निष्पक्ष ज्ञान तक पहुंच प्राप्त हो।”

सैनी कहते हैं, “क्लासरूम व्यक्तिगत राय और विचार साझा करने की जगह नहीं है क्योंकि वे उन्हें गलत तरीके से प्रभावित कर सकते हैं। वर्तमान स्थिति में, हमें करन सांगवान से अलग होने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि उन्होंने Code of Conduct का उल्लंघन किया था।”

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खैर इस पूरे विवाद पर अध्यापक करन सांगवान की तरफ से उनके यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर की गई जिसमें वह कह रहे हैं कि “वायरल वीडियो की वजह से मैं कॉन्ट्रोवर्सी में आ गया हूं। इस कॉन्ट्रोवर्सी की वजह से मैं इसके Consequences का सामना कर रहा हूं। ये विवाद किस वजह से शुरू हुआ, किस प्लेटफॉर्म से शुरू हुआ, इसकी सारी जानकारी डिटेल में एक वीडियो के माध्यम से 19 अगस्त को इसी यूट्यूब चैनल पर शेयर की जाएगी।”

इस पूरे विवाद को लेकर करन सांगवान की तरफ से 19 अगस्त को एक डिटेल वीडियो शेयर की जाएगी जिससे मामले की जानकारी और स्पष्ट रूप से सामने आएगी। लेकिन शिक्षा और राजनीतिक जगत से जुड़े कई लोगों ने खुले तौर पर अध्यापक का समर्थन किया है और कंपनी की कार्रवाई को ‘अनुचित’ बताया है।

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