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विहिप, बीजेपी नेताओं की उप-चुनावों के मद्देनजर एक और राम रथ यात्रा निकालने की घोषणा

कांग्रेस ने भाजपा पर आगामी उप-चुनावों में वोट बटोरने के लिए आम लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।
राम रथ यात्रा

भोपाल: 3 नवंबर को मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के लिए होने जा रहे महत्वपूर्ण उपचुनावों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वैचारिक संरक्षक, संघ परिवार के एक अग्रणी सदस्य, विश्व हिंदू परिषद ने इस बीच ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के भिंड जिले में मंगलवार से राम मंदिर शिला पूजन रथ यात्रा का आयोजन आरंभ करने जा रही है। कुछ भाजपा नेता भी इस यात्रा में हिस्सा लेने वाले हैं।

हालाँकि विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि यह बीजेपी का हिन्दू मतों को अपने पक्ष में करने की हताशा भरी कोशिश मात्र है, वहीँ भगवा पार्टी का इस बारे में कहना है कि उसका इस यात्रा से आधिकारिक तौर पर कोई लेना-देना नहीं है।

इस दो दिवसीय धार्मिक यात्रा का शुभारंभ भिंड के दन्द्रोआ धाम मंदिर से शुरू होना है और समूचे जिले भर में इस यात्रा को गुजरना है। विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) नेता राम मिलन शर्मा और बीजेपी नेता रमेश दुबे ने 27 सितम्बर को एक प्रेस सम्मेलन में घोषणा की है कि यह रथ यात्रा जिले की गोहद और मेहगांव क्षेत्र के प्रत्येक पंचायत से होकर गुजरेगी। 

भिंड जिले की दो विधानसभा सीट- गोहद और मेहगांव भी बाकी के 26 सीटों के साथ 3 नवंबर के दिन उप-चुनावों में भाग ले रहे हैं। इन कुल 28 सीटों में से 16 विधानसभा सीटें ग्वालियर-चंबंल क्षेत्र में हैं।

रथ यात्रा का आयोजन कर रहे वीएचपी नेता राम मिलन शर्मा के अनुसार “इस रथ यात्रा का आयोजन हिन्दू भावनाओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो, यह प्रत्येक हिन्दू का सपना रहा है। आज जब यह सपना एक हकीकत का रूप ले रहा है तो हर कोई इसमें अपना योगदान करने को इच्छुक है।” वे आगे कहते हैं “इस यात्रा के साथ-साथ राम-सीता कथा एवं धार्मिक प्रवचन जैसे छोटे-मोटे कार्यक्रमों को भी आयोजित किये जाने की योजना है।” 

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आयोजकों ने सूचित किया है कि वाहनों को रथ के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाएगा और चाँदी सहित कुल आठ धातुओं से बनी ईंटों को भिंड जिले में विभिन्न दिशाओं में भेजा जाएगा।

हालाँकि उन्होंने जोर देकर कहा कि इस रथ यात्रा का उप-चुनावों या किसी भी दल से कोई लेना-देना नहीं है, हालाँकि कुछ बीजेपी नेताओं ने इस आयोजन का हिस्सा बनने में अपनी रूचि दिखाई है।

इससे पूर्व बीजेपी नेता और मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने सागर जिले में अपनी पार्टी के समर्थन हासिल करने के मकसद से सुर्खी विधानसभा सीट पर राम शिला रथ यात्रा का आयोजन किया था। इससे पहले भी बीजेपी ने अपने उम्मीदवार तुलसी सिलावट, जो कि शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, के समर्थन में इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट पर नर्मदा कलश यात्रा का एक और चार दिवसीय धार्मिक आयोजन किया था। इस कलश यात्रा के दौरान सामाजिक दूरी को बनाये रखने के मानदण्डों की कथित तौर पर धज्जियाँ उड़ाई गई थीं।
राजपूत और सिलावत ये दोनों ही नेता 20 अन्य विधायकों के साथ राज्य सभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस से बीजेपी में आये थे, जिसके चलते राज्य में कमलनाथ सरकार गिर गई थी।

