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उत्तराखंड सुरंग: ऑगर मशीन टूटने से मैनुअल ड्रिलिंग पर टिकी उम्मीदें

ऑगर मशीन के अटके हिस्सों को हटाया जा रहा है। दिल्ली और झांसी से छह रैट होल खनिक श्रमिक पहुंचे।
Uttarakhand Tunnel
रविवार, 26 नवंबर, 2023 को उत्तरकाशी जिले में ध्वस्त सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है। तस्‍वीर: PTI

नई दिल्ली: उत्तरकाशी के सिलक्यारा में एक निर्माणाधीन सुरंग के अंदर 41 मजदूर फंसे हुए हैं। इस सुरंग का एक हिस्सा 15 दिन पहले ढह गया था। इस समय उत्तराखंड की पहाड़ियों में मौसम ठंडा होता जा रहा है।

बचाव कार्य को तब झटका लगा जब रविवार को ड्रिल करने के लिए इस्तेमाल की जा रही ऑगर मशीन के कुछ हिस्से फंस गए और टूट गए। फंसे हुए मजदूरों के परिवार उम्‍मीद बांधे हैं और उनके सकुशल बाहर निकलने के लिए दुआ कर रहे हैं।

सोमवार को अधिकारियों ने कहा कि वे अब फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू करेंगे। अधिकारियों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटी सुरंगों में प्रवेश करने और मैन्युअल रूप से खुदाई करने के लिए दिल्ली और झाँसी से कम से कम छह रैट होल खनिक श्रमिक आए हैं।

बरमा ड्रिल - एक कॉर्कस्क्रू जैसा उपकरण जिसके सामने के सिरे पर एक रोटरी ब्लेड होता है - जो मलबे में ड्रिलिंग कर रहा था, शुक्रवार शाम को फंस गया, जिससे अधिकारियों को 25 टन की मशीन छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रविवार रात 8.15 मीटर क्षेत्र से मलबे के कुछ हिस्सों को हटाया जाना बाकी था। मशीन के शाफ्ट और पंखों को पूरी तरह से निकालना मैन्युअल ड्रिलिंग और पाइपों को धकेलने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आवश्यक था जो लगभग 12 मीटर की दूरी के साथ अंतिम चरण में है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने कहा कि पहाड़ी के माध्यम से लंबवत ड्रिलिंग के बाद श्रमिकों के बचाव के लिए सुरंग की परत को काटना होगा। उन्होंने कहा, "अगर यह सफल रहा तो श्रमिकों को एक-एक करके निकाला जाएगा।"

बचाव कार्य को करीब से देख रहे एक अन्य अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ''सभी 41 श्रमिक अब तक सकुशल व सुरक्षित हैं। अब राशन का भंडारण किया जा रहा है और ऑक्सीजन पाइप बढ़ाया जा रहा है - यह सब एहतियाती उपायों का हिस्सा है।"

अंग्रेजी में प्रकाशित इस रिपोर्ट को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर‍ क्लिक करें:

Uttarakhand Tunnel: Hopes Rest on Manual Drilling to Save 41 Trapped Workers as Augur Machine Breaks

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