बीजेपी और कांग्रेस के बीच जारी जुबानी जंग 

रथयात्रा पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भिंड से कांग्रेस नेता जयश्री राम बघेल का कहना था “चूँकि बीजेपी के पास मतदाताओं को अपने पक्ष में पटाने के लिए कुछ भी नहीं है, इसलिए इन उपचुनावों को जीतने के लिए वह धार्मिक एवं साम्प्रदायिक भावनाओं का इस्तेमाल कर रही है।”

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी मतदाताओं का ध्यान बेरोजगारी, विकास एवं भूख जैसे वास्तविक मुद्दों से भटकाने की कोशिश में लगी है। बघेल कहते हैं “बीजेपी के पास चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सिर्फ दो या तीन मुद्दे ही बचे हैं- पाकिस्तान, धर्म या राष्ट्रवाद। लेकिन मतदाता अब काफी जागरूक हो चुका है और आगामी उपचुनावों में वे उन्हें सबक सिखाकर रहेंगे।”

वहीँ कांग्रेस प्रवक्ता और ग्वालियर-चंबल प्रभाग के मीडिया प्रमुख केके मिश्रा का कहना है कि बीजेपी ने भगवान राम को चुनाव जिताऊ मशीन मान लिया है।

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“बीजेपी नेताओं को मतदाताओं से भारी गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। कुछ स्थानों में चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं ने उन्हें हल्ला-गुल्ला मचाकर वापस जाने को मजबूर कर दिया है। इसी को देखते हुए धार्मिक आयोजनों के झंडे तले वे मतदाताओं तक अपनी पैठ बनाने की जुगत में हैं, लेकिन उन्हें इस मामले में भी असफलता ही हाथ लगने वाली है” मिश्रा कहते हैं कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों के ग्वालियर एवं मुरैना में भी आयोजित किये जाने की संभावना है।

कांग्रेस पर अपने जवाबी हमले में बीजेपी प्रवक्ता रजनेश अग्रवाल पार्टी के इस रथ यात्रा में जुड़ाव के दावे को सिरे से ख़ारिज करते हैं। उनके अनुसार “रथ यात्रा से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है, यह विशुद्ध तौर पर एक धार्मिक आयोजन है।” 

राजनेता आमजन की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहे हैं 

वहीँ ग्वालियर स्थित वरिष्ठ पत्रकार रवि शेखर इस बात पर जोर देते हैं कि पिछले तीन हफ़्तों से इस क्षेत्र में कोरोनावायरस मामलों में बेतहाशा वृद्धि के बावजूद जिला प्रशासन ने जहाँ इस मुद्दे पर अपनी आँखें मूंद रखी हैं, वहीँ उसने राजनीतिक और धार्मिक समारोहों को अपनी अनुमति दे रखी है। हालाँकि महामारी काल में ऐसी सभाओं पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पाबंदी लगाने के निर्देश दिए हैं। 

शेखर के अनुसार “जैसे ही बीजेपी ने 22 से 24 अगस्त के दौरान तीन दिवसीय सदस्यता अभियान को संचालित करने की मुहिम चलाई, जिसमें भिंड, मोरेना एवं ग्वालियर के हजारों लोगों ने भाग लिया, उसके बाद से ही इस क्षेत्र में रैली आयोजित किये जाने के एक हफ्ते के भीतर ही कोरोनावायरस मामलों में 35-40% बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है।” वे आगे कहते हैं कि पिछले छह दिनों में इस महामारी के चलते ग्वालियर में 30 लोगों की मौत हो चुकी है।

इसके अतिरिक्त पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भी पिछले सप्ताह ग्वालियर में एक विशाल रैली का आयोजन किया था, जिसमें कोरोना सम्बंधी दिशानिर्देशों को ताक पर रख दिया गया था। शेखर कहते हैं “नेतागण आम लोगों की जिन्दगी को खतरे में डालने से बाज नहीं आ रहे हैं और विडंबना यह है कि प्रशासन भी इस मामले में उनके साथ ही खड़ा नजर आ रहा है।”

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

VHP, BJP Leaders Announce Another Ram Rath Yatra in MP Ahead of Bypolls

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